लखीमपुर खीरी जिले में क्षेत्र पंचायत और सहकारी समितियों के चुनाव में हुई घटनाओं को लेकर चर्चा में रही तराई की राजनीति में बुधवार को एक और काला अध्याय जुड़ गया। यहां भाजपा के ही दो गुटों में चल रही अहम-वर्चस्व की लड़ाई ने ऐसा रूप ले लिया कि राजनीति की शुचिता ही धूमिल हो गई। लखीमपुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की प्रबंध समिति के सदस्यों के चुनाव को लेकर बवाल हो गया। भाजपा कार्यकर्ताओं से पर्चे छीने जाने की शिकायत पर पहुंचे सदर विधायक योगेश वर्मा को जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह ने पुलिस के सामने ही थप्पड़ जड़ दिए। जिले में ही नहीं, बल्कि प्रदेश और देश के कोने-कोने तक कुछ ही देर में सोशल मीडिया के जरिये जब ये घटना लोगों तक पहुंची तो यह सवाल सभी के मन में कौंध गया कि एक ही दल के लोगों में भी ऐसा हो सकता है।
Lakhimur kheri: क्यों भिड़ गए भाजपा के दो गुट... जानिए विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ मारने की पूरी कहानी
चुनाव की नामांकन प्रक्रिया के दौरान सदर विधायक योगेश वर्मा और बैंक की निवर्तमान अध्यक्ष पुष्पा सिंह के पति अवधेश सिंह के बीच बुधवार को हुई घटना भले ही देखने-सुनने वालों को अप्रत्याशित और अचानक हुई लग रही है, पर इसकी पृष्ठभूमि पुरानी है। दरअसल राजनीति में नफरत की ये आग दोनों गुटों में पिछले डेढ़ साल से अंदर ही अंदर सुलग रही थी, जिसमें ताजा चुनावी गतिविधियों के लेकर बीते कुछ दिनों से चल रहे आरोप-प्रत्यारोप ने घी डालने का काम किया।
डेढ़ साल पहले जब मई 2023 में नगरीय निकायों के चुनाव हुए थे, उस वक्त पुष्पा सिंह भारतीय जनता पार्टी की लखीमपुर नगर पालिका परिषद से अध्यक्ष पद की प्रत्याशी थीं। हालांकि जीत उनके सामने मैदान में उतरीं पूर्व अध्यक्ष डॉ. इरा श्रीवास्तव की हुई थी। पहले डॉ. इरा भी भाजपा में ही थीं, पर टिकट न मिलने के चलते उन्होंने पार्टी छोड़कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।
निकाय चुनाव में पुष्पा सिंह ने अपनी हार का ठीकरा सदर विधायक योगेश वर्मा पर फोड़ा था। आरोप लगाया था कि सदर विधायक ने उनकी मदद करने के बजाय डॉ. इरा को चुनाव लड़वाया था। तभी से भाजपा दो धड़ों में बंटने लगी, जिसके बाद लोकसभा चुनाव में भी पार्टी प्रत्याशी की हार को लेकर पुष्पा सिंह ने सदर विधायक पर भितरघात का आरोप लगाया था। अब जब अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई और पुष्पा सिंह फिर से अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल हुईं तो दोनों गुटों में तनातनी शुरू हो गई।
पार्टी ने किसी को नहीं बनाया था प्रत्याशी
इस बारे में जब भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह से बात की गई तो उन्होंने घटना को निंदनीय और अशोभनीय बताया। कहा कि पार्टी की ओर से किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया गया था। बुधवार को हुए पूरे घटनाक्रम से मुख्यमंत्री और प्रदेश नेतृत्व को अवगत करा दिया गया है। सदर विधायक को लखनऊ बुलाया गया है। सुनील सिंह ने कहा कि इस प्रकरण में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से जैसे निर्देश मिलेंगे, उसी के अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी।