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भूपेश अवस्थी विवाद: मामले में CBI और ED जांच की मांग, 37 मामलों में दी क्लीन चिट...पांच भी कर दिए जाएंगे खत्म

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Wed, 10 Dec 2025 10:25 AM IST
सार

Kanpur News: कर्मचारी नेता भूपेश अवस्थी के मामले में विपक्षियों द्वारा तीन और वीडियो वायरल किए गए हैं, जिसमें अखिलेश दुबे मुक्ति मोर्चा ने 37 शिकायतों में क्लीन चिट देने का आरोप लगाते हुए, लखनऊ के अधिकारियों पर संरक्षण देने का दावा किया है।
 

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Kanpur 24 hours after Bhupesh video three videos of go viral allegations of collusion leveled against police
भूपेश अवस्थी और अखिलेश दुबे - फोटो : amar ujala

कानपुर में कर्मचारी नेता भूपेश अवस्थी के सोमवार को वायरल वीडियो के 24 घंटे बाद मंगलवार को विपक्षियों के तीन वीडियो वायरल हुए। अखिलेश दुबे मुक्ति मोर्चा के सदस्य सौरभ भदौरिया ने वायरल वीडियो में सीबीआई और ईडी से मामले की जांच कराने की मांग की है। कहा कि अखिलेश दुबे, भूपेश अवस्थी और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों को लखनऊ के कतिपय अधिकारियों ने संरक्षण दे रखा है। उन्हीं के दबाव में पुलिस कमिश्नर भी हैं। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर के जाने के बाद अखिलेश दुबे और गिरोह के सदस्यों के खिलाफ मिली शिकायतों में से 37 में क्लीन चिट दे दी गई। अब कमिश्नरी पुलिस पर भरोसा नहीं है। इधर, लगातार वीडियो वायरल होने के बाद भी पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है।

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सौरभ भदौरिया - फोटो : amar ujala

पहला वीडियो: पुलिस भूपेश अवस्थी को नहीं कर रही गिरफ्तार
सात मिनट 25 सेकेंड के वीडियो में सौरभ भदौरिया ने कहा कि अखिलेश दुबे, भूपेश अवस्थी का गिरोह जमीन और संपत्तियों को हड़पने के लिए छेड़छाड़, दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट, मादक पदार्थों की तस्करी समेत अन्य धाराओं में एफआईआर कराता था। इन लोगों की कारगुजारियां करीब 40 वर्ष से जारी थी जिसकी शिकायत तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से की गई। उन्होंने एसआईटी से जांच कराई। भाजपा नेता रवि सतीजा, संदीप शुक्ला, शैलेंद्र कुमार, सुरेश पाल, प्रज्ञा त्रिवेदी समेत अन्य ने एफआईआर कराई थी।
सीबीआई और ईडी से जांच आवश्यक
अखिलेश दुबे गिरोह ने 2500 करोड़ से अधिक की सरकारी जमीनों और पार्कों पर कब्जा किया है। पुलिस भूपेश अवस्थी को गिरफ्तार नहीं कर रही है। उसके खिलाफ 82-83 की कार्रवाई भी नहीं हो रही है जबकि 30 अक्तूबर को कोर्ट ने उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया था। अधिवक्ता के मुताबिक उन लोगों के साथ पिंटू सेंगर जैसी कोई भी आपराधिक वारदात या हत्या हो सकती है। पूर्व कमिश्नर के जाने के बाद से अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। सीबीआई और ईडी से जांच आवश्यक है।

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आशीष शुक्ला - फोटो : amar ujala

दूसरा वीडियो: सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का नहीं हो रहा पालन
अखिलेश दुबे मुक्ति मोर्चा में शामिल आशीष शुक्ला का 11:49 मिनट का वीडियो वायरल हुआ है। इसमें आशीष शुक्ला का कहना है कि अखिलेश दुबे, भूपेश अवस्थी और गिरोह के अन्य सदस्यों के दबाव में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं हो पा रहा है। वह जिला समन्वय और निगरानी समिति के पूर्व सदस्य रहे हैं। अभी जवाहर विद्या समिति के प्रबंधक हैं। भूमाफिया और सफेदपोश नेता संगठित गिरोह बनाकर अपराध कर रहे हैं। उनकी समिति को 1984 में एक जमीन का आवंटन किया गया था, जिसकी चौथाई रकम भी जमा कर दी गई थी।
मुख्यमंत्री से लगाई है गुहार
तत्कालीन कांग्रेस विधायक अजय कपूर ने इस पर अपना प्रत्यावेदन किया था। उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया। बाद में मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। उनके हक में निर्णय आया लेकिन अखिलेश दुबे, भूपेश अवस्थी, रवि पांडेय समेत अन्य ने षड़यंत्र रच जमीन को पार्क के रूप में दिखाकर कब्जा करने प्रयास किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फोर्स वहां गई लेकिन महिलाओं व क्षेत्रीय अन्य लोगों ने बाधा उत्पन्न की। सिर्फ यही नहीं भूपेश अवस्थी ने आरटीआई का उपयोग कर बेटे के नाम से 1992-1994 की मार्कशीट निकलवाई और उसको फर्जी करार देते हुए गैंगस्टर अरिदमन सिंह से एफआईआर कराई। उन्होंने वीडियो में मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है।

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प्रज्ञा त्रिवेदी और उनके अधिवक्ता - फोटो : amar ujala

तीसरा वीडियो: पुलिस की मिलीभगत से भूपेश अवस्थी गिरफ्तार नहीं
प्रज्ञा त्रिवेदी के अधिवक्ता ने 47 सेकेंड का वीडियो जारी किया है। इसमें वह पुलिस कमिश्नर पर आरोप लगाते हुए नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो में अधिवक्ता का कहना है कि भूपेश अवस्थी के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी है लेकिन पुलिस की मिलीभगत की वजह से उसको गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। कानपुर के पुलिस कमिश्नर आईपीएस अमिताभ यश के प्रभाव में हैं। अपराधियों का खिलौना बने हुए हैं। आमजन का उत्पीड़न हो रहा है।

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सीपी रघुबीर लाल - फोटो : amar ujala

वीडियो बनाकर अपना पक्ष कोई भी रख सकता है। हमारे लिए भूपेश अवस्थी वांछित है। उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हुआ है। तलाश जारी है। अखिलेश दुबे के खिलाफ जांच और क्लीनचिट एसआईटी ने दी है। किसी भी अधिकारी की ओर से कोई दबाव नहीं है।  -रघुबीर लाल, पुलिस कमिश्नर

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