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UP: नकली दवा का काला कारोबार...20 दवाओं के बिल गायब, स्टॉक में भारी गड़बड़ी; मेडिकल एजेंसी सील

अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Sat, 20 Dec 2025 10:25 AM IST
सार

वरदान मेडिकल एजेंसी पर नारकोटिक्स श्रेणी समेत कई तरह की दवाओं के खरीद-बिक्री के रिकाॅर्ड खंगालने पर गड़बड़ी मिली है।
 

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Drug Department Finds Billing and Stock Irregularities at Agra Medical Agency
वरदान मेडिकल एजेंसी - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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आगरा के फव्वारा स्थित वरदान मेडिकल एजेंसी पर औषधि विभाग की टीम ने दूसरे दिन भी जांच की। यहां नारकोटिक्स श्रेणी समेत कई तरह की दवाओं के खरीद-बिक्री के रिकाॅर्ड खंगालने पर गड़बड़ी मिली है। 20 दवाओं के खरीद-बिक्री के बिल नहीं मिले हैं।
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बृहस्पतिवार को यहां राज्य कर्मचारी बीमा (ईएसआई) अस्पताल की दवाएं बरामद हुई थीं। मेडिकल स्टोर को सील कर दिया है, शनिवार को फिर से जांच की जाएगी। सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि मुख्यालय से निर्देश मिले कि वरदान मेडिकल एजेंसी नकली और सरकारी दवाओं की कालाबाजारी में लिप्त है।
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इस इनपुट पर शुक्रवार को मैनपुरी के औषधि निरीक्षक दीपक कुमार के साथ मेडिकल एजेंसी की फिर से जांच की। इसमें 40 से अधिक दवाओं की खरीद-बिक्री के रिकाॅर्ड में गड़बड़ी पकड़ी है। कंप्यूटर पर खरीद-बिक्री के रिकाॅर्ड के आधार पर दवाओं के भंडारण में अंतर पाया गया है। 18-20 दवाओं के बिल नहीं मिले हैं।


 

ये मधुमेह, उच्च रक्तचाप और एंटीबायोटिक दवाएं हैं। कई दवाएं संदिग्ध भी मिली हैं। 8-9 घंटे जांच करने के बाद कई दवाओं के रिकाॅर्ड खंगालने बाकी हैं। ऐेसे में एजेंसी को फिर से सील कर दिया है। शनिवार को फिर से दवाओं की जांच करते हुए रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जांच को दवाओं के और नमूने लिए जाएंगे।

 

ग्वालियर से हॉकर से मंगवाई सरकारी दवाएं
सहायक आयुक्त औषधि ने बताया कि बृहस्पतिवार को ईएसआई गवर्नमेंट सप्लाई लिखी 1300 टैबलेट दवाएं जब्त की थीं। ये एंटीबायोटिक दवाएं हैं। संदिग्ध दवा समेत दो के नमूने जांच को भी भेजे थे। पूछताछ में संचालक अंकुर अग्रवाल ने बताया कि ये दवाएं ग्वालियर से हॉकर देकर गया है। कहा कि ये क्यों ली और कब से सरकारी दवाएं खरीद रहे हो। इनको कहां खपाओगे। इन तमाम सवालों की उसने कोई जानकारी नहीं दी है। जांच पूरी होने के बाद इसके बयान दर्ज करने के बाद आगे की जांच की जाएगी। इससे पहले 2021 में भी कमला नगर निवासी दवा माफिया पंकज
अग्रवाल के यहां से मध्यप्रदेश की सरकारी दवाएं जब्त की थीं।


 

अस्पतालों के मेडिकल स्टोरों की हो जांच
जिला महानगर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशु शर्मा का कहना है कि अस्पतालों में स्थित मेडिकल स्टोरों में भी नकली दवाओं के खपाने की आशंका है। पूर्व में एसटीएफ और औषधि विभाग की लखनऊ की टीम ने अस्पतालों में संचालित मेडिकल स्टोरों की जांच करने के निर्देश दिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
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