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शहादत : बेटे की टी-शर्ट पहनकर पिता ने दी अंतिम सलामी, बोले -अरे कोई निशानी तो छोड़ जाता अभिनव

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: Dimple Sirohi Updated Sun, 23 May 2021 01:07 AM IST
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Martyr Abhinav chaudhary: Father salute his Martyred son wearing his training T-shirt
शहीद अभिनव चौधरी का फाइल फोटो व तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर - फोटो : amar ujala
मेरठ में शनिवार सुबह नौ बजे जैसे ही गंगासागर में शहीद अभिनव चौधरी का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर पहुंचा तो परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे। वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं। सभी यही कर रहे थे कि हे भगवान तुमने परिवार को पहाड़ जैसा दुख दे दिया। मां, बहन और पिता पार्थिव शरीर को देखकर बेसुध हो गए। पिता सतेंद्र चौधरी ने अभिनव को स्कूली शिक्षा राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून के समय मिली टी-शर्ट पहनकर सलामी दी। उन्होंने अभिनव के पार्थिव शरीर पर सिर रख दिया और यादों में खो गए। सेना और एयरफोर्स अधिकारियों ने मात्र 30 मिनट में परिवार को अंतिम दर्शन कराकर पार्थिव शरीर को विशेष वाहन में रख दिया।


पार्थिव शरीर को एयरफोर्स के अधिकारी हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से गंगासागर लेकर आए। पत्नी सोनिका को अधिकारी अलग गाड़ी में लाए थे। जैसे ही पार्थिव शरीर घर की चौखट पर पहुंचा ताऊ और ताई की हालत खराब हो गई। बागपत लेकर जाने के लिए जैसे ही सेना और एयरफोर्स के अधिकारी तैयार हुए तो पिता ने कहा कि मैं अपने बेटे के साथ ही जाऊंगा। गाड़ी में बैठे वह बार-बार बस अभिनव के पार्थिव शरीर को देखकर यही कह रहे थे कि अब मुझे कौन फोन करके कौन पूछेगा कि पापा आप कैसे हैं?
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शहीद अभिनव चौधरी - फोटो : amar ujala
अरे अभिनव कोई निशानी तो छोड़ जाता
सभी महिलाओं के मुख से एक ही शब्द निकल रहा था कि बेटा कोई निशानी तो छोड़ देता। अपने मम्मी और पापा को जिंदगी भर का दुख दे गया। ये कैसे रहेंगे और बहन अब किसका इंतजार करेगी। अभिनव और सोनिका को शादी के बंधन में बंधे सिर्फ 17 महीने हुए हैं। उनके अभी कोई संतान नहीं थी। इसी को लेकर महिलाओं में चर्चा होती रही।

 
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शहीद अभिनव चौधरी की मां व बहन - फोटो : amar ujala
सात बजे ही घर पर बढ़ने लगी थी भीड़ 
 गंगासागर स्थित अभिनव के आवास पर सुबह सात बजे ही कॉलोनी और आसपास के लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। जैसे ही पार्थिव शरीर पहुंचा तो सैकड़ों की भीड़ एकत्र हो गई। जगह-जगह शहीद को सलामी दी गई। 9 बजकर 42 मिनट पर विशेष वाहन बागपत रवाना हो गया था।

 
 
Martyr Abhinav chaudhary: Father salute his Martyred son wearing his training T-shirt
शहीद अभिनव चौधरी - फोटो : amar ujala
अपनी जान गवां कर बचा ली कई जिंदगी 
 स्क्वाड्रन लीडर अभिनव चौधरी ने आबादी पर विमान गिरने से बचाने के लिए शहादत दी। वह विमान को गांव से काफी दूर ले गए। जिससे किसी की जान को खतरा न हो। इसके लिए उन्होंने अपनी जान की परवाह भी नहीं की। इस कोशिश में जब तक वह विमान से पैराशूट लेकर बाहर निकलते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अब उनके जाने के बाद उनकी यादें और बहादुरी के किस्से लोगों की जुबान पर हैं।

अभिनव की पत्नी सोनिका के रिश्ते के चाचा रालोद नेता कुलदीप उज्ज्वल हैं। उन्होंने बताया कि अभिनव जितने होनहार थे उतने ही जांबाज भी थे। अपनी शादी में लाखों का दहेज ठुकराकर सिर्फ एक रुपया स्वीकार करके शानदार मिसाल कायम थी। उन्हें सैन्य अधिकारियों ने बताया कि बहादुरी में भी उनका जवाब नहीं था। जिस समय अभिनव को विमान के इंजन में गड़बड़ी का पता चला तो वहां काफी आबादी थी। अभिनव चाहते तो विमान से पैराशूट के सहारे निकल सकते थे परंतु उन्होंने जान की परवाह नहीं की। वह विमान को आबादी से काफी दूर ले गए। इसके बाद उसने विमान से निकलने का प्रयास किया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अपनी शहादत देकर उसने कई जिंदगी बचा ली। उसके जाने का दर्द कभी भूला नहीं जाएगा। वह हमारे दिलों में हमेशा रहेगा। 
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- फोटो : amar ujala

जयंत चौधरी ने फोन पर दी सांत्वना
रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने अभिनव के पिता सतेंद्र चौधरी व ताऊ सूबे सिंह से फोन पर वार्ता कर उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि अभिनव की शहादत से पूरा देश दुखी है। ऐसे जाबांज लोग बहुत कम होते हैं। दुख की इस घड़ी में रालोद परिवार के साथ है। 

डीएम और एसपी के न आने पर रोष
अभिनव चौधरी के अंतिम संस्कार में डीएम राजकमल यादव और एसपी अभिषेक सिंह नहीं पहुंचे। इसे लेकर ग्रामीणों में रोष दिखाई दिया। उनका कहना था कि देश की सेवा करते हुए शहीद हुए अफसर के अंतिम यात्रा में अधिकारियों को आना चाहिए था। 

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