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अस्पताल कर्मचारी मौत मामला: शहाना की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छिपे हैं कई सवाल, दरोगा पर केस
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Mon, 18 Oct 2021 03:15 AM IST
सार
शहाना का शव शुक्रवार सुबह कोतवाली के बक्शीपुर क्षेत्र स्थित किराए के घर में दुपट्टे के फंदे से लटकता मिला था। कमरे का दरवाजा खुला था और उसके दोनों घुटने फर्श पर टिके थे। पास में ही सात माह का बेटा बिलख रहा था।
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शहाना के गले में दुपट्टे का फंदा है, मगर उसके दोनों पैर घुटने से मुड़े हुए हैं और वह फर्श पर ऐसे मुद्रा में बैठी है, जैसे इबादत कर रही हो। ऐसी मुद्रा में गला कैसे कस सकता है और गला कसेगा नहीं तो दम घुटने से मौत कैसे होगी?
- फोटो : अमर उजाला।
गोरखपुर जिला महिला अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मचारी शहाना निशा (30) की मौत मामले में परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है। परिजनों का आरोप है कि कोतवाली क्षेत्र के एक दरोगा से शहाना के नजदीकी संबंध थे। परिजनों ने मामले में केस दर्ज करके निष्पक्ष जांच कराने व प्रभावी कार्रवाई की मांग की है। संदेह के आधार पर कोतवाली पुलिस दारोगा से पूछताछ कर रही है।
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शहाना के गले में दुपट्टे का फंदा है, मगर उसके दोनों पैर घुटने से मुड़े हुए हैं और वह फर्श पर ऐसे मुद्रा में बैठी है, जैसे इबादत कर रही हो। ऐसी मुद्रा में गला कैसे कस सकता है और गला कसेगा नहीं तो दम घुटने से मौत कैसे होगी?
- फोटो : अमर उजाला।
जमीन पर टिके थे शहाना के घुटने
शहाना के घुटने जमीन पर टिके हैं। जैसे, इबादत की मुद्रा में बैठी हो। सात महीने तक वह मानदेय के लिए अफसर-अफसर के दर पर घुटने टेकती रही। आखिर उसने मौत के सामने घुटने टेक दिए। स्वेच्छा से या शिकार बनकर, यह लाख टके का सवाल है। इस सवाल का जवाब तलाशने में शायद पुलिस की दिलचस्पी नहीं है। वरना फर्श पर टिके घुटने पर पुलिस की निगाहें जरूर अटक गईं होतीं। शहाना की मौत के बाद घटनास्थल की जो तस्वीर सामने आई, वह आत्महत्या के तथ्यों को कटघरे में खड़ी कर रही है। शहाना का गले में दुपट्टे का फंदा है, जो ऊपर कहीं बंधा भी है। लेकिन, उसके दोनों घुटने फर्श पर टिके हैं। सामान्य तौर पर आत्महत्या के मामलों में ऐसा नहीं होता है। मोदी मेडिकल ज्यूरिसप्रूडेंस में पार्सियल हैंगिंग के कुछ मामलों में ऐसी बानगी है, मगर यह है दुर्लभतम स्थिति।
शहाना के घुटने जमीन पर टिके हैं। जैसे, इबादत की मुद्रा में बैठी हो। सात महीने तक वह मानदेय के लिए अफसर-अफसर के दर पर घुटने टेकती रही। आखिर उसने मौत के सामने घुटने टेक दिए। स्वेच्छा से या शिकार बनकर, यह लाख टके का सवाल है। इस सवाल का जवाब तलाशने में शायद पुलिस की दिलचस्पी नहीं है। वरना फर्श पर टिके घुटने पर पुलिस की निगाहें जरूर अटक गईं होतीं। शहाना की मौत के बाद घटनास्थल की जो तस्वीर सामने आई, वह आत्महत्या के तथ्यों को कटघरे में खड़ी कर रही है। शहाना का गले में दुपट्टे का फंदा है, जो ऊपर कहीं बंधा भी है। लेकिन, उसके दोनों घुटने फर्श पर टिके हैं। सामान्य तौर पर आत्महत्या के मामलों में ऐसा नहीं होता है। मोदी मेडिकल ज्यूरिसप्रूडेंस में पार्सियल हैंगिंग के कुछ मामलों में ऐसी बानगी है, मगर यह है दुर्लभतम स्थिति।
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शहाना मौत मामला
- फोटो : अमर उजाला।
चूंकि, मामला सामान्य नहीं है, लिहाजा पुलिस को केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से इसे आत्महत्या नहीं मान लेना चाहिए। यह तब और अहम हो जाता है कि परिजनों का आरोप है कि शहाना के घर में एक दरोगा का आना-जाना था। परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं। पुलिस की पिटाई से कानपुर के कारोबारी की मौत के मामले में अभी गोरखपुर पुलिस राहत की पूरी सांस भी नहीं ले पाई है।.. और फिर एक पुलिसकर्मी पर एक महिला के परिजनों का हत्या का आरोप। शहाना के इस फोटो को देखकर क्या नहीं लगता कि आला अफसरान बेहद दबाव में हैं और उन्होंने घटनास्थल की इस फोटो को नजरअंदाज कर दिया। मातहत ने भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से आनन-फानन में घटना को आत्महत्या करार दे दिया। थोड़ा तो सोचने की जरूरत है।
शहाना की मौत के बाद कर्मचारियों का हंगामा।
- फोटो : अमर उजाला।
दरोगा से पूछताछ
बक्शीपुर में शहाना किराए के मकान में रहती थी। बताया जा रहा है कि वहां पर दरोगा का अक्सर आना जाना होता था। पूर्व में वह दरोगा लंबे समय तक कोतवाली थाने में तैनात रहा। इसी दौरान उसकी शहाना से जान- पहचान हुई थी। एसएसपी के निर्देश पर दरोगा से कोतवाली पुलिस ने पूछताछ भी की है। दरोगा से महिला से संबंधों की जानकारी ली जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को दरोगा में थाने में बैठाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद छोड़ा गया है।
मां बोली, हुई है अनहोनी करें जांच
शहाना की मां तैरुननिशा ने कोतवाली थाना प्रभारी को प्रार्थना पत्र देकर अनहोनी की आशंका जताई है। तैरुननिशा ने अधिकारियों से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराकर बेटी की मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई करें।
बक्शीपुर में शहाना किराए के मकान में रहती थी। बताया जा रहा है कि वहां पर दरोगा का अक्सर आना जाना होता था। पूर्व में वह दरोगा लंबे समय तक कोतवाली थाने में तैनात रहा। इसी दौरान उसकी शहाना से जान- पहचान हुई थी। एसएसपी के निर्देश पर दरोगा से कोतवाली पुलिस ने पूछताछ भी की है। दरोगा से महिला से संबंधों की जानकारी ली जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को दरोगा में थाने में बैठाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद छोड़ा गया है।
मां बोली, हुई है अनहोनी करें जांच
शहाना की मां तैरुननिशा ने कोतवाली थाना प्रभारी को प्रार्थना पत्र देकर अनहोनी की आशंका जताई है। तैरुननिशा ने अधिकारियों से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराकर बेटी की मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई करें।
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डीएम विजय किरन आनंद।
- फोटो : अमर उजाला।
जिलाधिकारी गोरखपुर विजय किरन आनंद ने बताया कि परिजनों ने तहरीर में आत्महत्या की वजह आर्थिक तंगी या मानदेय नहीं लिखा है। मृत महिला के पिता ने किसी के साथ संबंध होने के आरोप लगाए हैं। मानदेय के संबंध में जानकारी हुई थी। ऐसे सभी कर्मचारियों के बैंक खाते में मानदेय भेजने के आदेश दिए गए हैं। आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की तैनाती की प्रक्रिया चल रही है। इसमें पुराने लोगों को समायोजित भी किया जाएगा।