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चमत्कारी बाबा: जानिए कौन थे देवरहा बाबा, जिनका आशीर्वाद पाकर इंदिरा गांधी भी हो जाती थीं प्रसन्न
अमर उजाला नेटवर्क, देवरिया।
Published by: vivek shukla
Updated Fri, 13 Aug 2021 04:36 PM IST
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देवरहा बाबा और इंदिरा गांधी। (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला।
आज हम आपको एक ऐसे दिव्य संत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी कहानी सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। इनका नाम देवरहा बाबा है। देवरहा बाबा जाने माने सिद्ध पुरुष और एक कर्मठ योगी थे। उन्होंने अपनी उम्र, तप और सिद्धियों के बारे में कभी कोई दावा नहीं किया। सहज, सरल और सादा जीवन जीने वाले बाबा देवरहा तो बिना पूछे ही सब कुछ जान लेते थे। यह उनकी साधना की शक्ति थी। ऋषि-मुनियों के देश भारत में ऐसे कई संत हुए हैं, जिन्हें दिव्य संत कहा जाता है। ऐसे ही एक दिव्य संत थे, देवरहा बाबा। सहज, सरल और शांत प्रवृति के बाबा को बहुत ज्ञान था। उनसे मिलने आने वालों में देश-दुनिया के बड़े-बड़े लोगों के नाम शामिल हैं।
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देवरहा बाबा
- फोटो : अमर उजाला।
कहा जाता है कि बाबा जल पर भी चलते थे, उन्हें प्लविनी सिद्धि प्राप्त थी। किसी भी गंतव्य पर पहुंचने के लिए उन्होंने कभी सवारी नहीं की। बाबा हर साल माघ मेले के समय प्रयाग आते थे। यमुना किनारे वृंदावन में वह आधा घंटा तक तक पानी में, बिना सांस लिए रह लेते थे। देवरहा बाबा ने अपनी उम्र, तप और सिद्धियों के बारे में कभी कोई दावा नहीं किया, लेकिन उनके इर्द-गिर्द हर तरह के लोगों की ऐसी भी भीड़ रही, जो उनमें चमत्कार तलाशती थी।
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देवरहा बाबा
- फोटो : अमर उजाला।
देश में आपातकाल के बाद चुनाव हुए, तो इंदिरा गांधी हार गईं। कहते हैं कि वह भी देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने गईं। बाबा ने उन्हें हाथ उठाकर पंजे से आशीर्वाद दिया। वहां से लौटने के बाद इंदिरा जी ने कांग्रेस का चुनाव चिह्न हाथ का पंजा ही तय किया। इसी चिह्न पर 1980 में इंदिरा जी के नेतृत्व में कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत प्राप्त किया और वे देश की प्रधानमंत्री बनीं। बाबा मचान पर बैठे-बैठे ही श्रद्धालुओं को धन्य करते थे। कई लोगों का दावा था कि उनके होंठों तक आने से पहले ही बाबा उनके मन की बात जान लेते थे।
देवरहा बाबा
- फोटो : अमर उजाला।
बाबा हमेशा निरवस्त्र रहते हुए मृग छाला पहनते थे। बाबा के दर्शन के लिए मईल आश्रम पर 1911 में जार्ज पंचम दर्शन करने के लिए भारत आए थे। देश के महान विभूति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, मदनमोहन मालवीय, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी बाजपेयी, मुलायम सिंह यादव , वीरबहादुर सिंह, विंदेश्वरी दुबे, जग्रनाथ मिश्र आदि नेताओं सहित प्रशासनिक अधिकारी बाबा का आशीर्वाद लेते थे।
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देवरहा बाबा
- फोटो : अमर उजाला
सन् 1911 में जॉर्ज पंचम भारत आए, तो देवरिया जिले के मइल गांव में बाबा के आश्रम पहुंचे। उन्होंने बाबा के साथ क्या बात की, यह उनके शिष्यों ने कभी भी जगजाहिर नहीं की। चार खंभों पर टिका मचान ही उनका महल था, जहां नीचे से ही लोग उनके दर्शन करते थे। मइल गांव में वह साल में आठ महीना बिताते थे।