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UP: 'तीन दिन से नहीं जला चूल्हा, तीन परिवार कहां जाएं', बड़ा सवाल- 14 साल तक बीडीए ने क्यों नहीं की कार्रवाई?
अमर उजाला नेटवर्क, बरेली
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 03 Dec 2025 10:27 AM IST
सार
बरेली में सपा नेता आजम खां के करीबी सपा नेता समेत दो के बरात घरों पर बुलडोजर चला। 550 वर्ग मीटर क्षेत्रफल जमीन पर गुड मैरिज हॉल बना है। 400 वर्ग मीटर क्षेत्रफल जमीन पर ऐवान-ए-फरहत बना है। बीडीए के दो बुलडोजर को एक मैरिज हॉल की दीवार और बाहरी गेट ध्वस्त करने में सवा तीन घंटे लगे। इस दौरान महिलाओं ने विरोध किया।
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दो बरातघरों पर हुई थी कार्रवाई
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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बरेली में सूफी टोला स्थित बरात घर ऐवान-ए-फरहत और गुड मैरिज हाल को ध्वस्त करने का आदेश 12 अक्तूबर 2011 को जारी हुआ। आदेश के 14 साल एक माह 12 दिन बाद 24 नवंबर 2025 को बीडीए सचिव वंदिता श्रीवास्तव ने सरफराज वली खां और राशिद खां व उसके भाइयों नसीम खां व आसिफ खां को संबंधित भवन स्थलों को खाली करने का नोटिस जारी किया।
इसके बाद मंगलवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई। इतने लंबे अरसे तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई क्यों नहीं की गई, यह बीडीए की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल है। सपा नेता सरफराज वली खां की गिनती पूर्व मंत्री आजम खां के करीबियों में होती है। आजम खां जब उत्तर प्रदेश हज समिति के अध्यक्ष थे तो सरफराज सदस्य थे।
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बरेली में गरजा बीडीए का बुलडोजर
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सपा सरकार में सरफराज का खासा दबदबा था। सरफराज के सियासी रसूख का जायजा इसी से लगाया जा सकता है कि बारादरी थाने में दर्ज बिजली चोरी और मारपीट व जान से मारने की धमकी देने के दो मुकदमे तत्कालीन सपा सरकार ने वर्ष 2014 में वापस ले लिए थे।
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बरेली में बुलडोजर कार्रवाई पर रोती-बिलखती महिलाएं
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
ऐसे में समझा जा सकता है कि वर्ष 2011 में जारी ध्वस्तीकरण का आदेश अमल में क्यों नहीं लाया जा सका। सरफराज के चलते ही उनके पड़ोसी राशिद खां का अवैध निर्माण भी कार्रवाई की जद में आने से बचता रहा।
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बरेली में गरजा बीडीए का बुलडोजर
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
फाइलों में ही दबा रहा अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण का आदेश
वर्ष 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा की सरकार बनी तब भी सरफराज और राशिद के अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण का आदेश फाइलों में ही दबा रहा। 26 सितंबर 2025 को शहर में बवाल हुआ। इसके बाद मौलाना तौकीर रजा खां व उसके करीबियों पर कानूनी शिकंजा कसने के साथ ही उनके अवैध निर्माण कार्यों पर भी कार्रवाई शुरू हुई।
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बरेली में बुलडोजर कार्रवाई पर रोती-बिलखती महिलाएं
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इसी क्रम में प्रदेश में सरकार बदलने के आठ साल नौ माह बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। उधर, इस संबंध में बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. मनिकंडन ए. ने कहा कि सुनवाई और साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त समय देने के बाद विधिसंगत तरीके से कार्रवाई की जा रही है। नियम-कानून की अनदेखी करने वाले कार्रवाई की जद में आते ही हैं।
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