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नौकरी के नाम पर गवाएं 49 लाख रुपये: शिक्षा विभाग का दिया फर्जी नियुक्ति पत्र, ऐसे हुई खुलासा
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Wed, 31 Jan 2024 12:02 AM IST
सार
शिक्षा विभाग में नौकरी का सपना दिखाकर युवक से 49 लाख रुपये ठग लिए गए। इस ठगी में लखनऊ की महिला भी शामिल थी। इतना ही नहीं पीड़ित को फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिया गया।
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विस्तार
शिक्षा विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर हरियाणा बॉर्डर पर स्थित गांव में युवाओं व उनके रिश्तेदारों के साथ धोखाधड़ी कर 49 लाख रुपये ऐंठने के बाद कॉलेज के नाम का फर्जी नियुक्ति पत्र देने का मामला सामने आया है। होडल पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर लखनऊ की महिला व कोसीकलां के युवक के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया है।
थाना प्रभारी जसबीर सिंह ने बताया कि यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित गांव करमन निवासी हरकेश सौरोत ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि वर्ष 2018 में कोटवन बाॅर्डर पर उसकी मुलाकात कोसीकलां निवासी वीरेंद्र चौधरी से हुई। बाद में दोनों का आपस में आना-जाना शुरू हो गया। करीब 18 माह बाद वीरेंद्र चौधरी ने उसे यूपी सरकार में सरकारी नौकरी दिलवाने के बारे में बातचीत की।
पीड़ित के अनुसार, आरोपी ने उससे कहा कि वह उसकी शिक्षा विभाग में क्लर्क के पद पर नौकरी लगवा सकता है। इसके लिए प्रति व्यक्ति 6 लाख रुपये लगेंगे । इस एवज में आधे रुपये पहले देने होंगे, बाकी नौकरी लगने के बाद। पीड़ित आरोपी के झांसे में आ गया और उसने अपनी भाभी ज्योति की नौकरी लगवाने के लिए 2 लाख रुपये आरोपी को दिए। उसने उसके द्वारा बताई गई लखनऊ की नीरू नारंग नामक महिला के खाते के अलावा एक लाख रुपये पे फोन में डलवाए।
आरोप है कि उसके बाद आरोपी ने कहा कि शिक्षा विभाग में क्लर्क व चपरासी के कई पद खाली हैं। और किसी दोस्त व रिश्तेदार की नौकरी लगवानी हो तो बता देना। उसकी इस बात में आकर पीड़ित ने अपनी रिश्तेदारी के अन्य लोगों से 26 लाख, 83 हजार रुपये लेकर नीरू नारंग के खाते में डलवा दिए।
आरोपी ने उन्हें कोसीकलां के एक इंटर कॉलेज का एक नियुक्ति पत्र दिया। पीड़ित जब कॉलेज में नौकरी ज्वाइन पहुंचे तो पता चला कि यह नियुक्ति पत्र फर्जी है। उन्होंने जब इस बारे में बात की तो पता चला कि आरोपी ने होडल निवासी उम्मेद सिंह से भी नौकरी लगवाने के नाम पर 20 लाख 42 हजार रुपये पहले ही हड़प लिए। पीड़ित ने जब आरोपी से अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपी टालमटोल करता रहा। बाद में आरोपी ने जान से मारने की धमकी देते हुए पैसे देने से मना कर दिया। होडल थाना प्रभारी जसबीर सिंह ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर आरोपी वीरेंद्र और महिला नीरू नारंग के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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थाना प्रभारी जसबीर सिंह ने बताया कि यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित गांव करमन निवासी हरकेश सौरोत ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि वर्ष 2018 में कोटवन बाॅर्डर पर उसकी मुलाकात कोसीकलां निवासी वीरेंद्र चौधरी से हुई। बाद में दोनों का आपस में आना-जाना शुरू हो गया। करीब 18 माह बाद वीरेंद्र चौधरी ने उसे यूपी सरकार में सरकारी नौकरी दिलवाने के बारे में बातचीत की।
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पीड़ित के अनुसार, आरोपी ने उससे कहा कि वह उसकी शिक्षा विभाग में क्लर्क के पद पर नौकरी लगवा सकता है। इसके लिए प्रति व्यक्ति 6 लाख रुपये लगेंगे । इस एवज में आधे रुपये पहले देने होंगे, बाकी नौकरी लगने के बाद। पीड़ित आरोपी के झांसे में आ गया और उसने अपनी भाभी ज्योति की नौकरी लगवाने के लिए 2 लाख रुपये आरोपी को दिए। उसने उसके द्वारा बताई गई लखनऊ की नीरू नारंग नामक महिला के खाते के अलावा एक लाख रुपये पे फोन में डलवाए।
आरोप है कि उसके बाद आरोपी ने कहा कि शिक्षा विभाग में क्लर्क व चपरासी के कई पद खाली हैं। और किसी दोस्त व रिश्तेदार की नौकरी लगवानी हो तो बता देना। उसकी इस बात में आकर पीड़ित ने अपनी रिश्तेदारी के अन्य लोगों से 26 लाख, 83 हजार रुपये लेकर नीरू नारंग के खाते में डलवा दिए।
आरोपी ने उन्हें कोसीकलां के एक इंटर कॉलेज का एक नियुक्ति पत्र दिया। पीड़ित जब कॉलेज में नौकरी ज्वाइन पहुंचे तो पता चला कि यह नियुक्ति पत्र फर्जी है। उन्होंने जब इस बारे में बात की तो पता चला कि आरोपी ने होडल निवासी उम्मेद सिंह से भी नौकरी लगवाने के नाम पर 20 लाख 42 हजार रुपये पहले ही हड़प लिए। पीड़ित ने जब आरोपी से अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपी टालमटोल करता रहा। बाद में आरोपी ने जान से मारने की धमकी देते हुए पैसे देने से मना कर दिया। होडल थाना प्रभारी जसबीर सिंह ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर आरोपी वीरेंद्र और महिला नीरू नारंग के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।