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साइबर गिरोह का खतरनाक एजेंट: सिग्नल ऐप से डिजिटल ठगी, 12वीं फेल मोईन के कारनामे सुन पुलिस भी सन्न

अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Tue, 30 Sep 2025 09:29 AM IST
सार

दुबई, कंबोडिया, लाओस आदि देशों में बैठे साइबर ठगों के लिए चालू बैंक खाते खुलवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। गिरोह के नेपाली नागरिक सहित 10 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

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Class 12 Dropout Turned Cyber Syndicate: Signal App Used in Multi‑Lakh Scam
साइबर ठग - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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आगरा पुलिस ने साइबर ठगों के लिए चालू बैंक खाते खुलवाने वाले जिस गिरोह का भंडाफोड़ किया है, उसमें 12वीं फेल मोईन भी शामिल है। उसके साथ गिरोह में महाराष्ट्र और हाथरस का एक-एक, गाजियाबाद और आगरा के 4-4 आरोपी हैं। ये कमीशन और नाैकरी का लालच देकर लोगों को जाल में फंसाते थे। उनके दस्तावेजों पर एमएसएमई कंपनी के नाम पर 50 करोड़ से 1 हजार करोड़ तक की लिमिट वाले चालू खाते खुलवा कर लेनदेन कर रहे थे।
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नेपाल का रहने वाला मोईन 12वीं फेल है। वह भारत में नाैकरी करने आया था। छह महीने पहले उसकी मुलाकात साइबर ठगों के लिए खाते खुलवाने वालों से हो गई। कमीशन की लालच में वो भी शामिल हो गया। वह लोगों को खाते खुलवाने के लिए फंसाने लगा। वह मोबाइल नंबर का डाटा भी विदेशी ठगों को देता था। इसके बाद खातों का एक्सेस भेजता था।
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अपर पुलिस उपायुक्त ने बताया कि साइबर अपराधी लोगों से बातचीत के लिए अपने मोबाइल में सिग्नल एप का प्रयोग करते हैं। इसकी मदद से काॅल करने पर नंबर भारत का ही नजर आता है। लोग समझते ही कि यहीं से काॅल की जा रही है। लोगों को डिजिटल अरेस्ट, निवेश के नाम पर ठगा जाता था। महाराष्ट्र का आमिर ग्रेजुएट है। वह दुबई में बिजनेस करता है। उसकी भी मुलाकात साइबर ठगों से हो गई। उसे पता चला कि भारत में बैठे एजेंट खाते खुलवाते हैं। इससे काफी अच्छा कमीशन प्राप्त हो जाता है। इसलिए वो भी गिरोह में शामिल हो गया। खंदाैली का रहने वाला यतेंद्र एमबीए पास है। नाैकरी नहीं मिलने पर वो भी साइबर ठगों के लिए काम करने लगा।


 

इनको लेते थे झांसे में 
ठगी की रकम को जमा कराने के लिए मजदूर, फड़ विक्रेता आदि लोगों को झांसे में लेते थे। कई बार नाैकरी के नाम पर दस्तावेज लेकर खाते खुलवा लेते थे। कई चालू खातों की लिमिट 50 करोड़ से लेकर 1 हजार करोड़ तक मिली है। सभी खाते एमएसएमई कंपनी के नाम पर खोले गए थे। इनके लिए खाताधारक से रेंट एग्रीमेंट भी कर रखा था। खातों में ठगी की बड़ी रकम जमा कराई जाती थी। एक बार रकम आने के बाद इन्हें कई म्यूल एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता था। विदेशी ठगों के पास रकम क्रिप्टो करेंसी के रूप में जाती थी। इसी रकम में से आरोपियों को 5 से 30 प्रतिशत तक कमीशन मिलता था।
 

इनकी हुई गिरफ्तारी
गिरफ्तार आरोपियों में आमिर (पंदेरी, थाना मंडन्गण, रत्नागिरि, महाराष्ट्र), मोईन खां (इंद्रप्रस्थ, थाना टीला मोड़, गाजियाबाद, मूल पता-ललितपुर, थाना बाडेगांव, काठमांडो, नेपाल), खुर्शीद (इंद्रप्रस्थ, गाजियाबाद), गालिब (टीला मोड़, गाजियाबाद), माधव (मढ़ी डाैकी, फतेहाबाद), आकाश कुमार (बृज विहार, मुराद नगर, गाजियाबाद), गुरुवचन उर्फ विपिन (गाजियाबाद), यतेंद्र उपाध्याय (मां भगवती विहार, राम नगर, खंदाैली), सूरत सेंगर (हाथरस) और अमन त्रिपाठी (कालिंदी विहार, आगरा) हैं। उनसे 11 मोबाइल और 1765 रुपये की बरामदगी हुई है। वहीं श्रीनिवास, अमन, सत्येंद्र, हर्ष, रुद्र, देवा, पासा, भूपेश, मनी और 1 महिला के नाम आए हैं। उनकी तलाश में टीम लगी है।

 
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