जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकी मुठभेड़ में शहीद रोहित यादव को डेरापुर कस्बे में राजकीय सम्मान व गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। शनिवार दोपहर शहीद के अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा। सभी एक स्वर में भारत माता की जय व शहीद जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। परिजनों व मौजूद सभी लोगों ने नम आंखों से शहीद के पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
शहीद के चचेरे भाई ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। पुलवामा में आतंकी मुठभेड़ के दौरान जिले के डेरापुर कस्बे के डिरवापुर गांव निवासी फौजी रोहित यादव गुरुवार को शहीद हो गए थे। शनिवार को दोपहर डेढ़ बजे कर्नल एमसी जोशी सेना की टुकड़ी के साथ शहीद का पार्थिव शरीर लेकर डेरापुर पहुंचे। सूचना लगते ही अंतिम दर्शन को लोग सड़क पर दौड़ पड़े।
एंबुलेंस से शहीद का पार्थिव शरीर को उतार का घर के बाहर रखा गया तो मां विमला देवी व पत्नी वैष्णवी समेत हर कोई चित्कार मारकर रो पड़ा। वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। इसके बाद शहीद का चेहरा दिखाने के लिए ताबूत को खोला गया। बाद में भीड़ ज्यादा होने की वजह से उसे बंद कर दिया गया। इसके बाद प्रशासन की ओर से शहीद का पार्थिव शरीर अंत्येष्टि स्थल की ओर ले जाया गया।
क्षेत्र के युवाओं में खासा आक्रोश देखने को मिला। रास्ते भर पाकिस्तान मुर्दाबाद, वंदे मातरम् रोहित यादव अमर रहे आदि नारे लगाते रहे। अंत्येष्टि स्थल पर पहले से मौजूद गांव समेत क्षेत्र की जनता उमड़ी पड़ी। हर कोई अंतिम दर्शन को आगे आना चाह रहा था। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने अंत्येष्टि स्थल पर बैरीकेडिंग लगा दी थी, इसके बाद भी युवाओं का जोश थमने का नाम नहीं ले रहा था।
इस दौरान पत्नी वैष्णवी और मां कई बार बेसुध हो गई। वहां मौजूद परिवारीजनों ने उन्हें संभाला। परिवार में शहीद के पिता गंगा सिंह, मां विमला देवी, पत्नी वैष्णवी सहित परिवार के अन्य सदस्यों व रिश्तेदारों ने अंतिम दर्शन कर पुष्प चक्र चढ़ाया। असम राइफल के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद तहसील प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गई जमीन पर उसके चचेरे भाई यदुवीर ने मुखाग्नि दी।