कोसी और कालागढ़ से करीब एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से रामगंगा का जलस्तर 24 घंटे में ही करीब एक मीटर बढ़ गया है। इससे बाढ़ के हालात और भयावह हो गए हैं। लगातार खतरे के निशान की ओर बढ़ रही रामगंगा की बाढ़ ने शुक्रवार को फतेहगंज पश्चिमी में दिल्ली-लखनऊ हाईवे को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया। टोल प्लाजा तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। उधर, किला नदी भी रामगंगा का पानी पहुंचने से उफान पर है। जिला प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है। तीन दिन पहले किला नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की आशंका से जिला प्रशासन के निर्देश पर पुलिस ने मुनादी कराई थी। कटघर, बाकरगंज, दौली रघुवर दयाल समेत अन्य क्षेत्रों में मुनादी के बाद लोगों में दहशत है। बाद में घिरने की आशंका से लोग रतजगा कर रहे हैं। लोगों के मुताबिक मंगलवार को नदी में सिर्फ बारिश का पानी ही था।
बुधवार को भी स्थिति सामान्य रही, मगर बृहस्पतिवार सुबह से किला नदी में पानी बढ़ना शुरू हो गया। शुक्रवार दोपहर तक करीब एक मीटर जलस्तर बढ़ गया। बृहस्पतिवार शाम किला नदी का जलस्तर बढ़ने से दौली रघुवर दयाल जाने वाले रास्ते की पुलिया के पास पानी पहुंच गया। शुक्रवार दो बजे पानी घरों में घुसने लगा। जिन घरों का बेस ऊंचा है, फिलहाल वे सुरक्षित हैं।
162 मीटर तक पहुंचा रामगंगा का जलस्तर
बाढ़ खंड विभाग के एसडीओ अमित किशोर के मुताबिक रामगंगा का जलस्तर म देर रात 162 मीटर दर्ज हुआ है। जलस्तर अब खतरे के निशान से सिर्फ एक मीटर नीचे रह गया है। रामगंगा नदी तहसील मीरगंज, आंवला, सदर और फरीदपुर तक 75 किमी. लंबाई में बहती है। इसके आसपास के सभी इलाकों में अलर्ट घोषित किया गया है।
जिला प्रशासन, पुलिस और सिंचाई विभाग की ओर से निगरानी की जा रही है। जलस्तर बढ़ने से तराई क्षेत्र में फसल जलमग्न गिरने हो रही है। नदी के किनारे निचले क्षेत्र में बसी आबादी की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ चौकियों को क्रियाशील किया जा चुका है।
तटबंध के पास पांच किमी के दायरे में अलर्ट
अभियंता अमित के मुताबिक रामगंगा में कालागढ़ से छोड़े गए पानी समेत हरेवली वैराज, पीली डैम, खो बैराज, फीका बैराज, ढेला बैराज, लालपुर बीयर, कैमरी वैराज, भाखड़ा नदी, किच्छा नदी समेत अन्य नदियों का भी पानी रामगंगा में मिलने से स्थिति संवदेनशील बनी हुई है। लिहाजा, गोटिया मोहर सिंह, भगवानपुर रुकमपुर, एफ्लक्स बंध की भी स्थिति संवेदनशील है। इन नदियों के पांच किमी की परिधि में आने वाले सभी गांव में जलभराव की स्थिति है। सूचना लगातार सिंचाई विभाग, अधीक्षण अभियंता बाढ़ कार्य मंडल समेत जिला प्रशासन को भेजी जा रही है।