भाजपा के चुनावी जीत का कनेक्शन गोरखनाथ मंदिर से जुड़ा हुआ है। यहां गोरखनाथ मंदिर में आशीर्वाद लेने के बाद भाजपा ने अपने कई चुनावी समीकरण बदले हैं। आगे की स्लाइड्स में पूरी कहानी...
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गोरखनाथ मंदिर में है भाजपा की जीत की चाभी, अमित शाह ने भी लिया था यहां आशीर्वाद
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Thu, 01 Oct 2020 09:17 AM IST
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बाबा गोरखनाथ का दर्शन करते अमित शाह। (File)
- फोटो : अमर उजाला।
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बाएं सीएम योगी, बीच में अमित शाह और दाएं सांसद रवि किशन।
- फोटो : अमर उजाला।
7 जुलाई 2013 को अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के बाद अमित शाह गोरखपुर मंदिर पहुंचे थे। यहां पहुंचते ही वे महंत अवैद्यनाथ को देखने पहुंचे, क्योंकि वे कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उस समय उनकी उम्र 94 साल हो चुकी थी। शाह के लिए यह करीब तीन दशक बाद पुनर्मिलन जैसा था।
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बाबा अवSद्यनाथ का दर्शन करते अमित शाह। (File)
- फोटो : अमर उजाला।
80 के दशक में महंत अवैद्यनाथ श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के प्रमुख के तौर पर पूरे देश में भ्रमण कर रहे थे, इस दौरान वे अहमदाबाद भी गए थे। उस समय शाह ने अखिल भारतीय विद्यार्थी के स्वयंसेवक के रुप में महंत की सेवा की थी। उसी समय से ही अमित शाह का गोरखनाथ मंदिर से एक विशेष नाता जुड़ गया था।
गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)
- फोटो : PTI
गुजरात के पूर्व गृहमंत्री अमित शाह ने 19 मई 2013 को उत्तर प्रदेश में भाजपा प्रभारी बनाए जाने के बाद राज्य में पार्टी का काम संभालने में थोड़ा वक्त लिया। यह वो समय था जब भाजपा 13 साल के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही थी। यहां अमित शाह ने गोरखनाथ मंदिर में बाबा का आशीर्वाद लेकर भाजपा को विजयी रथ पर सवार कर दिया था।
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बाबा गोरखनाथ।
- फोटो : अमर उजाला।
इसके बाद पूरे देश को पता है कि अमित शाह ने यूपी की 80 लोकसभा सीट में से 73 सीट पर अपने सहयोगी दल के साथ जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में तो सपा पांच और कांग्रेस 2 सीट ही जीत पाई थी। वहीं बसपा का तो खाता भी नहीं खुल पाया था।