रेमडेसिविर इंजेक्शन अब कोरोना संक्रमितों के इलाज में कारगर नहीं है। इसके इस्तेमाल से संक्रमण कम नहीं हो रहा है। यह खुलासा आईसीएमआर के शोध में हुआ है। आईसीएमआर के विशेषज्ञों की रिपोर्ट से डॉक्टर भी हैरान हैं।
अब कोरोना संक्रमितों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन हुआ बेअसर, आईसीएमआर के शोध से डॉक्टर भी हैरान
आईसीएमआर ने हाल ही में रेमडेसिविर की क्षमता को आंकने के लिए 930 मरीजों पर शोध किया है। यह शोध करीब डेढ़ महीने तक किया गया। देश के नामी चिकित्सा संस्थानों में हुए इस शोध के परिणाम बेहद हैरान करने वाले हैं क्योंकि रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोई खास असर संक्रमितों पर नहीं दिखा।
इंजेक्शन लगाने के बाद संक्रमित को कोई राहत नहीं मिली। इसको लेकर तीन दिन पहले आईसीएमआर ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है। आईसीएमआर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि देश के अलावा विश्व के 30 अन्य देशों में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन पर हुए शोध के परिणाम एक जैसे ही रहे हैं। शहर में कोरोना काल के दौरान थोक दवा मंडी से करीब 10 हजार से ज्यादा रेमडेसीविर इंजेक्शन की बिक्री हुई है।
बिहार और नेपाल में भी सप्लाई
शहर की थोक दवा मंडी भालोटिया से कुशीनगर, महाराजगंज, देवरिया, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर के अलावा बिहार और नेपाल में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई हुई है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज, पैनेशिया अस्पताल सहित ज्यादातर अस्पतालों में डॉक्टर इंजेक्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में करीब 1000 मरीजों के इलाज के दौरान इंजेक्शन लगाए गए हैं। इसमें भी बहुत सारे मरीज ऐसे हैं जिन्हें 5 से 6 इंजेक्शन लगे हैं।
नहीं मिला कारगर, कमेटी को भेजी जाएगी रिपोर्ट
आरएमआरसी निदेशक व आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) के प्रवक्ता डॉ. रजनीकांत ने कहा कि यह इंजेक्शन संक्रमितों के इलाज में प्रभावी नहीं मिला है। ऐसे में आईसीएमआर के कोर कमेटी को रिपोर्ट भेजी जा रही है। यह कमेटी ही दवाओं के प्रयोग को लेकर गाइड लाइन जारी करती है।