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Sidhi News: सोन घड़ियाल अभयारण्य में गूंजी किलकारी, पांच मादा घड़ियालों ने जन्मे 132 बच्चे

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीधी Published by: सीधी ब्यूरो Updated Tue, 03 Jun 2025 04:16 PM IST
सार

यह पहली बार है जब इस अभयारण्य में इतनी बड़ी संख्या में घड़ियाल शिशुओं का जन्म हुआ है। वर्ष 1981 में स्थापित इस अभयारण्य में कभी घड़ियालों की संख्या में भारी गिरावट आ गई थी, विशेषकर 2021 में दो नर घड़ियालों की मृत्यु के बाद। 

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Sidhi News: Five female crocodiles gave birth to 132 babies in Son Gharial Sanctuary
घड़ियाल। - फोटो : freepik
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विस्तार
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मध्य प्रदेश के सीधी जिले स्थित सोन घड़ियाल अभयारण्य जोगदह में वन्यजीव संरक्षण की एक नई मिसाल सामने आई है। यहां पांच मादा घड़ियालों से 132 बच्चों का जन्म हुआ है, जिससे न सिर्फ अभयारण्य क्षेत्र गुलजार हो उठा है, बल्कि वन विभाग और स्थानीय लोगों में भी खुशी की लहर है। यह पहली बार है जब सोन घड़ियाल अभयारण्य में इतनी बड़ी संख्या में घड़ियालों के बच्चे जन्मे हैं।
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इस अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1981 में की गई थी, जहां शुरू में मगर और घड़ियाल लाकर बसाए गए थे। शुरुआती सफलता के बाद घड़ियालों की संख्या में गिरावट एक बड़ी चुनौती बन गई थी। वर्ष 2021 में दो नर घड़ियालों की मृत्यु के बाद यहां नर घड़ियालों की संख्या लगभग शून्य हो गई थी। बाद में चंबल से लाए गए एक नर घड़ियाल के प्रयासों से यह उपलब्धि संभव हो सकी।
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हालांकि घड़ियालों के संरक्षण में अब भी कई चुनौतियां हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जन्म के बाद केवल दो प्रतिशत बच्चे ही जीवित रह पाते हैं और हैचरी सुविधा न होने से यह चुनौती और गंभीर हो जाती है। सोन घड़ियाल अभ्यारण में अभी हैचरी की सुविधा नहीं है, लेकिन विभाग ने इसे जल्द शुरू करने की योजना बनाई है, ताकि बच्चों की सुरक्षा और पालन-पोषण बेहतर तरीके से हो सके।

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वर्तमान में अभ्यारण में 38 वयस्क घड़ियाल, 74 मगरमच्छ, 41 स्कीमर और 49 प्रजातियों के 4015 पक्षी दर्ज किए गए हैं। बच्चों को छोड़कर 38 घड़ियालों की संख्या दर्ज की गई है, क्योंकि कम उम्र में नर और मादा की पहचान कर पाना कठिन होता है। एक नर घड़ियाल जो पानी के बहाव में बिहार पहुंच गया था, अब तक वापस नहीं लाया जा सका है, जबकि उसकी लोकेशन ट्रैक की जा चुकी है। मध्य प्रदेश सरकार ने कई बार प्रयास किए, लेकिन बिहार सरकार से उसे वापस लाने की अनुमति नहीं मिली।

वन विभाग के डीएफओ राजेश ने कहा कि आने वाले समय में और नर घड़ियाल लाकर उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी और हैचरी की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे सोन घड़ियाल अभ्यारण देश में घड़ियाल संरक्षण का प्रमुख केंद्र बन सके।
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