Kanpur: चार विभागों ने जिले की गिराई रैंकिंग, 48 अफसरों को नोटिस…शिकायत निस्तारण में लापरवाही, ये रही स्थिति
Kanpur News: आईजीआरएस रैकिंग में अक्तूबर में जिले की रैंकिंग सुधरकर 63वें स्थान पर पहुंची थी, लेकिन नवंबर में अफसरों की लापरवाही के कारण फीडबैक काफी खराब रहा। ज्यादातर अफसरों ने घर बैठे ही शिकायतें निस्तारित कर दीं।
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कानपुर जिले की आईजीआरएस रैंकिंग नवंबर में एक बार फिर से गिरकर 70वें स्थान पर पहुंच गई है। शासन स्तर से विभागवार जारी निगेटिव फीड बैक के बाद अफसरों की पोल खुली है। सबसे खराब फीडबैक नगर निगम, केडीए, जलकल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के शिकायतकर्ताओं का रहा। शिकायत निस्तारण में लापरवाही बरतने पर एडीएम सिटी डॉ. राजेश कुमार ने 48 विभागों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
आईजीआरएस रैकिंग में अक्तूबर में जिले की रैंकिंग सुधरकर 63वें स्थान पर पहुंची थी, लेकिन नवंबर में अफसरों की लापरवाही के कारण फीडबैक काफी खराब रहा। ज्यादातर अफसरों ने घर बैठे ही शिकायतें निस्तारित कर दीं। इस कारण जिला 114 अंकों के साथ फिर से 70वें स्थान पर पहुंच गया। खराब रैंक आने के बाद जब एडीएम सिटी ने विभागवार शिकायतों की समीक्षा की तो हकीकत कुछ और ही मिली। नगर निगम, विद्युत, केडीए, जलकल, शिक्षा विभाग के अफसरों ने सबसे ज्यादा शिकायत निस्तारण लापरवाही बरती है।
सबसे ज्यादा खराब फीडबैक वाले विभाग
अपर नगर आयुक्त- 1132
नगर आयुक्त-1103
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम- 248
केडीए सचिव- 177
जलकल अधिशासी अभियंता-173
केडीए वीसी-162
इन विभाग की शिकायतें डिफॉल्टर हो गईं
नगर निगम- सात
प्रभागीय वन अधिकारी- छह
लीड बैंक मैनेजर- छह
जल निगम अधिशासी अभियंता- पांच
बीएसए- पांच
सबसे अधिक शिकायतें नगर निगम, केडीए और जलकल विभाग से जुड़ी हैं। बिना बात किए ही शिकायतें निस्तारित कर दी गई हैं। करीब 48 अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। सही जवाब न मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी। -डॉ. राजेश कुमार, एडीएम सिटी