आगरा में थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए सफाई कर्मी अरुण नरवार की मौत के मुकदमे की विवेचना 16 दिन बाद भी एक कदम आगे नहीं बढ़ सकी है। परिजनों का आरोप है कि आरोपियों का नाम खोला जाना तो दूर, चिह्नित तक नहीं किया है। पुलिस टीम दस दिन से नहीं आई है। थाना जगदीशपुरा के मालखाने में 25 लाख रुपये की चोरी हुई थी। इस मामले में पुलिस ने सफाई कर्मी पुल छिंगा मोदी निवासी अरुण नरवार को पकड़ा था। उससे पूछताछ की थी। 20 अक्तूबर की सुबह पुलिस की हिरासत में अरुण की मौत हो गई थी। मामले में अज्ञात में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
तत्कालीन एसएसपी मुनिराज जी. ने क्रिमिनल इंटेलीजेंस के प्रभारी निरीक्षक आनंद साही, चौकी प्रभारी अवधपुरी योगेंद्र सिंह, सिपाही महेंद्र, सत्यम और रूपेश को निलंबित कर दिया था। एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने मुकदमे की विवेचना अलीगढ़ रेंज में स्थानांतरित की थी। कासगंज के ढोलना थाना के प्रभारी ओपी सिंह को विवेचना सौंपी गई।
25 अक्तूबर को वह अपनी टीम के साथ आगरा आए थे। उन्होंने परिजनों के बयान दर्ज किए थे। अगले दिन फिर टीम आई। इसके बाद विवेचक नहीं आए। अब तक मुकदमे में न किसी का नाम बढ़ाया गया है और न ही किसी पुलिसकर्मी को चिह्नित किया गया है। परिजन पहले दिन से ही पुलिस कर्मियों के नाम सामने लाने की मांग कर रहे थे।
विवेचक ओपी सिंह ने बताया कि टीम विवेचना कर रही है। सभी तथ्यों को देखा जा रहा है। यह लंबी प्रक्रिया है। फिर से टीम जाएगी। परिजनों से पूछताछ की जाएगी।
न्याय की मांग उठाने का पैम्फ्लेट वायरल
सोशल मीडिया पर शनिवार को एक पैम्फ्लेट वायरल हुआ। इसमें पुलिस हिरासत में अरुण नरवार और कार कंपनी के शोरूम के मैनेजर रंजीत खरे के मामले में न्याय की मांग की गई है। आठ नवंबर को विशाल प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। इसमें लिखा है कि बड़ी संख्या में लोग वाल्मीकि वाटिका से कलक्ट्रेट तक जाएंगे।
हिरासत में मौत प्रकरण: सफाई कर्मी अरुण के भाई के गंभीर आरोप, अवधपुरी चौकी पर हुई थी पूछताछ, लगाई थी पिटाई