मथुरा के चांदी कारोबारी प्रदीप अग्रवाल की कार को लखनऊ एक्सप्रेस वे पर रोककर 43 लाख रुपये की लूट के केस में पुलिस ने मेरठ स्थित भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें जीएसटी के निलंबित असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार, अधिकारी शैंलेंद्र कुमार सहित सात आरोपी हैं। विवेचक ने अधिकारियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, गबन, भय दिखाकर बंधक बनाने, आपाधिक षड्यंत्र, जान से मारने की धमकी, बरामदगी की धारा में दोषी पाते हुए आरोपी बनाया। सभी आरोपियों को पूर्व में जेल भेजा गया था। सीओ सदर राजीव कुमार ने बताया कि मुकदमा लूट और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में लिखा गया था। आरोपी अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया। कारोबारी को भय दिखाकर बंधक बनाया। उनके पास से रकम हड़प ली। विवेचना में आरोपी अधिकारियों सहित सात के खिलाफ चार्जशीट लगाई गई। आरोपियों की मंशा एक ही थी। इसलिए धारा 34 की बढ़ोत्तरी की गई है। 37 लोग गवाह बनाए गए हैं। इनमें कारोबारी, जीएसटी के अधिकारी, गिरफ्तारी और बरामदगी करने वाले पुलिसकर्मी शामिल हैं। फतेहाबाद टोल के सीसीटीवी फुटेज से लेकर अन्य साक्ष्य भी हैं, जोकि केस में अहम साबित होंगे।
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जीएसटी का निलंबित अधिकारी शैलेंद्र कुमार
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यह था मामला
मथुरा के गोविंद नगर निवासी चांदी कारोबारी प्रदीप अग्रवाल 30 अप्रैल को बिहार से व्यापार करके लौट रहे थे। उनके साथ चालक भी था। लखनऊ एक्सप्रेस वे के फतेहाबाद टोल पर जीएसटी की टीम ने चेकिंग में रोक लिया। उन्हें जयपुर हाउस स्थित कार्यालय ले जाया गया। जेल भेजने का डर दिखाया। आरोप के मुताबिक, 43 लाख रुपये कारोबारी से लूट लिए गए। कारोबारी ने तत्कालीन एसएसपी मुनिराज जी. से शिकायत की थी।
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लोहामंडी थाना, आगरा
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मामला जीएसटी कमिश्नर तक पहुंचा था। 12 मई को थाना लोहामंडी में मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें अज्ञात कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ अमानत में खयानत की धारा लगी। बाद में मुकदमे में जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार, जीएसटी अधिकारी शैलेंद्र कुमार, सिपाही संजीव कुमार , निजी गाड़ी चालक दिनेश कुमार के नाम खोले गए। लूट की धारा भी बढ़ा दी गई। पुलिस ने सहयोगी दलाल मुकेश, कारोबारी के चालक राकेश सिंह चौहान और उसके सहयोगी गया प्रसाद को जेल भेजा था। पूर्व में जीएसटी के अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है।
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43 लाख की लूट के मामले में गिरफ्तार पुलिस का सिपाही
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40.48 लाख बरामद नहीं कर सकी पुलिस
कारोबारी से 43 लाख रुपये की लूट हुई थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार और रिमांड पर लेकर 2.52 लाख रुपये बरामद किए। 40.48 लाख रुपये अब तक बरामद नहीं हो सके हैं। सीओ सदर राजीव कुमार ने केस की विवेचना की। मगर, बाकी रकम अब तक बरामद नहीं हो सकी। अगर, रकम ली गई तो यह कहां गई? रकम को सभी ने आपस में बांटा होगा।
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आगरा: पुलिस गिरफ्त में 43 लाख रुपये की लूट के आरोपी
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यह धारा लगीं
- धारा 506, 365, 34, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/13, 8, 409, 411, 120 बी लगा गई हैं।
जीएसटी के अधिकारी अजय कुमार मूलरूप से इंदिरा नगर, लखनऊ के रहने वाले हैं। सिकंदरा में फोनिक्स पाम टावर, पुष्पांजलि गार्डेनिया में रहते थे। आरोपी अधिकारी शैलेंद्र कुमार चंदौली के दरौली के रहने वाले हैं। वह सिकंदरा स्थित अपर्णा प्रेम अपार्टमेंट में रहते थे। दिनेश निवासी मिढ़ाकुर, मुकेश निवासी मथुरा, गया प्रसाद शर्मा निवासी फतेहपुर सीकरी, राकेश चौहान निवासी मथुरा और सिपाही संजीव कुमार निवासी बुलंदशहर हैं।
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