अमृत योजना 2.0: बरेली में 302 किमी की पाइप लाइन बिछाएगा जल निगम, 76,465 परिवारों को मिलेगा निशुल्क कनेक्शन
बरेली में शहरवासियों को नियमित और सुरक्षित पेयजल आपूर्ति के लिए परियोजना पर काम शुरू हो गया है। इस योजना के तहत 76,465 परिवारों को निशुल्क कनेक्शन मिलेगा।
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बरेली में पेयजल प्रणाली को नए सिरे से विकसित करने के लिए फेज-1 पुनर्गठन परियोजना को व्यय वित्त समिति से ₹265.95 करोड़ की स्वीकृति मिलने के बाद जल निगम 302 किमी की पाइप लाइन बिछाएगा। अटल नवीकरण और शहरी रूपांतरण मिशन,02 (अमृत-2.0) के तहत 76,465 परिवारों को निशुल्क कनेक्शन दिया जाएगा। अधिकारियों का दावा है कि इसी माह टेंडर निकलेंगे। जनवरी से काम भी शुरू कर दिया जाएगा।
इस परियोजना पर खर्च होने वाली राशि में केंद्र सरकार 85.30 करोड़, राज्य सरकार 145.04 करोड़ और नगर निगम 25.59 करोड़ रुपये देगा। परियोजना के पूरा होने पर बरेली में लगभग 92 प्रतिशत आबादी, यानी करीब 9 लाख लोगों को नियमित और सुरक्षित पेयजल आपूर्ति की सुविधा मिलेगी। शहर के सभी 80 वार्डों में पीने के साफ पानी की आपूर्ति बड़ी समस्या है। गंदा पानी आने के साथ ही लो प्रेशर की शिकायत भी रहती है। व्यवस्था में सुधार के लिए लंबे समय से मांग की जा रही थी।
जल निगम ने सर्वे कराने के बाद प्रोजेक्ट को शासन के पास मंजूरी के लिए भेजा था। इस प्रोजेक्ट को स्टेट लेवल टेक्निकल कमेटी (एसएलटीसी) व स्टेट हाई पॉवर सेंशन कमीशन से मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा इकोनॉमिक फाइनेंस कमीशन (ईएफसी) के स्तर से भी फाइल को मंजूर कर लिया गया है। मंगलवार को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई। अब टेंडर की ई-निविदा संबंधी प्रक्रिया को पूरा कर जल निगम के अधिकारी काम शुरू कराएंगे।
19 टैंक और 37 बोरिंग ट्यूबवेल बनेंगे
जल निगम इस योजना के तहत 19 टैंक और 37 बोरिंग ट्यूबवेल बनवाएगा। टैंक 1300, 2550, 2200, 2600, 2500, 2300, 2400, 1800, 1550, 2400, 1300, 1800, 1600, 2350, 2000, 700, 600, 500 और 1300 किलोलीटर क्षमता के होंगे। रोजाना प्रति व्यक्ति के हिसाब से 135 लीटर पानी की आपूर्ति की जाएगी।
पुरानी बंदकर बिछाई जाएंगी नई लाइनें
गंदा पानी आने की शिकायतें रोकने के लिए पुरानी लाइनों को पूरी तरह से बंद किया जाएगा। प्रमुख रूप से पुराने शहर के हजियापुर, सूफी टोला, कुरैश नगर, रबड़ी टोला, कटरा चांद खां, सेमलखेड़ा को शामिल किया गया है।
जल निगम के एक्सईएन संजय कुमार ने बताया कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब कार्य के लिए ई-निविदा निकालकर टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इसी माह से काम शुरू कराने की तैयारी है।