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मेरठ: भुवनेश्वर से हमेशा ये बात कहते थे पिता किरनपाल, दादा बनने के लिए थे उत्साहित, पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: कपिल kapil Updated Fri, 21 May 2021 12:27 PM IST
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Kiranpal Singh always used to tell his son Bhuvaneshwar Kumar that he has to stay in Meerut
परिवार के साथ क्रिकेटर भुवनेश्वर कुमार - फोटो : amar ujala

मूल रूप से बुलंदशहर के लुहारली गांव निवासी क्रिकेटर भुवनेश्वर कुमार के पिता किरनपाल पाल सिंह हमेशा सादा जीवन व्यतीत करते थे। वह भुवनेश्वर से अक्सर कहते थे, बेटा तू कहीं भी रहे, मेरा तो मेरठ में ही मन लगता है। इसी कारण वह अपने अंतिम समय तक मेरठ में ही रहे और अपने आवास पर अंतिम सांस ली।



भुवी के करीबी दोस्त मनोज ठाकुर ने बताया कि भुवनेश्वर के पिता पुलिस विभाग में थे। उन्होंने रिटायरमेंट से चार साल पहले 2014 में ही वीआरएस ले लिया था। वह मेरठ, गाजियाबाद, बागपत और मुजफ्फरनगर में तैनात रहे। कुछ दिन पुलिस लाइन के सरकारी क्वार्टर में रहने के बाद उन्होंने गंगानगर सी-पॉकेट में घर बनाया। वह अपने गांव से भी जुड़े थे। कई महीनों पहले उन्हें लिवर कैंसर ने चपेट में ले लिया था। भुवनेश्वर ने डॉक्टरों से सलाह लेकर उन्हें इंग्लैंड ले जाने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं गए। कहा मुझे अपने देश में ही इलाज कराना है। वहीं भुवनेश्वर कुमार जल्द पिता बनने वाले हैं। दादा बनने की खुशी में किरनपाल सिंह भी उत्साहित थे।

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भुवनेश्वर कुमार अपनी पत्नी नुपुर के साथ - फोटो : सोशल मीडिया

इसके बाद इंग्लैंड के डॉक्टरों के निर्देशन में इलाज शुरू हुआ। दिल्ली व नोएडा में उनकी कीमो थेरेपी पूरी हो गई थी। जिसके बाद वह खुद को ठीक महसूस कर रहे थे। गंभीर हालत में भी किरनपाल सिंह ने आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ के लिए भुवी को वोट देने की अपील की थी। भुवी सर्वाधिक वोट पाकर प्लेयर ऑफ द मंथ चुने भी गए थे। इससे पिता बहुत खुश हुए थे। दो सप्ताह पहले उनकी हालत फिर खराब हो गई थी। उन्हें गंगानगर स्थित पास के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत स्थिर रहने के कुछ दिन बाद मुजफ्फरनगर क्षेत्र के मसूरी स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। लिवर की बीमारी के कारण उन्हें पीलिया और अन्य कई बीमारी ने चपेट में ले लिया, जिसके बाद डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था।

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पिता के साथ क्रिकेटर भुवनेश्वर कुमार - फोटो : amar ujala

पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार
किरनपाल सिंह की इच्छा के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को गांव लुहारली ले जाया गया। गुरुवार शाम करीब 7:30 बजे भुवनेश्वर ने पिता को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के बाद भुवी, उनकी पत्नी नूपुर, बहन रेखा व बहनोई, माता इंद्रेश देवी और भुवी के ससुराल पक्ष के लोग गांव में ही रुक गए। तेरहवीं तक भुवी परिवार सहित गांव में ही रहेंगे।

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भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल - फोटो : अमर उजाला

कठोर परिश्रमी थे 
भुवनेश्वर के पिता किरनपाल सिंह जी के निधन से मन व्यथित है। वह कठोर परिश्रमी, अनुशासित और अत्यंत सरल विनम्र व्यक्ति थे। भुवी की सफलता के पीछे उन्हीं का हाथ था। दुख की इस घड़ी में भुवी और उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। - राजेंद्र अग्रवाल, सांसद

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भुवी के पिता किरनपाल सिंह परिवार के साथ - फोटो : amar ujala

भुवनेश्वर ने पत्रकार का तोड़ा कैमरा
भुवनेश्वर के पिता की मौत की सूचना मिलते ही मीडियाकर्मी भी उनके पैतृक गांव पहुंच गए। बताया गया कि इस दौरान भुवनेश्वर ने एक स्थानीय पत्रकार का डीएसएलआर कैमरा छीन कर जमीन पर दे मारा, जिससे वह टूट गया। वहीं किरनपाल सिंह की मौत की सूचना मिलने पर उनके पैतृक गांव में नेताओं का आना जाना शुरू हो गया। अंतिम संस्कार के बाद भाजपा के जिलाध्यक्ष अनिल सिसौदिया भी उनके गांव पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया।

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