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Exclusive: बीपी, शुगर, हृदय और गैस की दवाएं हुईं महंगी, जानिए क्या है बड़ी वजह

नीरज मिश्र, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Wed, 20 Oct 2021 01:10 PM IST
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BP, sugar, heart and gas medicines expensive due to not supply of raw materials from China
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : iStock
कच्चे माल के दाम बढ़ने कारण शुगर, बीपी, हृदय, आई ड्रॉप, दर्द निवारक मलहम और एंटीबॉयोटिक दवाओं के दामों में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। दवा व्यापारियों का कहना है कि अभी दवाओं के दाम 15 से 20 प्रतिशत और बढ़ सकते हैं, क्योंकि कच्चे माल की आपूर्ति चीन से बेहद कम हो रही है। कोयला उत्पादन न होने की वजह से चीन में बहुत-सी फैक्ट्रियों ने सप्लाई भी कम कर दी है।


जानकारी के मुताबिक अब भी चीन से कच्चे माल की आपूर्ति हो रही है, लेकिन वह सीधे न होकर मलयेशिया और नेपाल जैसे देशों से हो रही है। इसकी वजह से कीमतों में बढ़ोत्तरी हो गई है। इसके अलावा हाल के ही दिनों में तेल की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। इसकी वजह से कंपनियों ने भी दाम बढ़ा दिए हैं। बेतियाहाता के दवा व्यवसायी आशीष ने बताया कि नए स्टॉक की कीमतों में 10 से 20 फीसदी इजाफा हुआ है। पैरासिटामॉल के कच्चे माल के दाम में भी 15 से 20 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वहीं पेन किलर, मल्टी विटामिन, हृदय, थायरॉयड जैसी दवाओं के निर्माण में इस्तेमाल में होने वाले कच्चे माल के दामों में भी डेढ़ गुना इजाफा हुआ है। कार्डियक, मनोरोग, शुगर, बीपी की दवाओं के सॉल्ट की कीमतों में भी 40 से 600 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है। इसके अलावा न्यूरो, यूरोलॉजी की दवाओं के दाम बढ़ने के संकेत मिले हैं।
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BP, sugar, heart and gas medicines expensive due to not supply of raw materials from China
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : iStock
नहीं हो रही है पुराने दामों पर दवाओं के ऑर्डर की सप्लाई
भालोटिया के दवा व्यापारी सुमित ने बताया कि पुरानी दरों पर बुक किए गए ऑर्डर की सप्लाई नहीं हो पा रही है। दवाओं के हर दिन बढ़ते दामों से बाजार में असमंजस की स्थिति है। पुराने बैच की कुछ दवाएं जो पहले 70 से 80 रुपये की मिलती थीं, अब उन दवाओं की कीमत 170 रुपये के आसपास हो गई है।
 
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BP, sugar, heart and gas medicines expensive due to not supply of raw materials from China
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Pixabay
दवाओं के दामों में और बढ़ोत्तरी के संकेत
दवाओं के दाम पिछले 10 माह के अंदर दो बार बढ़ चुके हैं। यह तीसरी बार है, जब दवाओं के दामों में बढ़ोतरी हुई है। दवा कंपनी के प्रतिनिधियों ने संकेत दिए हैं कि कच्चा माल, पेट्रोलियम पदार्थों में वृद्धि का असर अभी और होने वाला है। फार्मा कंपनियों के तेवर यह बता रहे हैं कि जल्द ही दामों में और बढ़ोत्तरी  होगी।
BP, sugar, heart and gas medicines expensive due to not supply of raw materials from China
प्रतीकात्मक तस्वीर। - फोटो : Pixabay
एंटी फंगल क्रीम और कील मुंहासे की दवाओं के बढ़े तेजी से दाम
एंटी फंगल क्रीम के दामों में हर छह माह में जबरदस्त इजाफा हो रहा है। लुलीकोनाजोल 10 ग्राम क्रीम की कीमत 150-170 के बीच थी, लेकिन इस वक्त 210 से 220 के आसपास हो गई है। केटोकोनाजोल की कीमत 90-115 से बढ़कर 180 के आसपास हो गई है। कील मुंहासों के लिए सबसे ज्यादा बिकने वाली आइसोट्रॉयन कैप्सूल की कीमत 250-270 से बढ़कर 310 से 320 के बीच हो गई है।
 
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BP, sugar, heart and gas medicines expensive due to not supply of raw materials from China
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला।
ब्लैक में बिक्री की नहीं आई है शिकायत
ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण की ओर से दवाओं के दाम तय किए जाते हैं। ब्लैक में बेचने पर विभाग को कार्रवाई का अधिकार है। निर्धारित मूल्य से अधिक बेचने पर विभाग कार्रवाई करता है। अब तक ऐसी कोई शिकायत भी नहीं आई है। 
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