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Health News: यदि चलने के दौरान घुटनों में आ रही है लचक, तो हो जाएं सावधान...ये हैं गठिया के संकेत
अमर उजाला नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 30 Sep 2024 10:26 AM IST
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सार
इंडियन ऑर्थोस्कोपी एसोसिएशन की कार्यशाला में मेनिस्कस रिपेयरिंग तकनीक पर व्याख्यान दिया गया। बताया गया कि घुटने की गद्दी, रेशे टूटने पर बिना काटे मरम्मत कर दी जाती है।

घुटने और एड़ी में दर्द
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
कबड्डी-फुटबाल या फिर चोट से घुटने के अंदर की मांसपेशियां या ब्राॅशर (घुटने के अंदर की गद्दी) फट गई है। इसकी सर्जरी नहीं होने से घुटने की हड्डी घिसती है और लचक आने लगती है। लंबे समय बाद गठिया का भी खतरा बढ़ता है। इसका इलाज अब मेनिस्कस रिपेयरिंग सर्जरी से आसान हो गया है। फतेहाबाद रोड स्थित होटल में इंडियन आर्थोस्कोपी सोसाइटी की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने व्याख्यान में ये बातें बताई।

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सोसाइटी के अध्यक्ष चेन्नई के प्रो. एस. अरुमुगम ने बताया कि स्पोर्ट्स इंजरी में घुटने की ब्रॉशर (अंदर की गद्दी) , रेशे फटने की समस्या आम है। इसके मरीज 30 साल से कम उम्र के होते हैं। पहले चोटिल रेशे और गद्दी को काटकर अलग कर देते थे। इससे घुटना तेजी से घिसता था और चलने में लचक आती थी। मेनिस्कस रिपेयरिंग तकनीकी में दूरबीन के जरिए लचक नहीं आती और मजबूती भी रहती है। मरीज सामान्य रूप से खेलकूद कर सकते हैं।
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कोलकाता के डॉ. राजीव रमन और अमृतसर के डॉ. इंदरदीप सिंह ने बताया कि हड्डी से जुड़ी इंजरी में स्पोर्ट्स इंजरी के करीब 12-15 फीसदी मामले होते हैं। अधिकांश किशोर और युवा होते हैं। उम्र बढ़ने पर दिक्कत ज्यादा होती है। मदुरै के डॉ. प्रह्लाद सिंघी, मुंबई के डॉ. संदीप बिरारिस, एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अतुल श्रीवास्तव, डॉ. संजय धवन, आगरा आर्थोपेडिक सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. एके गुप्ता, सचिव डॉ. राजेंद्र अरोड़ा, डॉ. अश्वनी सड़ाना, डॉ. अरुण गुप्ता, डॉ. रजत कपूर, डॉ. गौरव राजपाल, डॉ. प्रभात कुमार सिंह आदि ने भी व्याख्यान दिए।