आगरा: आयुष्मान अस्पताल का लाइसेंस निलंबित, फिर भी भर्ती किए जा रहे थे मरीज, प्रशासन ने किया सील
आयुष्मान अस्पताल के संचालक संजीव यादव की एमबीबीएस की फर्जी डिग्री के मामले में बीते महीने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किया था। इसके बावजूद अस्पताल में मरीज किए जा रहे थे। इस पर एसीएम प्रथम ने कार्रवाई की है। संचालक को नोटिस भी दिया है।

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आगरा में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बोदला-सिकंदरा रोड स्थित आयुष्मान हॉस्पिटल को सील कर दिया है। यहां पर लाइसेंस निलंबन होने पर भी मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। संचालक संजीव यादव की एमबीबीएस की फर्जी डिग्री प्रकरण में अस्पताल का बीते महीने लाइसेंस निलंबित किया था।

अपंजीकृत सेल के प्रभारी डॉ. आरके अग्निहोत्री ने बताया कि संचालक संजीव यादव की एमबीबीएस की डिग्री फर्जी होने की शिकायत पर इनको उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण कराने तक बीती 13 अगस्त को अस्पताल का लाइसेंस को निलंबित कर दिया था। डीएम के यहां पर शिकायत पहुंची कि लाइसेंस निलंबित होने पर भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
अस्पताल में भर्ती मिले दो मरीज
इस पर डीएम के निर्देश पर एसीएम प्रथम राजेश कुमार के नेतृत्व में शाम को करीब चार बजे छापा मारा। यहां पर दो मरीज भर्ती मिले। दोनों मरीज एटा के रहने वाले थे। इनको एंबुलेंस से उनकी सुविधानुसार वाले अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल को सील करते वक्त संचालक ने विरोध भी किया। उनको नोटिस भी दिया है। वहीं अस्पताल संचालक संजीव यादव ने कहा कि बिना आदेश के अस्पताल सील किया है, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ कोर्ट में जाऊंगा।
एडी हेल्थ और आईएमए की जांच में एमबीबीएस की डिग्री मिली फर्जी
संजीव यादव की एमबीबीएस की डिग्री फर्जी होने की शिकायत मुख्यमंत्री और सीएमओ के यहां भी की गई। इस पर एडी हेल्थ ने इसकी जांच कराई। एडी हेल्थ डॉ. एके सिंह ने बताया कि इन्होंने छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद से एमबीबीएस की थी, लेकिन जांच में यह फर्जी पाई गई।
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आईएमए अध्यक्ष डॉ. राजीव उपाध्याय ने बताया कि आईएमए की जांच में भी डिग्री फर्जी मिली है। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि इनसे उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण कराने के लिए कहा था, लेकिन अभी तक नहीं करा पाए।