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UP: यमुना डूब क्षेत्र में लगेंगे 21582 पिलर, मार्च 2026 तक काम होगा पूरा; इन 17 जिलों में हो जाएगा सीमांकन
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Thu, 31 Jul 2025 09:14 AM IST
सार
असगरपुर से प्रयागराज तक 17 जिलों में यमुना डूब क्षेत्र तय किया गया है। अब डूब क्षेत्र में 21582 पिलर लगेंगे। ये कार्य मार्च 2026 तक पूरा हो जाएगा।
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यमुना डूब क्षेत्र
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
बीते 100 वर्षों में यमुना नदी में आई बाढ़ के आधार पर तय किए गए यमुना डूब क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार अगले साल मार्च तक सीमांकन के लिए 21,582 पिलर (मुड्डियां) लगा सकेगी। असगरपुर से प्रयागराज के बीच प्रदेश के 17 जिलों से गुजर रही यमुना नदी के डूब क्षेत्र में पिलर लगाने का काम अक्तूबर से शुरू होगा।
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उत्तर प्रदेश सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में आगरा के पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता की याचिका पर यह हलफनामा दाखिल किया है। मई में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 17 जिलों में यमुना नदी के डूब क्षेत्र के सीमांकन के आदेश दिए थे। यमुना नदी के डूब क्षेत्र का निर्धारण पहले ही 100 साल की बाढ़ के आधार पर कर लिया गया था, लेकिन यहां पिलर लगाने के आदेश एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार को दिए थे।
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इसी याचिका में मिले आदेश पर प्रदेश सरकार ने एनजीटी में समय सीमा बताते हुए हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें पूरी टाइमलाइन बताई गई है। सिंचाई विभाग के रामगंगा कमांड के चीफ इंजीनियर आरके जैन ने हलफनामे में कहा है कि जुलाई तक पिलर लगाने की योजना मंजूर कर ली गई है। 5 अगस्त तक एस्टीमेट बनाया जाएगा, जबकि 20 सितंबर तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। 5 अक्तूबर तक एग्रीमेंट का काम होगा। उसके बाद अक्तूबर से मार्च 2026 के बीच यमुना नदी के डूब क्षेत्र में पिलर लगाए जाएंगे।
हर 200 मीटर पर लगेंगे पिलर
जिला पिलर की संख्या
गौतमबुद्ध नगर 404
अलीगढ़ 100
मथुरा 1806
हाथरस 16
आगरा 2567
फिरोजाबाद 1544
इटावा 1925
औरेया 884
कानपुर 693
कानपुर देहात 1529
फतेहपुर 2373
कौशांबी 988
जालौन 1792
बांदा 1892
चित्रकूट 1267
हमीरपुर 1040
प्रयागराज 762
कुल 21,582
जिला पिलर की संख्या
गौतमबुद्ध नगर 404
अलीगढ़ 100
मथुरा 1806
हाथरस 16
आगरा 2567
फिरोजाबाद 1544
इटावा 1925
औरेया 884
कानपुर 693
कानपुर देहात 1529
फतेहपुर 2373
कौशांबी 988
जालौन 1792
बांदा 1892
चित्रकूट 1267
हमीरपुर 1040
प्रयागराज 762
कुल 21,582
डूब क्षेत्र बताने वाले पिलर 6 माह में
एनजीटी के स्पष्ट आदेश पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने हरियाणा-यूपी बॉर्डर स्थित असगरपुर (जहां यमुना यूपी में प्रवेश करती है) से लेकर प्रयागराज (जहां यमुना गंगा में मिलती है) तक 17 जिलों से निकल रही यमुना नदी के दोनों ओर डूब क्षेत्र के सीमांकन का काम 6 माह में करने का शपथपत्र दिया है। दो पिलर के बीच 200 मीटर की दूरी रखी जाएगी। इससे डूब क्षेत्र की पहचान आसान हो जाएगी।
एनजीटी के स्पष्ट आदेश पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने हरियाणा-यूपी बॉर्डर स्थित असगरपुर (जहां यमुना यूपी में प्रवेश करती है) से लेकर प्रयागराज (जहां यमुना गंगा में मिलती है) तक 17 जिलों से निकल रही यमुना नदी के दोनों ओर डूब क्षेत्र के सीमांकन का काम 6 माह में करने का शपथपत्र दिया है। दो पिलर के बीच 200 मीटर की दूरी रखी जाएगी। इससे डूब क्षेत्र की पहचान आसान हो जाएगी।
ये है पिलर लगाने की टाइम लाइन
माह कुल पिलर
31 अक्तूबर तक 2589
30 नवंबर तक 6904
31 दिसंबर तक 11,223
31 जनवरी तक 15,539
28 फरवरी तक 19,209
31 मार्च तक 21,582
माह कुल पिलर
31 अक्तूबर तक 2589
30 नवंबर तक 6904
31 दिसंबर तक 11,223
31 जनवरी तक 15,539
28 फरवरी तक 19,209
31 मार्च तक 21,582
सौंपी गई है टाइमलाइन
पर्यावरणविद याचिकाकर्ता डॉ. शरद गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में केवल आगरा-मथुरा नहीं, बल्कि 17 जिलों में यमुना नदी का डूब क्षेत्र इन पिलर से तय हो सकेगा। प्रदेश सरकार ने मार्च 2026 तक यमुना के दोनों ओर पिलर लगाने की टाइमलाइन सौंपी है। इससे अतिक्रमण स्पष्ट नजर आ सकेंगे और लोग भी जागरूक होंगे।
पर्यावरणविद याचिकाकर्ता डॉ. शरद गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में केवल आगरा-मथुरा नहीं, बल्कि 17 जिलों में यमुना नदी का डूब क्षेत्र इन पिलर से तय हो सकेगा। प्रदेश सरकार ने मार्च 2026 तक यमुना के दोनों ओर पिलर लगाने की टाइमलाइन सौंपी है। इससे अतिक्रमण स्पष्ट नजर आ सकेंगे और लोग भी जागरूक होंगे।