इंदौर: कोर्ट के जाली फैसले तैयार कर पदोन्नति पाने वाला आईएएस अधिकारी गिरफ्तार, जज ने की थी शिकायत
इंदौर पुलिस ने आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को कोर्ट के दो जाली फैसले तैयार करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया। वर्मा ने कथित तौर पर खुद को दोषमुक्त बताने के लिए जाली आदेश तैयार कर आईएएस संवर्ग में पदोन्नति हासिल कर ली। कोर्ट की शिकायत पर वर्मा को गिरफ्तार किया गया है।
विस्तार
इंदौर में एक महिला से मारपीट के मामले में स्थानीय अदालत के दो अलग-अलग जाली फैसले तैयार करने के आरोप में पुलिस ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है।
अधिकारियों का दावा है कि आरोपी इस मामले में कथित दोषमुक्ति को लेकर अदालत के जाली फैसले की मदद से राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस संवर्ग में पदोन्नत हुआ था। शहर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) हरीश मोटवानी ने रविवार को बताया कि एक स्थानीय अदालत के दो जाली निर्णय तैयार करने के मामले में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर आयुक्त के रूप में भोपाल में पदस्थ संतोष वर्मा को पूछताछ के बाद शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया। सीएसपी ने मामले की जांच जारी होने का हवाला देते हुए विस्तृत जानकारी साझा नहीं की।
विशेष न्यायाधीश ने दर्ज कराई थी शिकायत
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में जिला न्यायालय के एक विशेष न्यायाधीश ने एमजी रोड थाने में 26 जून को शिकायत की थी। इस शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (दस्तावेजों की जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
विशेष न्यायाधीश के नाम से ये दो जाली फैसले किए थे तैयार#WATCH | Madhya Pradesh: IAS officer Santosh Verma arrested in Indore for forging court orders to escape an assault case.
"He was an accused in an assault case. With the help of some unknown persons, he forged court orders," says Ashutosh Bagri, SP, Indore. pic.twitter.com/XTtUFZgaGW — ANI (@ANI) July 11, 2021
अधिकारियों ने बताया कि मामले में आरोप है कि विशेष न्यायाधीश के नाम पर छह अक्तूबर, 2020 की तारीख के दो जाली फैसले तैयार किए गए। इनमें से एक फैसले में वर्मा को एक महिला से गाली-गलौज, मारपीट और आपराधिक धमकी के आरोपों से बरी बताया गया था, जबकि दूसरे फैसले में कहा गया था कि दोनों पक्षों में राजीनामा (समझौता) हो गया है।
जज ने कहा-6 अक्तूबर 2020 को कोई फैसला नहीं सुनाया था
अधिकारियों के मुताबिक, विशेष न्यायाधीश ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने छह अक्तूबर, 2020 को उक्त मामले में कोई भी निर्णय पारित नहीं किया, क्योंकि उन्होंने कैंसर का इलाज करा रही अपनी पत्नी की चिकित्सकीय जांचें कराने के लिए इस तारीख को एक दिन का आकस्मिक अवकाश लिया था।
राज्य प्रशासनिक सेवा से बना आईएएस अधिकारी
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आरोप है कि वर्मा ने महिला से मारपीट के मामले में कथित दोषमुक्ति को लेकर अदालत का जाली फैसला प्रदेश सरकार के सामने असली निर्णय के रूप में प्रस्तुत किया और इसके बाद राज्य प्रशासनिक सेवा के इस अफसर को पदोन्नत कर आईएएस संवर्ग में शामिल किया गया। अधिकारी ने बताया कि पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है तथा इसकी आंच कुछ और प्रभावशाली लोगों तक पहुंच सकती है।

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