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Mandla News: मंडला लूटकांड का खुलासा, बिहार से मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपी गिरफ्तार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मंडला
Published by: मंडला ब्यूरो
Updated Sat, 29 Nov 2025 01:01 PM IST
सार
लिस ने मोबाइल टावर डंप और टोल प्लाजा फुटेज के आधार पर आरोपियों तक पहुंच बनाई। कृष्णा कुमार ने स्वीकार किया कि लूट के दौरान विरोध करने पर आयुष को गोली उसी ने मारी थी। 20 नवंबर की शाम हुई इस वारदात में आरोपी सोना–चांदी लेकर फरार हुए थे।
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अपराध। (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मंडला में आयुषी ज्वेलर्स से दो करोड़ से ज्यादा की लूट के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। मध्यप्रदेश पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई करते हुए मुजफ्फरपुर जिले के सदर, बरूराज और पारू थाना क्षेत्र में छापेमारी की। इस दौरान वारदात के मास्टरमाइंड मो. खालिद समेत तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बरूराज थाना क्षेत्र के रामपुरवा अखाड़ा निवासी मास्टरमाइंड मो. खालिद, सदर क्षेत्र के अतरदह वार्ड 31 के शशि कुमार और पारू थाना क्षेत्र के ग्यासपुर निवासी कृष्णा कुमार सिंह के रूप में हुई है। खालिद की कार भी घटना में प्रयुक्त होने के कारण जब्त कर ली गई। तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिए हैं।
शुक्रवार को कोतवाली मंडला थाना प्रभारी एसआई शफीक खान ने कोर्ट में तीनों आरोपियों को 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए आवेदन पेश किया। पुलिस अब लूटा गया सोना-चांदी बरामद करने के लिए लगातार दबिश दे रही है। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि वारदात के बाद अपराधियों की दो कारों की पहचान की गई थी। मोबाइल टावर डंप और कई टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर दोनों कारें नजर आईं। इन्हीं सुरागों के आधार पर पुलिस सीधे मास्टरमाइंड तक पहुंची।
खालिद की गिरफ्तारी के बाद शशि और कृष्णा तक पहुंचना आसान हो गया। 55 वर्षीय खालिद ने ही पूरी योजना तैयार की थी। पूछताछ में उसने बताया कि इस लूट में बिहार के अलावा मध्यप्रदेश के अपराधियों की भी मदद ली गई थी। उसने कई अन्य साथियों के नाम और पते भी बताए हैं, जिनकी तलाश पांच विशेष टीम कर रही है।
एसडीपीओ पश्चिमी 1 सुचित्रा कुमारी ने बताया कि अब तक तीन गिरफ्तारी हुई हैं, लेकिन जेवरात बरामद नहीं हो सके हैं। खालिद का आपराधिक रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, कृष्णा कुमार सिंह ने बयान दिया कि वह ग्यासपुर का रहने वाला है और मजदूरी करता है। उसकी मुलाकात खालिद से हुई थी, जिसने मंडला में एक ज्वेलर्स दुकान में ढेर सारा सोना होने की बात बताकर लूट में शामिल होने के लिए कहा था।
ये भी पढ़ें- शोर-शराबे से दूर सीएम के बेटे शादी, विवाह से पहले की रस्में पूरीं, दिखा अभिमन्यु का सादगी भरा अंदाज
17 नवंबर को खालिद अपनी कार से शशि और कृष्णा को लेकर कटनी, जबलपुर और इंदौर होते हुए मंडला पहुंचा। वहां स्थानीय बदमाशों पंकज ठाकुर, लवकुश, शनि और अजहर से संपर्क किया गया। कृष्णा ने स्वीकार किया कि लूट के दौरान जब आयुष ने विरोध किया, तो गोली उसी ने चलाई थी।
यह वारदात 20 नवंबर की शाम 7.15 से 7.30 बजे के बीच हुई थी। आयुषी ज्वेलर्स के कर्मचारी बॉबी यादव रोज की तरह दुकान बंद करने से पहले बैग में जेवर रखकर कार में रखने जा रहे थे। तभी एक कार आकर रुकी और तीन हथियारबंद अपराधी उतरे। विरोध करने पर आयुष को गोली मारी गई और सभी सोना–चांदी लेकर आरोपी कार से भाग निकले। पुलिस अब लूटा हुआ माल बरामद करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
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गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बरूराज थाना क्षेत्र के रामपुरवा अखाड़ा निवासी मास्टरमाइंड मो. खालिद, सदर क्षेत्र के अतरदह वार्ड 31 के शशि कुमार और पारू थाना क्षेत्र के ग्यासपुर निवासी कृष्णा कुमार सिंह के रूप में हुई है। खालिद की कार भी घटना में प्रयुक्त होने के कारण जब्त कर ली गई। तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिए हैं।
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शुक्रवार को कोतवाली मंडला थाना प्रभारी एसआई शफीक खान ने कोर्ट में तीनों आरोपियों को 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए आवेदन पेश किया। पुलिस अब लूटा गया सोना-चांदी बरामद करने के लिए लगातार दबिश दे रही है। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि वारदात के बाद अपराधियों की दो कारों की पहचान की गई थी। मोबाइल टावर डंप और कई टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर दोनों कारें नजर आईं। इन्हीं सुरागों के आधार पर पुलिस सीधे मास्टरमाइंड तक पहुंची।
खालिद की गिरफ्तारी के बाद शशि और कृष्णा तक पहुंचना आसान हो गया। 55 वर्षीय खालिद ने ही पूरी योजना तैयार की थी। पूछताछ में उसने बताया कि इस लूट में बिहार के अलावा मध्यप्रदेश के अपराधियों की भी मदद ली गई थी। उसने कई अन्य साथियों के नाम और पते भी बताए हैं, जिनकी तलाश पांच विशेष टीम कर रही है।
एसडीपीओ पश्चिमी 1 सुचित्रा कुमारी ने बताया कि अब तक तीन गिरफ्तारी हुई हैं, लेकिन जेवरात बरामद नहीं हो सके हैं। खालिद का आपराधिक रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, कृष्णा कुमार सिंह ने बयान दिया कि वह ग्यासपुर का रहने वाला है और मजदूरी करता है। उसकी मुलाकात खालिद से हुई थी, जिसने मंडला में एक ज्वेलर्स दुकान में ढेर सारा सोना होने की बात बताकर लूट में शामिल होने के लिए कहा था।
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17 नवंबर को खालिद अपनी कार से शशि और कृष्णा को लेकर कटनी, जबलपुर और इंदौर होते हुए मंडला पहुंचा। वहां स्थानीय बदमाशों पंकज ठाकुर, लवकुश, शनि और अजहर से संपर्क किया गया। कृष्णा ने स्वीकार किया कि लूट के दौरान जब आयुष ने विरोध किया, तो गोली उसी ने चलाई थी।
यह वारदात 20 नवंबर की शाम 7.15 से 7.30 बजे के बीच हुई थी। आयुषी ज्वेलर्स के कर्मचारी बॉबी यादव रोज की तरह दुकान बंद करने से पहले बैग में जेवर रखकर कार में रखने जा रहे थे। तभी एक कार आकर रुकी और तीन हथियारबंद अपराधी उतरे। विरोध करने पर आयुष को गोली मारी गई और सभी सोना–चांदी लेकर आरोपी कार से भाग निकले। पुलिस अब लूटा हुआ माल बरामद करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।

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