तस्वीरें: पेशी पर जाते वक्त लखीमपुर कांड के आरोपी आशीष मिश्र ने कैमरे के सामने दिखाई हेकड़ी, बार-बार दिया मूछों पर दिया ताव
गौरतलब है कि मंगलवार को आशीष मिश्र को पुलिस जेल से पेशी के लिए सत्र न्यायालय ले आई। इस दौरान वह पुलिस की गाड़ी से उतरकर न्यायालय परिसर के अंदर प्रवेश करने तक पूरे रास्ते में अपनी मूछों को ताव देता नजर आया। उसकी चाल में अलग सी रौब थी और पूरे समय वह अपनी हेकड़ी दिखाता रहा। बता दें कि इस मामले में जेल में बंद आशीष मिश्र को फरवरी में जमानत मिल गई थी लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका डाली गई तो कोर्ट ने आशीष मिश्र की जमानत खारिज कर दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मामले में सोमवार को की तल्ख टिप्पणी
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में सोमवार को तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने किसानों को धमकाने वाला कथित बयान नहीं दिया होता तो शायद लखीमपुर खीरी कांड होता ही नहीं। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने हिंसा के चार आरोपियों अंकित दास, लवकुश, सुमित जायसवाल और शिशुपाल की जमानत याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने कहा, उच्च पद संभालने वाले राजनीतिक व्यक्तियों को सार्वजनिक बयान सभ्य तरीके से और यह सोच कर देना चाहिए कि उसका अंजाम क्या होगा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि जब क्षेत्र में धारा 144 लगी थी तो दंगल का आयोजन क्यों किया गया और क्यों केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्य अतिथि के रूप में वहां जाने का फैसला लिया। कोर्ट ने कहा यह विश्वास करने योग्य नहीं है कि मौर्य को यह पता नहीं था कि क्षेत्र में धारा 144 लगी है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद मुख्य आरोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्र उर्फ मोनू की तरफ से हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दोबारा दायर जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने अगली सुनवाई 25 मई को नियत की है।
सरकार ने किया आरोपियों की जमानत का विरोध
राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने सहयोगी वकीलों के साथ चारों आरोपियों की जमानत का विरोध किया। मामले में बीते वर्ष तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनियां में हुई हिंसा में चार किसान व एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।