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वीडियो वायरल: हिरण को काबू करने में बेरहम हो गए वनकर्मी, तस्वीरें देखकर कांप जाएगी रूह

रोहित सिंह, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Sat, 14 Aug 2021 11:17 AM IST
Forest workers became ruthless in controlling deer at Gorakhpur
घायल हिरण। - फोटो : अमर उजाला।

गोरखपुर जिले में विनोद वन से शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) ले जाने के लिए हिरण को पकड़ने में वनकर्मियों ने बेरहमी की सारी की हदें पार कर दीं। यही नहीं, बर्बरता का वीडियो भी बनाया और इसे वायरल भी कर दिया। इससे वन्य जीव प्रेमियों में नाराजगी है। कर्मचारियों की इस हरकत से वन विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं। हालांकि कर्मचारियों को बचाने के लिए अधिकारी तर्क पेश कर रहे हैं कि हिरण हिंसक हो गया था, काबू करने के लिए सख्ती करनी पड़ी।       



जानकारी के अनुसार चिड़ियाघर के लिए विनोद वन से हिरण लाने की प्रक्रिया पिछले तीन माह से चल रही है। हिरणों को पकड़ने के लिए विनोद वन में पिंजड़े लगाए गए लेकिन काम नहीं बना। सशंकित हिरण इन पिंजड़ों के करीब भी नहीं आए। इसके बाद पिछले सप्ताह ही विनोद वन में कैमोफ्लॉज डिजाइन के पिंजड़े लगाए गए। इन पिंजड़ों के प्रवेशद्वार हरी घास से ढंके थे। इनके भीतर एक छोटे दरवाजे वाला पिंजड़ा भी रखा गया जिसमें घुसने के बाद हिरण बाहर नहीं निकल सकते। इस पिंजड़े में एक-एक कर सात हिरण फंसे।

 

Forest workers became ruthless in controlling deer at Gorakhpur
घायल हिरण। - फोटो : अमर उजाला।

वन विभाग सूत्रों के मुताबिक इनमें से एक हिरण काफी बेचैन और हमलावर हो गया। उसने दूसरे हिरणों को मारना शुरू कर दिया। इस पर उसे अलग करने का निर्णय लिया गया। वनकर्मियों ने इस पर हिरण को काबू करने के लिए बेरहमी की हदें पार कर दीं। एक कर्मी ने हिरण की गर्दन पर पैर रखा और हाथ से मुंह को दबा उसे बेबस किया। अन्य कर्मचारियों ने हिरण के अगले और पिछले पैरों को ऐसा जकड़ा कि उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इस बीच हिरण को प्रशांतक (ट्रैंक्वलाइजर) का इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया गया। वहीं किसी कर्मचारी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।
 
 

Forest workers became ruthless in controlling deer at Gorakhpur
घायल हिरण। - फोटो : अमर उजाला।

डीएफओ अविनाश कुमार ने कहा कि वायरल वीडियो आश्चर्यजनक है। किसी भी वन्य जीव के साथ ऐसा बर्बर बर्ताव किया जाना गलत है। विनोद वन, वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है, यहां से हिरण पकड़कर प्राणि उद्यान ले जाए गए हैं। हिरण से इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है। रेंजर से जवाब मांगा जाएगा। इस तरह के वीडियो वायरल होना विभाग की छवि को धूमिल करता है।


 

Forest workers became ruthless in controlling deer at Gorakhpur
घायल हिरण। - फोटो : अमर उजाला।
प्राणि उद्यान के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि हिरण जब अति उत्तेजित हो गया और अन्य हिरणों को मारने लगा तब उसे फिजिकल रिस्ट्रेन से पकड़कर पिंजड़े में डाला गया।
 
Forest workers became ruthless in controlling deer at Gorakhpur
गोरखपुर चिड़ियाघर में बिनोद वन से लाया जा रहा है हिरण। - फोटो : अमर उजाला।
उठ रहे हैं कई सवाल
हिरण को बेरहमी से पकड़े जाने का वीडियो वायरल होने पर वन विभाग और उद्यान विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि वन्य जीव संरक्षित श्रेणी में आते हैं। केंद्रीय प्राणि उद्यान के नियम कहते हैं कि पशु को काबू करने में मजबूरी में यदि सख्ती करनी पड़े तो उसे गोपनीय रखा जाता है। ऐसे में वीडियो बनाकर वायरल करना गलत संदेश देता है। कोई भी व्यक्ति मुख्य, वन्य जीव प्रबंधक या प्राधिकृत अधिकारी की पूर्व लिखित अनुमति के बिना वन्य जीवों को कब्जे, हिरासत, नियंत्रण, स्थानांतरण, उपहार, बिक्री आदि नहीं कर सकता। इसके अलावा पशुओं केे पिंजड़े में कैद नहीं कर सकता। यह वन्य प्राणि संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन माना जाता है।
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