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बिकरू कांड: दीपक दुबे की सेमीऑटोमैटिक राइफल ग्वालियर में, बोला था विकास- हम दोबारा आएंगे, असलहे सुरक्षित रखना
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 04 Mar 2021 01:19 PM IST
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हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
दहशतगर्द विकास दुबे के भाई दीपक दुबे की बेची गई सेमी ऑटोमैटिक राइफल और डबल बैरल बंदूक को एसटीएफ ने ट्रेस कर लिया है। दोनों असलहे भिंड के रहने वाले बसपा नेता सत्यवीर सिंह यादव के रिश्तेदार बंटी ने ग्वालियर में अपने करीबी को ठिकाने लगाने को दिए हैं।
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विकास दुबे (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
जल्द एसटीएफ इन असलहों की बरामदगी के साथ खरीदारों की गिरफ्तारी कर सकती है। दीपक दुबे की सेमी ऑटोमैटिक राइफल और डबल बैरल सत्यवीर सिंह यादव ने अपने रिश्तेदार बंटी को खरीदकर दिए थे। खुद सत्यवीर सामने नहीं आया था। सूत्रों के मुताबिक बंटी फरार हो गया।
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विकास दुबे (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
बुधवार को एसटीएफ को अहम सुराग मिला कि बंटी कई शहरों में फरारी काटकर ग्वालियर पहुंचा। यहां पर उसने अपने एक परिचित कारोबारी को असलहे दिए। सूत्रों के मुताबिक उसे एसटीएफ ने ट्रेस कर लिया है। आठ माह के दौरान ये असलहे कई लोगों को बेचे गए।
कानपुर एनकाउंटर
- फोटो : अमर उजाला
पांच से छह और असलहे होने की आशंका
सूत्रों के मुताबिक कुछ और असलहे थे जो विकास ने रामजी को दिए थे, जिनके बारे में अभी पता नहीं चला है। ऐसे में आशंका है कि जब राइफल व बंदूक खरीदने वाले पकड़े जाएंगे तो और असलहों की बरामदगी होगी।
सूत्रों के मुताबिक कुछ और असलहे थे जो विकास ने रामजी को दिए थे, जिनके बारे में अभी पता नहीं चला है। ऐसे में आशंका है कि जब राइफल व बंदूक खरीदने वाले पकड़े जाएंगे तो और असलहों की बरामदगी होगी।
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कानपुर एनकाउंटर
- फोटो : amar ujala
हम दोबारा आएंगे, असलहे सुरक्षित रखना
वारदात को अंजाम देने के बाद विकास को जरा भी अफसोस नहीं था बल्कि वो खुश था। विष्णु कश्यप की मदद से विकास, अमर और प्रभात उसके जीजा रामजी के घर तक पहुंचे थे। जब यहां से झींझक के लिये रवाना हुए तो सारा असलहा और मोबाइल यहीं छोड़ दिया था। सूत्रों के मुताबिक यहां से चलते वक्त विकास ने रामजी और विष्णु पाल को धमकाया था कि असलहा व अन्य चीजें सुरक्षित रखना। हम दोबारा आएंगे। अगर कुछ भी इधर से उधर हुआ तो बहुत दिक्कत होगी। खुद को पहचान नहीं पाओगे। विष्णु व रामजी ने अपने बयानों में ये बात कही हैं।
वारदात को अंजाम देने के बाद विकास को जरा भी अफसोस नहीं था बल्कि वो खुश था। विष्णु कश्यप की मदद से विकास, अमर और प्रभात उसके जीजा रामजी के घर तक पहुंचे थे। जब यहां से झींझक के लिये रवाना हुए तो सारा असलहा और मोबाइल यहीं छोड़ दिया था। सूत्रों के मुताबिक यहां से चलते वक्त विकास ने रामजी और विष्णु पाल को धमकाया था कि असलहा व अन्य चीजें सुरक्षित रखना। हम दोबारा आएंगे। अगर कुछ भी इधर से उधर हुआ तो बहुत दिक्कत होगी। खुद को पहचान नहीं पाओगे। विष्णु व रामजी ने अपने बयानों में ये बात कही हैं।
