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आखिर मारा गया ''पहाड़ों का रावण'', यूपी और एमपी की पुलिस ने ली राहत की सांस
सुधीर अग्रवाल, अमर उजाला, चित्रकूट
Published by: शिखा पांडेय
Updated Mon, 16 Sep 2019 04:33 PM IST
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मारा गया बबुली कोल
- फोटो : अमर उजाला
यूपी और एमपी में आतंक का दूसरा नाम डकैत बबुली कोल और लवलेश का दर्दनाक अंत हुआ। जिसके बाद से न सिर्फ पुलिस बल्कि यूपी और एमपी जनता ने राहत की सांस ली। बबुली कोल की मौत की खबर सुनते ही लोगों के मुंह से सिर्फ एक ही बात निकली कि आखिरकार पहाड़ों के रावण का अंत हुआ।
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मारा गया बबुली कोल
- फोटो : अमर उजाला
जानकारी के अनुसार फिरौती की रकम के बंटवारे को लेकर कोल गैंग के डकैत आपस में भिड़ पड़े। जिले की सीमा से सटे सतना के चमरी पहाड़ के जंगल में आपसी भिड़ंत के दौरान रविवार देर रात डाकुओं के बीच कई राउंड गोलियां चलीं, जिसमें सरगना बबुली की मौत हो गई।
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मारा गया बबुली कोल
- फोटो : अमर उजाला
जानें, कौन है बबुली कोल
बबुली कोल की उम्र इस समय करीब 40 साल होगी। बबुली पर साढ़े छह लाख रुपए का इनाम था। बबुली कोल का जन्म चित्रकूट जिले के डोडा सोसाइटी क्षेत्र के गांव कोलान टिकरिया के मजदूर रामचरन के घर में 1979 में हुआ था। बबुली ने गांव के ही प्राथमिक स्कूल से क्लास आठ तक की पढ़ाई की। फिर 12वीं की पढ़ाई के लिए वह बांदा चला गया। लेकिन 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्थिक स्थित ठीक न होने के चलते गांव आ गया और किसानी करने लगा।
बबुली कोल की उम्र इस समय करीब 40 साल होगी। बबुली पर साढ़े छह लाख रुपए का इनाम था। बबुली कोल का जन्म चित्रकूट जिले के डोडा सोसाइटी क्षेत्र के गांव कोलान टिकरिया के मजदूर रामचरन के घर में 1979 में हुआ था। बबुली ने गांव के ही प्राथमिक स्कूल से क्लास आठ तक की पढ़ाई की। फिर 12वीं की पढ़ाई के लिए वह बांदा चला गया। लेकिन 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्थिक स्थित ठीक न होने के चलते गांव आ गया और किसानी करने लगा।
मारा गया बबुली कोल
- फोटो : अमर उजाला
जेल जाने की वजह से बना डकैत
साल 2007 में पुलिस ने उसे ठोकिया की मदद के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और तमंचा दिखाकर जेल भेज दिया। छह माह जेल के अंदर रहने के दौरान ठोकिया के साथी लाले पटेल से इसकी मुलाकात हो गई। जेल से छूटने के बाद बबुली ने लाले को छुड़ाने के लिए जाल बिछाया। जब पेशी में लाले आया तो उसे वहां से बबुली कोल फरार करा ले गया और दोनों पाठा के जंगल में कूद गए।
साल 2007 में पुलिस ने उसे ठोकिया की मदद के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और तमंचा दिखाकर जेल भेज दिया। छह माह जेल के अंदर रहने के दौरान ठोकिया के साथी लाले पटेल से इसकी मुलाकात हो गई। जेल से छूटने के बाद बबुली ने लाले को छुड़ाने के लिए जाल बिछाया। जब पेशी में लाले आया तो उसे वहां से बबुली कोल फरार करा ले गया और दोनों पाठा के जंगल में कूद गए।
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मारा गया बबुली कोल
- फोटो : अमर उजाला
कभी ददुआ का चेला था फिर बलखड़िया गैंग में शामिल हुआ
यूपी के बुंदलेखंड में इस समय दहशत का सबसे बड़ा नाम बबुली कोल है। उसके नाम से बकायदा लेटरपैड से रंगदारी वसूली जाती है। पुलिस को बबुली कोल के कई लेटरपैड भी बरामद हुए हैं। डकैत बबुली कभी डकैत ददुआ का चेला हुआ करता था। ददुआ की मौत के बाद वो दस्यु सरगना बलखड़िया उर्फ बाल खड़े उर्फ सुदेश पटेल के गिरोह में शामिल हुआ। एक मुठभेड़ में बलखड़िया के मरने के बाद बबुली कोल गैंग का सरदार बन गया था।
यूपी के बुंदलेखंड में इस समय दहशत का सबसे बड़ा नाम बबुली कोल है। उसके नाम से बकायदा लेटरपैड से रंगदारी वसूली जाती है। पुलिस को बबुली कोल के कई लेटरपैड भी बरामद हुए हैं। डकैत बबुली कभी डकैत ददुआ का चेला हुआ करता था। ददुआ की मौत के बाद वो दस्यु सरगना बलखड़िया उर्फ बाल खड़े उर्फ सुदेश पटेल के गिरोह में शामिल हुआ। एक मुठभेड़ में बलखड़िया के मरने के बाद बबुली कोल गैंग का सरदार बन गया था।
