{"_id":"68fded53fbe951bb3b079dd3","slug":"agra-accident-five-people-killed-in-a-speeding-car-families-in-turmoil-2025-10-26","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"रफ्तार का कहर: 'भैया उठ जा, मां रो रही है'...किसी की गोद हुई सूनी, तो किसी से छिन गया भाई का सहारा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
रफ्तार का कहर: 'भैया उठ जा, मां रो रही है'...किसी की गोद हुई सूनी, तो किसी से छिन गया भाई का सहारा
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Sun, 26 Oct 2025 03:14 PM IST
सार
उत्तर प्रदेश के आगरा में तेज रफ्तार कार ने इस कदर कहर बरपाया कि पांच लोगों की माैत हो गई। किसी मां ने बेटा खो दिया तो किसी बहन ने भाई। जब मृतकों के शव घर पहुंचे तो कोहराम मच गया।
विज्ञापन
परिवार में मचा कोहराम।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
आगरा के नगला बूढ़ी गांव में शुक्रवार रात सड़क हादसे में पांच लोगों की माैत के बाद गम की ऐसी चादर फैली कि हर घर से केवल सिसकियां गूंजती रहीं। किसी घर में चूल्हा नहीं जला। किसी मां की गोद सूनी हो गई, तो किसी भाई का सहारा छिन गया। सुबह होते ही केंद्रीय हिंदी संस्थान रोड पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई आंखों में आंसू और दिल में दर्द लेकर शवों के आने के इंतजार में था। बस्ती का हर कोना सन्नाटे में डूबा था। शनिवार को दोपहर में शवों के पहुंचते ही चीत्कार मच गई। इस दौरान केंद्रीय हिंदी संस्थान रोड छावनी में तब्दील रहा। पोइया श्मशान घाट पर पुलिस बल की मौजूदगी में दाह संस्कार किया गया।
आगरा सड़क हादसा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
केंद्रीय हिंदी संस्थान रोड पर सुबह से ही लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए थे। नगला बूढ़ी निवासी मृतक कमल, कृष और बंटेश के शव के इंतजार में परिजन घरों से निकलकर केंद्रीय हिंदी संस्थान रोड पर बैठ गए। दूसरी ओर बबली का शव पोस्टमार्टम के बाद हाथरस के गांव मिढ़ावली अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया। भानु मिश्र के शव को आवास विकास कॉलोनी भेजा गया।
विज्ञापन
विज्ञापन
परिवारों में मचा कोहराम।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
भैया उठ जा... देखो मां रो रही है
सुबह करीब 11:30 बजे बंटेश का शव घर लाया गया। भाई देवी सिंह, बहन राजकुमारी और मीनू शव को देखकर रोने लगे। बस्ती के लोग उन्हें संभालने में लग गए। पुलिसकर्मियों ने 15 मिनट बाद ही शव को श्मशान भेज दिया। बंटेश की मौत के बाद देवी सिंह अकेला रह गया है। माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है।
सुबह करीब 11:30 बजे बंटेश का शव घर लाया गया। भाई देवी सिंह, बहन राजकुमारी और मीनू शव को देखकर रोने लगे। बस्ती के लोग उन्हें संभालने में लग गए। पुलिसकर्मियों ने 15 मिनट बाद ही शव को श्मशान भेज दिया। बंटेश की मौत के बाद देवी सिंह अकेला रह गया है। माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है।
आगरा हादसा।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
कृष की अर्थी उठी तो सबको संभालना मुश्किल हो गया
दोपहर 12:16 बजे कृष का शव लाया गया। सड़क पर मां गीता, बहन सुमन, सुरभि और शुभी के साथ अन्य परिजन इंतजार कर रहे थे। भाई नरेंद्र शव के साथ आया तो मां गीता और बहनें उससे लिपट गईं। गीता कुछ ही समय में बेसुध हो गई। नरेंद्र और कृष के दोस्त भी बिलखने लगे। पुलिस ने शव को श्मशान घाट भेजने के लिए मुश्किल से परिजन को तैयार किया।
दोपहर 12:16 बजे कृष का शव लाया गया। सड़क पर मां गीता, बहन सुमन, सुरभि और शुभी के साथ अन्य परिजन इंतजार कर रहे थे। भाई नरेंद्र शव के साथ आया तो मां गीता और बहनें उससे लिपट गईं। गीता कुछ ही समय में बेसुध हो गई। नरेंद्र और कृष के दोस्त भी बिलखने लगे। पुलिस ने शव को श्मशान घाट भेजने के लिए मुश्किल से परिजन को तैयार किया।
विज्ञापन
आगरा हादसा।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
कमल के घर की चीखें सुन हर आंख हुई नम
कमल का शव 12:44 बजे लाया गया। मां बबली, पिता सतीश, बहन ज्योति और शिवानी के साथ रिश्तेदार भी बैठे थे। शव देखते ही सभी बिलख-बिलख कर रोने लगे। मां और बहनें बेसुध होकर गिर पड़ीं। बस्ती की महिलाओं के साथ महिला पुलिसकर्मी ने संभाला। पिता सतीश को समझाकर शवों को ले जाया जा सका।
कमल का शव 12:44 बजे लाया गया। मां बबली, पिता सतीश, बहन ज्योति और शिवानी के साथ रिश्तेदार भी बैठे थे। शव देखते ही सभी बिलख-बिलख कर रोने लगे। मां और बहनें बेसुध होकर गिर पड़ीं। बस्ती की महिलाओं के साथ महिला पुलिसकर्मी ने संभाला। पिता सतीश को समझाकर शवों को ले जाया जा सका।