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रामगोपाल हत्याकांड: सजा की घोषणा होते ही छा गया सन्नाटा, कोर्ट ने कहा- वारदात पूर्व नियोजित और अत्यंत क्रूर

अमर उजाला नेटवर्क, बहराइच Published by: भूपेन्द्र सिंह Updated Thu, 11 Dec 2025 08:01 PM IST
सार

रामगोपाल हत्याकांड में दोषियों को सजा सुना दी गई है। अदालत ने 13 अक्तूबर 2024 की इस हिंसक घटना को 'सामाजिक शांति भंग करने वाला गंभीर अपराध' माना। आगे पढ़ें पूरा अपडेट...

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court pronounced sentence on culprits in RamGopal murder case in Bahraich saying incident extremely brutal
रामगोपाल हत्याकांड के दोषियों को सुनाई गई सजा। - फोटो : अमर उजाला/संवाद न्यूज एजेंसी

उत्तर प्रदेश में बहराइच के चर्चित रामगोपाल हत्याकांड में बृहस्पतिवार को जिला न्यायालय ने अपना अंतिम निर्णय सुना दिया। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा द्वितीय ने फैसला सुनाया। इस दौरान कोर्ट परिसर से लेकर कचेहरी के आसपास सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रही। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर रही। 



अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 13 अक्तूबर 2024 को महराजगंज कस्बे में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा न केवल एक समाजिक-धार्मिक आयोजन को प्रभावित करती है, बल्कि सामुदायिक सौहार्द को गंभीर रूप से चोट पहुंचाती है। हत्या की यह वारदात पूर्व नियोजित और अत्यंत क्रूर प्रकृति की है।


कोर्ट रूम में भी रहा गहमागहमी का माहौल

सजा सुनाए जाने की जानकारी पर दोपहर 12 बजे से पहले ही लोगों की भीड़ न्यायालय परिसर में जुटने लगी। दोषियों के कोर्ट पहुंचने पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई। सभी आरोपियों को सीधे कोर्ट परिसर के लॉकअप ले जाया गया। आसपास के क्षेत्र में बैरिकेडिंग की गई थी। 3:20 बजे अदालत ने दोषियों को पेश होने के लिए कहा। इसके बाद निर्णय सुनाया गया। फैसले के समय कोर्ट रूम में भी गहमागहमी का माहौल रहा। 

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दोषियों को पेशी पर लाया गया। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

जानें पूरा घटनाक्रम...

दोपहर 2 बजे- जिला कारागार से कोर्ट के लिए दोषियों की रवानगी हुई। 
2:20 बजे- कैदी वाहन दोषियों को लेकर कोर्ट परिसर पहुंचा
3:20 बजे- अदालत में पेशी हुई और कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया
 
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दोषियों को अदालत ले जाती पुलिस। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

किसे क्या सजा मिली?

  • सरफराज उर्फ रिंकू को हत्या में मुख्य भूमिका निभाने के लिए अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई।
  • सैफ अली को अपराध में सहयोगी भूमिका और अन्य सबूतों के आधार पर आठ वर्ष कारावास की सजा।
  • इसके अलावा अब्दुल हमीद, फहीम, मोहम्मद तालिब उर्फ सबलू, जावेद खान, मोहम्मद जिशान उर्फ राजा उर्फ साहिर, शोएब खान, ननकऊ और मारूफ को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई गई साथ ही एक-एक लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। 
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दोषियों को पेशी पर लाया गया। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

ऐसी रही सुरक्षा व्यवस्था

  • कोर्ट परिसर में पुलिस व पीएसी के जवान तैनात रहे।
  • सभी प्रवेश बिंदुओं पर मेटल डिटेक्टर।
  • संदिग्धों पर निगरानी के लिए सादे कपड़ों में पुलिस घूमती रही।
  • पूरे समय जिला प्रशासन और उच्चाधिकारी सक्रिय रहे। 

दुर्गा पूजा की समाप्ति के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई इस घटना से हिंदू-मुस्लिम एकता को बुरी तरह प्रभावित किया। जिले में नहीं प्रदेश में भी बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व दशहरा पर इस विषय पर चर्चा छेड़ने को मजबूर किया। अदालत ने भी 13 अक्तूबर 2024 की इस हिंसक घटना को 'सामाजिक शांति भंग करने वाला गंभीर अपराध' माना। फैसला सुनाने के बाद सभी दोषियों को वापस जिला कारागार भेज दिया गया है। पुलिस और प्रशासन अब पूरे क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।
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रामगोपाल का फाइल फोटो - फोटो : अमर उजाला

गवाहों और परिजनों की प्रतिक्रिया

रामगोपाल के भाई हरमिलन मिश्रा, गवाह अभिषेक मिश्रा, शशि भूषण और राजन ने फैसले को संतोषजनक बताया। कहा कि न्यायालय का यह आदेश हमें स्वीकार है। हमें न्याय मिला है। कोर्ट में फैसले के दौरान मृतक पक्ष के परिवारीजन मौजूद रहे। फैसला आने के बाद उनकी आंखें छलक पड़ीं।

13 अक्तूबर 2024 को क्या हुआ था?

महराजगंज बाजार में प्रतिमा विसर्जन के दौरान डीजे बंद करने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। पथराव, आगजनी और भीड़ की हिंसा में फायरिंग हुई। रामगोपाल मिश्रा, अब्दुल हमीद के घर की छत पर पहुंचे। झंडा उतारने पर उन्हें अंदर घसीटकर पहले बेरहमी से पीटा गया। फिर गोली मार दी गई। लखनऊ ले जाते समय उनकी मौत हो गई। इसके बाद इलाके में हिंसा भड़क उठी। पुलिस ने घटना में कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया। इनमें 10 को दोषी पाया गया। 
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