देवधरा काशी में बहुत से ऐसे मंदिर हैं जिसे जानने और समझने के साथ दर्शन-पूजन के लिए देश के कोने-कोने से पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं। लेकिन आज हम आपको उस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो घाटों और मंदिरों के इस नगरी का शानदार नगीना है। इकलौता मंदिर जहां किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि अखंड भारत की मूरत की आराधना होती है। आगे की स्लाइड्स में जानिए...
{"_id":"5b97925f867a557f6149c612","slug":"varanasi-unique-temple-bharat-mata-mandir-who-shows-undivided-india","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"वाराणसी का शानदार नगीना ‘अखंड भारत’ का माता मंदिर, ये बातें जानकर आपको भी होगा गर्व","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
वाराणसी का शानदार नगीना ‘अखंड भारत’ का माता मंदिर, ये बातें जानकर आपको भी होगा गर्व
न्यूज डेस्क,अमर उजाला,वाराणसी
Updated Thu, 13 Sep 2018 12:55 PM IST
विज्ञापन

bharat mata mandir
- फोटो : amar ujala

Trending Videos

bharat mata mandir
- फोटो : amar ujala
देवधरा काशी अपने मंदिरों के लिए पूरे विश्व में विख्यात है। घाटों और मंदिरों के इस नगरी का शानदार नगीना है भारत माता मंदिर। इकलौता मंदिर जहां किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि अखंड भारत की मूरत की आराधना होती है। यहां अखंड भारत का मानचित्र है, जब सीमाएं पाकिस्तान पार अफगानिस्तान और पूरब में पश्चिम बंगाल के आगे फैली हुई थी। सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें पहाड़ों, नदियों को थ्री डी की मानिंद उकेरा गया है जो बेहद आकर्षक है।
विज्ञापन
विज्ञापन

bharat mata mandir
- फोटो : amar ujala
भारत मां का ये मंदिर देश ही नहीं विदेशी सैलानियों की निगाहों का खास मरकज है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का एक अनूठा हिस्सा है भारत माता मंदिर। इसका उद्घाटन स्वयं महात्मा गांधी ने किया था। इस मंदिर का अनूठा शिल्प बाबू शिव प्रसाद गुप्त ने तैयार किया, वो भी गणितीय सूत्रों के आधार पर। दुर्गा प्रसाद खत्री की देखरेख में 25 शिल्पकारों और 30 मजदूरों ने इस मंदिर को छह साल के लंबे अरसे के बाद साकार किया। इनके नाम भी इस मंदिर के एक कोने में लिखे हुए हैं। इसका उद्घाटन बापू ने 25 अक्तूबर 1936 में किया गया।

bharat mata mandir
- फोटो : amar ujala
गुलाबी पत्थरों से बने इस मंदिर में संगमरमर पर तराशा गया अखंड भारत मां का नक्शा ही इसकी खासियत है। मकराना संगमरमर पर अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और श्रीलंका इसका हिस्सा है। यही नहीं 450 पर्वत शृंखलाएं व चोटियां, मैदान, पठार, जलाशय, नदियां, महासागर सब इनकी ऊंचाई और गहराई के साथ अंकित है। इसकी धरातल भूमि एक इंच में 2000 फीट दिखाई गई है। भूचित्र की लंबाई 32 फीट दो इंच और चौड़ाई 30 फीट दो इंच है। इसे 762 चौकोर खानों में बांटा गया है।
विज्ञापन

bharat mata mandir
- फोटो : amar ujala
इस अनोखे मंदिर के गेट पर ही भारतीय संस्कृति और देश प्रेम की झलक देखने को मिलती है। जब हम मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचते है तो सबसे पहले भारत का राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' लिखा दिखता है। भारत माता मंदिर में राष्ट्र कवि मैथलीशरण गुप्ता ने एक कविता भी लिखी थी जो मंदिर में अभी भी नजर आती है। इस कविता का सार देशवाशियों को एकता के धागे में पिरोना है।