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Kasganj: अहोई अष्टमी से पहले दो बेटियों की मौत, बेसुध हो गई मां, घर में छाया मातम
संवाद न्यूज एजेंसी, कासगंज
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Tue, 18 Oct 2022 02:10 PM IST
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बेटियों की मौत के बाद मां का रो-रोकर बुरा हाल
- फोटो : अमर उजाला
कासगंज में काली नदी के समीपवर्ती गांव अल्लीपुर में दो दिन पहले सड़क किनारे जंगली जहरीले पौधे की फली दो सगी बहनों ने खा लीं। फली खाने के बाद बहनों की तबीयत खराब होने लगी। बालिकाओं ने परिजन से पेट दर्द की शिकायत की। पूछने पर फली खाने की बात बताई। परिवार के लोग दोनों को निजी चिकित्सक यहां लेकर पहुंचे। चिकित्सकों की सलाह पर दोनों बालिकाओं को अलीगढ़ रेफर कर दिया गया। अलीगढ़ ले जाते समय छोटी बहन की मौत हो गई। दूसरी का उपचार अलीगढ़ में इलाज चल रहा था। सोमवार को उसने भी दम तोड़ दिया। सरोज देवी की गोद तीन दिन में सूनी हो गई। वह दो बेटियों की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं। बार-बार बेसुध हो जातीं। ग्रामीण और रिश्तेदार महिलाएं उन्हें ढांढस बंधाती रहीं।
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बच्चियों ने इसी पौधे की फली खाई थी
- फोटो : अमर उजाला
अल्लीपुर गांव की रहने वाली सरोज देवी के दो ही बेटियां थीं। छोटी बेटी अनुष्का (4) और बड़ी बेटी प्राची (7) सड़क के किनारे 15 अक्तूबर को खेल रही थीं। खेलते समय दोनों ने जंगली पौधे की फलियां तोड़कर खा लीं। फली खाने के बाद दोनों बालिकाएं घर पहुंचीं। यहां उनकी तबीयत खराब होने लगी।
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प्राची और अनुष्का के फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
मां सरोज देवी ने प्राची से पूछा तो उसने फली खाने की बात बताई। यह सुनकर परिवार के लोग घबरा गए। परिजन दोनों बालिकाओं को लेकर शहर के निजी अस्पताल पहुंचे। चिकित्सक ने बालिकाओं को अलीगढ़ ले जाने की सलाह दी। परिवार के लोग दोनों बालिकाओं को लेकर जाने लगे। तभी अनुष्का की मौत हो गई।
फली खाने से दो बच्चियों की मौत
- फोटो : अमर उजाला
प्राची को परिजनों ने अलीगढ़ भर्ती कराया। यहां उसका इलाज चल रहा था। अलीगढ़ में इलाज के दौरान सोमवार सुबह मौत हो गई।
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मां का रो-रोकर बुरा हाल
- फोटो : अमर उजाला
बेटियों की मौत से पिता नौबत सिंह और मां सरोज देवी का कलेजा सा फटने लगा। दोनों बेटी की मौत के बाद सरोज देवी चीत्कार कर उठीं। वह बेटी की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही थीं। सरोज देवी के घर पर ग्रामीणों और महिलाओं की भीड़ थी। वह बार-बार बेसुध हो रही थीं। पिता पिता नौबत सिंह के भी आंसू नहीं रुक रहे थे।