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यूपी : प्रदेश के 3288 विद्यालय कौशल केंद्र के रूप में होंगे विकसित, 60 छात्र वाले विद्यालयों में बनेगी लैब
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: आकाश द्विवेदी
Updated Thu, 20 Nov 2025 04:20 PM IST
सार
यूपी में 2025-26 में 3288 विद्यालय कौशल केंद्र बनाए जाएंगे, जहां कक्षा 6–8 के लिए प्रैक्टिकल आधारित लैब स्थापित होंगी। छात्रों को कृषि, पर्यावरण, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षण मिलेगा। तकनीकी अनुदेशक तैनात होंगे और गतिविधियां नियमित कैलेंडर के अनुसार चलेंगी। पिछले सत्र में 2274 विद्यालयों में लैब बनी थीं।
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प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को करके सीखने के लिए लर्निंग बाई डूइंग कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत वर्तमान सत्र 2025-26 में 3288 उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों को कौशल केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां इससे जुड़ी लैब की स्थापना की जाएंगी। कक्षा छह से आठ के हजारों छात्रों को इसका लाभ मिलेगा।
इस लैब की स्थापना के लिए उन विद्यालयों का ही चयन होगा जहां कक्षा छह से आठ में 60 से अधिक छात्र और तीन से अधिक शिक्षक तैनात होंगे। ताकि इन लैब का सही से संचालन किया जा सके। विद्यालयों में इन लैब के माध्यम से छात्रों को कृषि, बागवानी, नर्सरी, ऊर्जा व पर्यावरण, स्वास्थ्य व घरेलू कामकाज से जुड़ी चीजों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए पढ़ाई से अतिरिक्त एक क्लास होना अनिवार्य होगा।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने बताया है कि प्रशिक्षित शिक्षक व तकनीकी अनुदेशक कक्षा छह से आठ के सभी बच्चों को क्लासवार हर सप्ताह दो-दो दिन लैब में प्रैक्टिकल गतिविधियां कराएंगे। एक बार में 20 से ज्यादा बच्चे नहीं शामिल किया जाएंगे। बच्चों को इन क्षेत्रों में प्रैक्टिकल के साथ किताबों में दी गई जानकारी को भी स्पष्ट करेंगे। इसके साथ ही बच्चों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं की साल में दो बार मेला या प्रदर्शनी लगाई जाए।
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इस लैब की स्थापना के लिए उन विद्यालयों का ही चयन होगा जहां कक्षा छह से आठ में 60 से अधिक छात्र और तीन से अधिक शिक्षक तैनात होंगे। ताकि इन लैब का सही से संचालन किया जा सके। विद्यालयों में इन लैब के माध्यम से छात्रों को कृषि, बागवानी, नर्सरी, ऊर्जा व पर्यावरण, स्वास्थ्य व घरेलू कामकाज से जुड़ी चीजों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए पढ़ाई से अतिरिक्त एक क्लास होना अनिवार्य होगा।
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महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने बताया है कि प्रशिक्षित शिक्षक व तकनीकी अनुदेशक कक्षा छह से आठ के सभी बच्चों को क्लासवार हर सप्ताह दो-दो दिन लैब में प्रैक्टिकल गतिविधियां कराएंगे। एक बार में 20 से ज्यादा बच्चे नहीं शामिल किया जाएंगे। बच्चों को इन क्षेत्रों में प्रैक्टिकल के साथ किताबों में दी गई जानकारी को भी स्पष्ट करेंगे। इसके साथ ही बच्चों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं की साल में दो बार मेला या प्रदर्शनी लगाई जाए।