शहीद सूबेदार राम सिंह भंडारी का पार्थिव शरीर जब आवास पर लाया गया भारत मां के जयकारों के बीच पूरा माहौल गर्व और गम के समंदर में डूब गया। पत्नी और बेटियां तो बेसुध-सी हो गईं। बेटी करिश्मा ने पार्थिव शरीर को प्रणाम करने के बाद हाथ उठाकर जय हिंद किया। बिलखते हुए बोली, पापा आप चुप क्यों हैं। अपनी अंतिम यात्रा से पहले कुछ तो कहकर जाइए। यह दृश्य देख वहां मौजूद हर शख्स की आंखें आंसुओं में डूब गईं।
तस्वीरें: शहीद की अंतिम विदाई में आंसुओं का सैलाब, बेटा बोला- जय हिंद पापा! आप चुप क्यों हैं, कुछ तो बोलकर जाइए
पिता की जिम्मेदारी को मैं निभाऊंगा
बेटे सोलेन भंडारी ने कहा कि उसे पिता की शहादत पर गर्व है। उन्होंने हमेशा वतन को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी उठाई। आगे वह भी सेना में भर्ती होकर पिता की जिम्मेदारियों को निभाएगा। शहीद सूबेदार राम सिंह के पिता दीवान सिंह का कहना है कि कभी नहीं सोचा था कि अपने सामने बेटे को इस दुनिया से विदा होते देखूंगा।
लोगों ने कहा कि खत्म हो आतंकवाद
अंतिम दर्शन के दौरान आतंकवाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए। लोगों ने कहा कि आतंकवाद और पाकिस्तान को करारा जवाब देना चाहिए। सूबेदार की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जानी चाहिए।
जनप्रतिनिधियों ने दी श्रद्धांजलि
शहीद के घर पहुंचकर जनप्रतिनिधियों ने परिजनों की हिम्मत बंधाई। इस दौरान राजकुमार सोनकर, कसेरूखेड़ा पार्षद विजय सोनकर, गंगानगर पार्षद गुलबीर सिंह, जिपं सदस्य विकास उपाध्याय, हिमांशु भटनागर आदि मौजूद रहे। वहीं, चौधरी चरण सिंह विवि के छात्रों ने विनीत चपराणा के नेतृत्व में विवि के मुख्य द्वार शहीदों की प्रतिमा पर कैंडल जलाकर शहीद राम सिंह की शहादत को नमन किया। छात्रों ने कहा कि क्रांतिकारी शहर ने हमेशा देश के लिए बलिदान दिया है। सूरजकुंड पर भाजपा नेता अजित सिंह, सरबजीत कपूर, एडीएम सिटी अजय तिवारी, गढ़वाल सभा के पदाधिकारी सहित अन्य लोगों ने पहुंचकर शहादत को सलाम किया।
श्रद्धांजलि देने पंहुचे लोगों व परिजनों ने सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने राम सिंह के नाम पर शहीद द्वार बनाने की मांग की। इस पर सांसद ने आश्वासन दिया।