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Kanha Tiger Reserve: बड़े बाघ से लड़ाई में घायल हुआ आठ साल का जूनियर बजरंग, लंगड़ाते देखा तो टीम ने किया उपचार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मंडला Published by: मंडला ब्यूरो Updated Mon, 21 Apr 2025 10:47 AM IST
सार

बाघ की गतिविधियों की निगरानी के लिए पेट्रोलिंग टीम तैनात की गई है। अधिकारियों ने बताया कि बाघों के बीच टकराव क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर सामान्य बात है, विशेषकर गर्मियों में। फिलहाल टी-118 की स्थिति स्थिर है और वह सामान्य जीवन की ओर लौट रहा है।

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Mandla News: Junior Bajrang tiger of Kanha Tiger Reserve got injured in a fight
घायल बाघ जूनियर बजरंग को रेस्क्यू करती टीम। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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कान्हा टाइगर रिजर्व के प्रसिद्ध बाघ टी-118, जिसे जूनियर बजरंग के नाम से जाना जाता है, उसको हाल ही में एक अन्य बाघ के साथ संघर्ष के दौरान चोटें आई हैं। यह घटना किसली रेंज में हुई, जहां पार्क स्टाफ ने बाघ को लंगड़ाकर चलते हुए देखा। इसके बाद पार्क प्रबंधन ने तत्परता दिखाते हुए स्थिति को संभालने के लिए तुरंत कार्रवाई की। घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्र संचालक रविंद्र मणि त्रिपाठी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम में उप संचालक, सहायक संचालक बंजर, कान्हा परिक्षेत्र अधिकारी और रेस्क्यू दल के अनुभवी सदस्य शामिल थे। टीम ने बाघ की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
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चिकित्सकीय जांच में मिली लड़ाई की पुष्टि
वन्यप्राणी चिकित्सकों ने बाघ को ट्रेंकुलाइज कर उसके स्वास्थ्य की जांच की। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि बाघ को अन्य बाघ के साथ संघर्ष के दौरान पंजों और दांतों से चोटें आई थीं। डिप्टी डायरेक्टर पुनीत गोयल ने बताया कि टी-118 के पंजे में बाइट मार्क्स पाए गए हैं और शरीर पर खरोंच के निशान भी मिले हैं। हालांकि बाघ को कोई भी गंभीर या अंदरूनी चोट नहीं लगी हैं, जो राहत की बात है।

मौके पर ही इलाज कर छोड़ा गया जंगल में
बाघ का मौके पर ही प्राथमिक उपचार किया गया। उसकी बाहरी चोटों पर मरहम लगाया गया और स्थिति सामान्य पाई गई, जिसके बाद उसे पुनः जंगल में छोड़ दिया गया। टी-118 की उम्र लगभग आठ वर्ष है। वह पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। वह अक्सर किसली रेंज में दिखाई देता रहा है।

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निगरानी के लिए पेट्रोलिंग टीम तैनात
पार्क प्रबंधन ने बाघ के स्वास्थ्य और व्यवहार पर नजर रखने के लिए एक पेट्रोलिंग टीम को नियुक्त किया है। यह टीम लगातार बाघ की मूवमेंट, शिकार की क्षमता और अन्य बाघों के साथ उसके व्यवहार की निगरानी कर रही है। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

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बाघों के बीच संघर्ष आम बात
वन अधिकारियों का कहना है कि बाघों के बीच क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर इस तरह के संघर्ष सामान्य हैं। खासकर गर्मियों के मौसम में जब जलस्रोत सीमित हो जाते हैं, तब इनकी टकराहट की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, पार्क प्रशासन सतर्क है और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। जूनियर बजरंग की स्थिति अब स्थिर है और वह धीरे-धीरे सामान्य गतिविधियों की ओर लौट रहा है। वन विभाग की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया है कि बाघ को समय रहते जरूरी उपचार मिल सके और उसकी सुरक्षा बनी रहे।
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