सब्सक्राइब करें

हिंदी दिवस: पर्दे के पीछे छिपे लोगों ने कंप्यूटर में उपलब्ध कराई देवनागरी लिपि, साहित्यकारों को किया गया याद

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Sun, 14 Sep 2025 02:29 PM IST
सार

Hindi Diwas: हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर अमर उजाला ने बीएचयू में कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें गणमान्य लोगों ने हिन्दी पर बातचीत की। साहित्यकारों और उनकी लेखनी पर चर्चा की।

विज्ञापन
Hindi diwas People hidden behind scenes made Devanagari script available computers litterateurs remembered
अमर उजाला की ओर से बीएचयू में हिंदी दिवस पर सम्मानित लोग। - फोटो : अमर उजाला

Varanasi News: अमर उजाला की ओर से बीएचयू में हिंदी दिवस पर हिंदी की बातें की गईं। शनिवार को संगीत एवं मंच कला संकाय स्थित पंडित ओंकार नाथ ठाकुर सभागार में कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि हिंदी को आगे बढ़ाएं, मगर दूसरी भाषाएं पीछे न जाएं। 

loader
Trending Videos
Hindi diwas People hidden behind scenes made Devanagari script available computers litterateurs remembered
प्रतिभागियों को भी मिला सम्मान। - फोटो : अमर उजाला

किसी एक के लिए दूसरे को खत्म करना अनुचित है। एक साथ सबका विकास हो। लेकिन सबसे ज्यादा हिंदी का विकास हो। इससे समाज में सभी जुड़ सकेंगे। शिक्षा, नौकरी, बिजनेस आदि के अवसर बढ़ेंगे।

विज्ञापन
विज्ञापन
Hindi diwas People hidden behind scenes made Devanagari script available computers litterateurs remembered
कार्यक्रम में माैजूद लोग। - फोटो : अमर उजाला

कुलपति ने स्कूलों में निबंध और क्विज प्रतियोगिताओं के विजेताओं को जीत की बधाई दी। कहा कि बच्चों ये पहली सीढ़ी आपने पार की है आगे और काम करना है। कुलपति के साथ तस्वीर भी खिंचवाई। निबंध प्रतियोगिता में 40 स्कूलों के 4200 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया था। जिनमें से 70 विजेताओं को मंच पर मेडल पहनाकर और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।  

Hindi diwas People hidden behind scenes made Devanagari script available computers litterateurs remembered
नागरी प्रचारिणी सभा के प्रधानमंत्री व्योमेश शुक्ल। - फोटो : अमर उजाला

व्योमेश शुक्ल ने कहा कि 1873 में हरिश्चंद्री हिंदी के तौर पर नई भाषा तैयार हो चुकी थी। इस शहर का आत्म विश्वास देखिए कि भारतेंदु नई चाल में ढली फिर एक कोष्ठक बना दिए कि हरिश्चंद्री हिंदी। मंच पर कुलपति ने भारतेंदु हरिश्चंद्र की पांचवीं पीढ़ी के दीपेश चौधरी और आचार्य रामचंद्र शुक्ल की प्रपौत्री डॉ. मुक्ता को मोमेंटो और गमले का फूल देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान दोनों परिवार के लोगों ने व्याख्यान भी दिया।

आज हिंदी का दिन है। इसके सबसे स्थापित नायक के अखाड़े में खड़े होकर बोलना बड़ा अवसर है। हिंदी को स्थापित करने में महामना का योगदान बहुत ज्यादा है। हिंदी को प्रतिष्ठित करने वालों में वह सबसे ऊपर हैं। क्वींस कॉलेज में पांचवीं से नौवीं में पढ़ने वालों ने नागरी प्रचाारिणी को जन्म दिया। 

वे डिबेटिंग सोसायटी बनाने चले थे लेकिन कुछ कहने की चाह में, कुछ बताने के जुनून में नागरी प्रचारिणी तैयार की गई। अगर भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद शहीद हैं तो आचार्य रामचंद्र शुक्ल, जयशंकर प्रसाद और मुंशी प्रेमचंद के भी हिस्से शहादत आई है। - व्योमेश शुक्ल, नागरी प्रचारिणी सभा के प्रधानमंत्री

विज्ञापन
Hindi diwas People hidden behind scenes made Devanagari script available computers litterateurs remembered
कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी। - फोटो : अमर उजाला

देवनागरी में तकनीक का काफी योगदान है। कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने बड़े स्तर पर सेवा की, मगर पर्दे के पीछे हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने कंप्यूटर में देवनागरी लिपि उपलब्ध करा दी। भारतीय भाषाओं की लिपियों को कंप्यूटर पर ला दिया है। केवल कंप्यूटर ही नहीं फोन, वाट्सएप और एसएमएस हर जगह आ गया। ऐसा काम सिर्फ एक रात या एक दिन में नहीं हुआ है। 

ऐसा बंटवारा न हो कि किसी को हिंदी आती और किसी को नहीं। सबको एक होकर काम करना होगा। हम घर के अंदर कई भाषा बोलें, लेकिन बाहर एक ही भाषा में संचार करें। जहां पर भाषाओं में असमानता होती है तो वहां पर नौकरी से लेकर कई और तरह के अवसर कम हो जाते हैं। - प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी, कुलपति बीएचयू

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed