आगरा में दो दिन की बारिश ने धान और बाजरा की फसल में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। किरावली और फतेहपुर सीकरी में तो धान की फसल खेतों में बिछ गई। खेतों में पानी भरा है। इससे गिरी फसलों के दाने अंकुरित होने लगे हैं। बाजरा की बाल भी गीली होने से सड़ने के कगार पर हैं। पांच दिन बीतने के बाद भी फसलों में हुए नुकसान का आकलन नहीं हो सका है। किसानों का आरोप है कि खेतों में सर्वे के लिए कोई नहीं पहुंचा। प्रशासन का कहना है कि सर्वे चल रहा है। जिले में 80 हजार हेक्टेयर से अधिक बाजरा व पांच हजार हेक्टेयर धान की खेती है। किसानों के मुताबिक अछनेरा के अरदाया, हसेला, गढ़ीमा, नगरिया आदि गांव में 50 फीसदी से अधिक धान बारिश से बर्बाद हो चुका है। अरदाया के किसान धर्म सिंह, सोवरन सिंह व ओम प्रकाश का कहना है कि पांच दिन से कोई भी गांव में फसलों में हुए नुकसान का सर्वे करने नहीं आया।
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बारिश से बाजरे की फसल को नुकसान
- फोटो : अमर उजाला
जिला किसान सलाहाकार समिति सदस्य प्रेम सिंह ने बताया कि धान खेतों में बिछ गए हैं। पानी भरे खेतों में बाल टूटने से दोबारा अंकुरित हो रही हैं। पैदावार और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होगी। 40-50 फीसदी नुकसान का अनुमान है। बाह, जगनेर में बाजरा की खेती में नुकसान हुआ है। जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि सिर्फ 15 किसानों ने फसल नुकसान के लिए बीमा कंपनी से सर्वे कराने की शिकायत दर्ज कराई है। बीमा के लिए सर्वे अभी जारी है।
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खेत से पानी निकालता किसान
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शिमला मिर्च हो गई बर्बाद
किरावली। बीते दिनों बेमौसम बारिश से धान व बाजरा के अलावा सब्जियों पर आपदा आई। खेतों में पानी भरने से गोभी, शिमला मिर्च व अन्य सब्जियां बर्बाद हो गईं है। 40 फीसदी से अधिक नुकसान है। एसडीएम किरावली विनोद जोशी का कहना है कि नुकसान का आंकलन सर्वे रिपोर्ट के बाद होगा। राजस्व व कृषि विभाग द्वारा संयुक्त सर्वे किया जा रहा है।
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खेतों में गिरी धान की फसल
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2.50 लाख किसानों में सात हजार बीमित
जिले में लघु एवं सीमांत करीब 2.50 लाख किसान हैं। धान व बाजरा ही बीमा के लिए अधिसूचित फसल है। कृषि विभाग के मुताबिक सात हजार किसानों ने ही फसल बीमा कराया है। नुकसान का मुआवजा पिछले पांच सालों में हुए उत्पादन की औसत के आधार पर तय होगा।
पशु व जनहानि नहीं
फसलों में नुकसान का सर्वे जारी है। कोई पशु एवं जनहानि नहीं हुई है। बारिश के बाद धूप खिल गई थी। 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर ही सरकारी मुआवजा दिया जाएगा। यशवर्धन श्रीवास्तव, एडीएम वित्त एवं राजस्व
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खेतों में भरा बारिश का पानी
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फसल गिरने से हुआ नुकसान
चार बीघा खेत में धान की फसल तैयार थी। बारिश से खेत में पानी भर गया। साथ ही फसल गिर भी गई है। इससे करीब 35-40 फीसदी पैदावार प्रभावित हुई है। - कोमल सिंह, किसान, ग्राम दूरा
40 फीसदी बर्बाद हुई फसल
- दो दिनों तक हुई बारिश से धान के खेत में पानी भर गया। गिरी हुई धान की फसल पानी में डूब गई है। इससे करीब 40 प्रतिशत नुकसान हुआ है। - हरिचंद, किसान सिकरौदा
आधी उपज कम हो गई
- हम दो भाइयों ने करीब 25 बीघा खेत में धान की फसल तैयार की थी, बारिश से सभी खेतों में पानी भर गया है। फसल गिर भी गई है। इससे आधी उपज कम हो सकती है। बारिश ने काफी नुकसान किया है। - दिनेश शर्मा, किसान जाजऊ
भीगी फसल के दाने हो जाएंगे काले
बारिश से धान और बाजरा को काफी नुकसान हुआ है। कटी फसल खेतों में पानी भर जाने से भीगी है। इससे दाने काले पड़ जाएंगे। करीब 35 बीघा धान की खेती थी। इसमें करीब 35-40 फीसदी तक किसान को नुकसान हुआ है। - धर्मेंद्र सिंह, भड़कौल
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