UP: सेवानिवृत्त इंजीनियर को 17 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, 38.42 लाख वसूले, मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने का खेला खेल
ठगों ने बुजुर्ग को इतना धमकाया कि वह 14 अक्तूबर को बैंक गए और जालसाजों के बताए खाते में 24 लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। 16 अक्तूबर को जालसाजों ने फिर से अश्वनी की फोन करके और रुपये भेजने का दबाव बनाया।
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साइबर जालसाजों ने कुर्सी रोड स्थित जानकीपुरम गार्डन निवासी सेवानिवृत्त इंजीनियर अश्वनी कुमार गुप्ता को 17 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी बताकर जेल भेजने की धमकी दी और 38.42 लाख रुपये हड़प लिए। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस आरोपियों के बैंक खातों की पड़ताल कर रही है।
अश्वनी कुमार गुप्ता के मुताबिक 30 सितंबर को उनके पास अनजान नंबर से कॉल आई थी। फोन करने वाले ने कहा कि आपके आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया है। आपका केस मुंबई क्राइम ब्रांच रेफर किया जा रहा है। थोड़ी देर बाद फिर कहा गया कि आपका केस डीजीपी चेन्नई की रेफर किया जा रहा है। आरोपियों ने बुजुर्ग से कहा कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला का केस दर्ज होगा। ठगों ने बुजुर्ग को जेल भेजने की धमकी दी और बैंक खातों व प्रॉपटों की जांच करने की बात कही। कहा कि जांच पूरी होने तक उन्हें किसी से बात नहीं करनी। झांसे में लेने के लिए ठगों ने वाट्सएप पर कुछ जाली कागजात भेजे और खाते में जमा सारी रकम ट्रांसफर करने के लिए कहा।
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ठगों ने बुजुर्ग को इतना धमकाया कि वह 14 अक्तूबर को बैंक गए और जालसाजों के बताए खाते में 24 लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। 16 अक्तूबर को जालसाजों ने फिर से अश्वनी की फोन करके और रुपये भेजने का दबाव बनाया। अश्वनी ने बताया कि उनके पास जो रकम थी वह उन्होंने भेज दी है। इस पर आरोपियों ने अश्वनी के बेटे को जेल भेजने की धमकी दी।
बैंक से लोन लेकर दी रकम: ठगों की धमकी से अश्वनी डर गए। उन्होंने एसबीआई बैंक से 14 लाख रुपये का पेंशन लोन लिया और ठगों के बताए खाते में 13 लाख 72 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने अश्वनी से एनओसी देने के नाम पर और रुपये मगि। बार-बार रकम मांगने पर अश्वनी को संदेह हुआ। उन्होंने परिजनों को बताया तो ठगी होने की जानकारी हुई। इंक्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव के मुताबिक, पीड़ित की तहरीर पर अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपियों के खाते में ठगी की रकम को फ्रीज कराने का प्रयास किया जा रहा है।
डिजिटल अरेस्ट से ऐसे बचें
अगर आपके पास अनजान नंबर से कॉल आए तो सावधान हो जाएं। अगर कॉल करने वाला शख्स यह कहता है कि आपके नाम से पार्सल बुक है। कस्टम विभाग ने पकड़ा है। केस दर्ज कर करके कार्रवाई की ला रही है.... तो तुरंत सतर्क हो जाएं। ये कॉल साइबर ठग की होती है। तत्काल पुलिस से शिकायत करें।
यहां करें शिकायत: यदि आप उगी का शिकार होते हैं तो साइबर क्राइम थाने, साइबर सेल, लोकल पुलिस स्टेशन, टोल फ्री नंबर 1930 या www.cybercrime, gov. in वेबसाइट के जरिये शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
राजधानी में पहले इनसे भी हुई है ठगी
- इंदिरानगर के लक्ष्मणपुरी विस्तार निवासी निजी कॉलेज की प्रोफेसर प्रमिला मानसिंह से 78.50 लाख रुपये हड़पे गए।
- कनाडा के रहने वालों सुमन कक्कड़ व उनकी बहन से 1.88 करोड़ ऐंठे गए।
- बाजारखाला के ऐशबाग निवासी सरकारी बैंक के पूर्व कर्मचारी प्रभात कुमार से 1.20 करोड़ हड़पे गए।
- एसजीपीजीआई की महिला डॉक्टर रुचिका टंडन से 2.81 करोड़ वसूले गए।
- हजरतगंज के अशोक मार्ग पर रहने वाले डॉक्टर पंकज रस्तोगी की पत्नी दीपा से 2.71 करोड़ की ठगी हुई। - हजरतगंज निवासी मरीन इंजीनियर एके सिंह से 84 लाख की ठगी हुई।
- ठाकुरगंज के पंचायती राज विभाग से रिटायर कमल कांत मिश्रा से 17 लाख 50 हजार वसूले गए थे।