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Kanpur Floods: बढ़ा गंगा का जलस्तर, बाढ़ में 150 परिवारों का आशियाना बना टेंट; दो हजार घरों में घुसा पानी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 10 Sep 2025 12:25 AM IST
सार
गंगा का जलस्तर और बढ़ गया है। कटरी, बिठूर और शहरी क्षेत्र के 22 गांवों में हालात बिगड़ गए हैं। फसलें जलमग्न हैं।
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बाढ़ से कानपुर का कटरी क्षेत्र जलमग्न
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
लगातार बारिश, नरौरा बांध और हरिद्वार से छोड़े गए पानी के कारण मंगलवार को गंगा का जलस्तर 114.96 मीटर पर पहुंच गया है। यह बैराज पर खतरे के निशान 115 मीटर से सिर्फ चार सेंटीमीटर दूर है। इस सीजन में पहली बार बैराज पर गंगा का जलस्तर इस बिंदु पर पहुंचा है। जलस्तर बढ़ने से घाटों से सटे बिठूर, ख्योरा कटरी और शहरी क्षेत्र के करीब 22 गांवों के दो हजार से अधिक में घरों में पानी घुस गया है। लोगों ने गंगा बैराज में टेंट लगाकर और बाढ़ शरणालयों में शरण ली है।

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बाढ़ से कानपुर का कटरी क्षेत्र जलमग्न
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
मार्जिनल बांध बन जाता तो यह नौबत न आती
ख्योरा कटरी के पूर्व प्रधान अशोक निषाद, दुर्गापुरवा के गुड्डू निषाद, प्रतापपुर हरी के प्रधान सुशील निषाद और ईश्वरीगंज प्रधान संतोष निषाद ने बताया वर्ष 2012 से गंगा बैराज से हिंदुपुर गांव तक गंगा किनारे मार्जिनल बांध बनाने का प्रस्ताव और मांग प्रशासनिक अधिकारियों के पास लंबित है। करीब 12 साल बीतने के बावजूद मार्जिनल बांध नहीं बना। अगर यह बांध बन जाता तो यह नौबत न आती। अशोक निषाद ने बताया कि बांध के लिए दो साल पहले 200 करोड़ रुपया शासन से पास हुआ था लेकिन काम टाल दिया गया।
ख्योरा कटरी के पूर्व प्रधान अशोक निषाद, दुर्गापुरवा के गुड्डू निषाद, प्रतापपुर हरी के प्रधान सुशील निषाद और ईश्वरीगंज प्रधान संतोष निषाद ने बताया वर्ष 2012 से गंगा बैराज से हिंदुपुर गांव तक गंगा किनारे मार्जिनल बांध बनाने का प्रस्ताव और मांग प्रशासनिक अधिकारियों के पास लंबित है। करीब 12 साल बीतने के बावजूद मार्जिनल बांध नहीं बना। अगर यह बांध बन जाता तो यह नौबत न आती। अशोक निषाद ने बताया कि बांध के लिए दो साल पहले 200 करोड़ रुपया शासन से पास हुआ था लेकिन काम टाल दिया गया।
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बाढ़ से कानपुर का कटरी क्षेत्र जलमग्न
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
प्रशासन पर लगाया मदद न करने का आरोप
बनियापुरवा निवासी राजाराम निषाद, बालचंद निषाद, अर्जुन निषाद और मक्कापुरवा के तुलाराम निषाद ने बताया सोमवार को प्रशासन ने 200 पैकेट पका भोजन बंटवाया था लेकिन मंगलवार शाम आठ बजे तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं दी गई। विधायक बिठूर अभिजीत सिंह, जिला पंचायत पति मल्हू निषाद और पूर्व प्रधान ख्योरा कटरी लगातार दो दिनों से बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन बनवाकर बंटवा रहे हैं।
बनियापुरवा निवासी राजाराम निषाद, बालचंद निषाद, अर्जुन निषाद और मक्कापुरवा के तुलाराम निषाद ने बताया सोमवार को प्रशासन ने 200 पैकेट पका भोजन बंटवाया था लेकिन मंगलवार शाम आठ बजे तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं दी गई। विधायक बिठूर अभिजीत सिंह, जिला पंचायत पति मल्हू निषाद और पूर्व प्रधान ख्योरा कटरी लगातार दो दिनों से बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन बनवाकर बंटवा रहे हैं।

बाढ़ से कानपुर का कटरी क्षेत्र जलमग्न
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
दूसरी ओर तहसीलदार विनय कुमार ने बताया कि बैराज पर ग्रामीणों के लिए भोजन, पानी, शौचालय की समुचित व्यवस्था कराई गई। नाश्ते से लेकर देर तक ग्रामीणों को भोजन दिया जा रहा है। पशुओं के लिए चारे का इंतजाम है। आसपास के क्षेत्र में सफाई और मंगलवार को फागिंग भी करवाई गई है।
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बाढ़ से कानपुर का कटरी क्षेत्र जलमग्न
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
भगवानदीनपुरवा में फंसे तीन दर्जन पशु
भगवानदीनपुरवा में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं। गांव के सभी घरों में पानी भरा है। यहां रहने वाले संतोष निषाद, बालचंद्र निषाद, पप्पू निषाद और तुलाराम निषाद के तीन दर्जन से अधिक दुधारू पशु बाढ़ के पानी में फंस गए हैं। इन्हें अब बैराज पर लाना मुश्किल है क्योंकि पानी का बहाव तेज है और सड़क किनारे खेतों में चारों तरफ कटीले तारों की बाड़ है। इससे पशु के बाड़ में फंसने और घायल होने का खतरा है। पशुपालकों ने मांग की नावों से पशुओं के लिए हरे चारे और भूसे की व्यवस्था की जाए।
भगवानदीनपुरवा में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं। गांव के सभी घरों में पानी भरा है। यहां रहने वाले संतोष निषाद, बालचंद्र निषाद, पप्पू निषाद और तुलाराम निषाद के तीन दर्जन से अधिक दुधारू पशु बाढ़ के पानी में फंस गए हैं। इन्हें अब बैराज पर लाना मुश्किल है क्योंकि पानी का बहाव तेज है और सड़क किनारे खेतों में चारों तरफ कटीले तारों की बाड़ है। इससे पशु के बाड़ में फंसने और घायल होने का खतरा है। पशुपालकों ने मांग की नावों से पशुओं के लिए हरे चारे और भूसे की व्यवस्था की जाए।
मंगलवार को नरौरा बांध से 1,15,180 क्यूसेक और हरिद्वार से 64,280 क्यूसेक पानी आने से जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। बैराज के सभी गेट खोलकर 4,86,282 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बारिश के चलते पीछे से आ रहे पानी से जलस्तर बढ़ रहा है। जल्द ही जलस्तर घटने के आसार हैं। - अजय कुमार, अवर अभियंता, बैराज निर्माण खंड-2