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बरेली में डीजे दहला रहे कलेजा: दुकान की छत का प्लास्टर टूटकर गिरा, चटके कांच; दिल-दिमाग के लिए भी खतरा

अमर उजाला ब्यूरो, बरेली Published by: मुकेश कुमार Updated Tue, 26 Sep 2023 12:33 PM IST
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DJ playing loud music may be harmful for health in Bareilly
तेज आवाज में बजते हैं डीजे - फोटो : अमर उजाला

बरेली में निकलने वाले जुलूसों में मानक से तीन गुना तेज आवाज में डीजे बज रहा है। इससे आसपास की दुकानों-मकानों के प्लास्टर उखड़ रहे हैं। खिड़कियों के कांच चटक रहे हैं। लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। जुलूसों में डीजे की अनुमति देने के बाद अफसरों ने कान में रुई डाल ली है। उनको डीजे की तेज आवाज सुनाई नहीं देती। जुलूस के साथ मौजूद सुरक्षाकर्मी भी इसे नजरअंदाज करते हैं। इस वजह से आयोजक मनमानी पर उतारू हैं।



रविवार को आलमगिरीगंज स्थित कुमार मार्केट से एक जुलूस गुजर रहा था। उसमें बज रहे डीजे की आवाज से कई दुकानों का सामान और छत का प्लास्टर टूट कर गिर पड़ा। सोमवार को अमर उजाला की टीम ने बाजार में पहुंचकर कारोबारियों से बातचीत कर मामले की पड़ताल की। कारोबारियों ने कहा कि डीजे बजाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं पर मानक से काफी तेज आवाज में डीजे बजाए जा रहे हैं। इससे आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है, सेहत भी प्रभावित हो रही है।

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डीजे की आवाज से टूटकर गिरा प्लास्टर - फोटो : अमर उजाला

सेहत पर भारी पड़ सकती है डीजे की तेज आवाज

जिला अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. एलके सक्सेना के मुताबिक सामान्य अवस्था में मनुष्य अधिकतम 45 डेसिबल तक आवाज सुनता है। 80 डेसिबल से ज्यादा की ध्वनि लगातार सुनने से हार्ट अटैक हो सकता है। जान भी जा सकती है। वेसोकन्सट्रिक्शन होने से मस्तिष्क की नसों पर दबाव पड़ता है। तेज सिर दर्द के साथ ही ब्रेन हैमरेज होने की आशंका रहती है। इसमें भी जान जाने का जोखिम होता है। सुनने की क्षमता कम होने की आशंका रहती है। इसके अलावा चिड़चिड़ापन, आक्रामकता, नींद न आना व अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

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बच्चे का कान बंद किए हुए युवक - फोटो : अमर उजाला

ये हैं मानक

55 डेसिबल तक आवासीय इलाकों में
65 डेसिबल तक बाजार क्षेत्र में
100-150 डेसिबल तक दीवार और सड़क में कंपन शुरू हो जाता है
150-200 डेसिबल के बीच आसपास रखे सामान गिरने लगते हैं
(प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक)

जुलूस में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग मानक के अनुसार हो, इसके अनुपालन कराने का दायित्व पुलिस और प्रशासन का है। कार्रवाई भी कर सकते हैं। अगर हमें जांच के निर्देश मिलेंगे तो जांच की जाएगी। - रोहित सिंह, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

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तेज आवाज में बजता है डीजे - फोटो : अमर उजाला

जिले में नहीं हुई कोई कार्रवाई

मानकों के उल्लंघन पर स्थानीय पुलिस और प्रशासन की ओर से जुलूस के आयोजन की अनुमति तत्काल निरस्त की जा सकती है। जिले में हर दिन तेज आवाज वाले जुलूस गुजर रहे हैं पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बताते हैं कि जुलूस के साथ मौजूद पुलिसकर्मियों और अफसरों के पास ध्वनि मापक यंत्र ही नहीं होते। ऐसे में कितने डेसिबल पर आवाज गूंज रही है, इसकी पुष्टि भी नहीं होती।

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डीजे। - फोटो : social media

धर्मगुरु भी इस शोर के खिलाफ 

मठ तुलसी स्थल के महंत पंडित नीरज नयन दास ने कहा कि आस्था के नाम पर डीजे या कोई भी ध्वनि प्रदूषक यंत्र उचित नहीं है। मानक से ज्यादा तेज आवाज स्वास्थ्य और प्रकृति दोनों के लिए नुकसानदेह है। 

दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां कादरी ने कहा कि जुलूस या धार्मिक आयोजनों की रुहानियत बरकरार रखते हुए डीजे से परहेज करें। ऐसे तमाम गैर शरई कामों से बचते हुए जुलूस में कलमा, दुरूद व नात-मनकबत पढ़ते हुए चलें। डीजे वैसे भी आम लोगों के लिए तकलीफ का सबब बनता है।  

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