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UP: नौकरी छोड़ी, फिर भी पीछे पड़े थे युवती के घरवाले...दंत चिकित्सक ने इसलिए दी जान; नया अपडेट
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 24 Nov 2025 08:32 AM IST
सार
आगरा के कमला नगर में दंत चिकित्सक बेटे की माैत से पिता सदमे में हैं। उन्होंने क हा कि युवती के परिजनों की वजह से बेटा अवसाद में था।
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दंत चिकित्सक
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
आगरा के कमला नगर स्थित एफ-ब्लाॅक निवासी डाॅ. पीयूष सिंह काफी होनहार थे। उनसे बड़ी सात बहनें व एक छोटा भाई था। बेटे की माैत से पिता महिपाल सिंह के आंसू नहीं रुक रहे हैं। वह एक ही बात कह रहे हैं कि आरोपियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। छह महीने में बेटे को इतना परेशान किया गया कि उसको अपनी जान देनी पड़ी। युवती की वजह से ही नाैकरी छोड़कर घर आ गया था। इसके बावजूद अपहरण कर दुष्कर्म के केस में फंसाने की धमकी दी जा रही थी। इसके लिए पुलिस से भी झूठी शिकायत की गई। बेटे के साथ कुछ होता, उससे पहले ही उन्होंने पुलिस से शिकायत कर दी थी। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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मृतक दंत चिकित्सक के भाई आयुष सिंह ने बताया कि उनकी चार बहन सरकारी शिक्षक हैं। दो प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। पीयूष काफी होनहार थे। कई साल पहले नीट में एडमिशन नहीं होने के कारण परेशान हो गए थे। इस पर उनका इलाज कराया गया था। इसके बाद उनका चयन बीडीएस में हो गया तो कानपुर चले गए। तब से वहीं पर रह रहे थे। तीन साल पहले युवती से संपर्क हुआ था मगर इस बारे में परिजनों को कोई जानकारी नहीं थी। छह माह पहले पीयूष के वापस आने पर परिजनं को जानकारी मिली। 15 दिन से लगातार युवती के परिजन धमका रहे थे। इससे पीयूष परेशान हो गए।
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17 नवंबर को अपने अधिवक्ता के माध्यम से डीसीपी सिटी को प्रार्थनापत्र भेजा था। इसमें लिखा कि भाई और युवती तीन वर्ष से अपनी मर्जी से संबंध में थे। बाद में युवती के परिजनों ने बेटी की शादी कहीं और तय कर दी। इसको देखते हुए पीयूष ने भी अपना रिश्ता तोड़ लिया। इसमें किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया। इसके बावजूद युवती के परिजन लगातार झूठी शिकायत कर रहे थे। बार-बार फोन करके धमकी देते थे। 1090 पर झूठी शिकायतें करते थे। प्रार्थनापत्र में उन्होंने युवती और उसके परिजन के खिलाफ विभिन्न धारा में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। युवती के पिता पीयूष के अपहरण की धमकी दे रहे थे।
कराया था पीयूष का इलाज
भाई आयुष ने बताया कि पीयूष पहले भी तीन बार आत्महत्या का प्रयास किया था। उनका इलाज भी चल रहा था मगर जब से क्लीनिक में नाैकरी शुरू की तब से दवा खाना बंद कर दिया। जब से धमकी मिलना शुरू हुई थी, तब से पीयूष ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था। उन्हें डर था कि युवती के परिजन कुछ करा न दें मगर यह नहीं पता था कि अब वो इंजेक्शन लगाकर जान दे देंगे।
भाई आयुष ने बताया कि पीयूष पहले भी तीन बार आत्महत्या का प्रयास किया था। उनका इलाज भी चल रहा था मगर जब से क्लीनिक में नाैकरी शुरू की तब से दवा खाना बंद कर दिया। जब से धमकी मिलना शुरू हुई थी, तब से पीयूष ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था। उन्हें डर था कि युवती के परिजन कुछ करा न दें मगर यह नहीं पता था कि अब वो इंजेक्शन लगाकर जान दे देंगे।
मोबाइल में मिल जाएंगे और भी सुबूत
पिता ने बताया कि बेटे ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें युवती, उसके पिता सहित चार लोगों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे हैं। साथ ही लिखा है कि बाकी इनके पूरे परिवार से भी धमकी मिली है। उन्होंने एक मोबाइल नंबर के आगे गोरखपुर पुलिस लिखा है। अंत में लिखा है कि बाकी डिटेल फोन में है। मरने के बाद फोन चेक कर सकते हैं। उन्होंने मोबाइल का पासवर्ड भी लिखा है, जिसे उसे अनलाॅक किया जा सके। पुलिस ने मोबाइल को कब्जे में ले लिया है।
पिता ने बताया कि बेटे ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें युवती, उसके पिता सहित चार लोगों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे हैं। साथ ही लिखा है कि बाकी इनके पूरे परिवार से भी धमकी मिली है। उन्होंने एक मोबाइल नंबर के आगे गोरखपुर पुलिस लिखा है। अंत में लिखा है कि बाकी डिटेल फोन में है। मरने के बाद फोन चेक कर सकते हैं। उन्होंने मोबाइल का पासवर्ड भी लिखा है, जिसे उसे अनलाॅक किया जा सके। पुलिस ने मोबाइल को कब्जे में ले लिया है।