गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित हिंदू सेवाश्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को जनता दर्शन में 200 से अधिक फरियादियों की समस्याएं सुनी और संबंधित अफसरों को जल्द निस्तारण का निर्देश दिया। इस दौरान कैम्पियरगंज के थवईपार ग्राम सभा से आए राम गिरीश सिंह, सुरेंद्र सिंह, उदय प्रताप सिंह, संतोष, कुशहर सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुहार लगाई कि उनके ग्राम सभा में 1962 के बाद से अब तक कभी चकबंदी की प्रक्रिया नहीं हुई है।
जनता दरबार: मुख्यमंत्री जी! 1962 के बाद से कभी नहीं हुई चकबंदी, गांव में हो रहा विवाद
इसी तरह मिर्जापुर थाना अहरौरा से आई रिंकी देवी ने मुख्यमंत्री को बताया कि 9 सितंबर को प्रधान चौकिया के साथ आए लोगों ने उनके ससुर श्याम के साथ मारपीट की। उपचार के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका 12 सितंबर को निधन हो गया। मगर अभी तक इस मामले में स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
कुशीनगर के कसया थाना क्षेत्र के सिधुआ बांगर भाट निवासी एमएमएमयूटी में संविदा कर्मचारी विष्णु गोविंद पुत्र धनजीत ने मुख्यमंत्री से शिकायत की कि उनकी 53 डिसमिल जमीन मौजा सोहनरिया में है। इस जमीन में उनके बाबा रामवृक्षदास ने रामजानकी मंदिर बनाया। आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से 9 डिसमिल जमीन चकबंदी में गलत तरीके से अपने नाम करा कर मंदिर समेत अन्य जमीन पर कब्जे का प्रयास कर रहे हैं। जनता दर्शन के दौरान कमिश्नर रवि कुमार एनजी, डीएम विजय किरन आनंद, एसएसपी विपिन ताडा आदि अफसर मौजूद रहे।
यूपीएसएसएससी में चयन के बाद भी नहीं भेजी फाइल
जनता दर्शन में पहुंची ऋचा तिवारी ने मुख्यमंत्री को बताया कि असिस्टेंट टेक्न्निकल एजी. टीए के पद पर चयन हुआ। लेकिन फार्म में ऋुटि की वजह से प्रोविजनल लिस्ट में नाम डाल दिया गया। जानकारी होने पर उन्होंने तत्काल स्पष्टीकरण भी दिया लेकिन यूपीएसएसएससी के दफ्तर में तमाम चक्कर लगाने के बाद भी अब तक फाइल कृषि विभाग को नियुक्ति के लिए नहीं भेजी गई।
डॉ. अनिता की मारवाड़ी में लिखित सुन्दरकांड को मुख्यमंत्री ने सराहा
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साहित्यकार डॉ अनिता अग्रवाल द्वारा मारवाड़ी भाषा में अनुवाद ‘श्रीराम चरित मानस सुंदरकांड’ पुस्तक की सराहना की। शनिवार को गोरखनाथ मंदिर में मुलाकात के दौरान डॉ अनिता अग्रवाल और उनके पति डॉ नरेश अग्रवाल ने इस पुस्तक की पहली प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट की। मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि मारवाड़ी भाषी सामान्य जन को सुंदरकांड की कथा यात्रा कराने में यह पुस्तक सहायक होगी।