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UP: 'रुपये लेकर निकाले नाम...', अफसर बोले- महिला दरोगा के आरोप गलत; अपर पुलिस आयुक्त को साैंपी गई जांच
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Tue, 30 Dec 2025 01:48 PM IST
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सार
आगरा में छेड़छाड़ के केस में से नाम निकालने का महिला दरोगा का ऑडियो वायरल हुआ था। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कमिश्नर ने अपर पुलिस आयुक्त काे जांच साैंपी है। महिला दरोगा की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।
पुलिस
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
आगरा के एत्मादपुर थाने में महिला दरोगा के वायरल ऑडियो को पुलिस आयुक्त ने गंभीरता से लिया है। वायरल ऑडियो में महिला दरोगा अपने इंस्पेक्टर, मुंशी पर रुपये लेकर नाम निकालने की बात कर रही हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार ये आरोप गलत हैं। महिला दरोगा की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इसकी जांच अपर पुलिस आयुक्त को साैंपी गई है। महिला दरोगा को लाइन हाजिर किया जा चुका है।
थाना ट्रांस यमुना के कालिंदी विहार क्षेत्र की महिला फिरोजाबाद के एक कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। उन्होंने 25 अक्तूबर को थाना एत्मादपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि 17 अक्तूबर को मायके से लौट रही थी। एत्मादपुर निवासी सगे भाई आशुतोष, हिमांशु ने साथी अनूप और रितेश के साथ कार में उसे जबरन बैठा लिया। दुष्कर्म की कोशिश की, कपड़े फाड़ दिए। अश्लील हरकत की। तभी पुलिस की गाड़ी आने पर आरोपी भाग गए। 30 सितंबर को भी आरोपियों ने रास्ते में अश्लील हरकत की थी। दूसरी घटना के आठ दिन बाद पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की। मामले में आशुतोष, हिमांशु, अनूप, रितेश, दो अन्य अक्षय और सुमित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। घटना की विवेचना एसआई नीतू कर रही थीं। केस में 16 दिसंबर आरोप पत्र लगाया गया था।
एडीसीपी ऑफिस से पीड़िता से फीडबैक लिया गया। तब उसे पता चला कि चार आरोपियों के नाम निकल गए हैं। 17 दिसंबर को वह विवेचक से मिलने पहुंची। दरोगा से बातचीत के दौरान ऑडियो रिकाॅर्ड कर लिया। पीड़िता ने ऑडियो के साथ पुलिस आयुक्त दीपक कुमार से शिकायत की। मामले में दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया। मामले में दोबारा जांच कराई जा रही है। सोमवार को ऑडियो वायरल हुआ। दरोगा नीतू ने बताया कि 16 दिसंबर को रात 9:30 बजे तक वो थाने में रहीं। इसके बाद बच्चे की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें थाने से घर भेज दिया। रात में किसी समय बिना बताए आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया।
इंस्पेक्टर से मुंशी तक पर आरोप
वायरल ऑडियो में महिला दरोगा कई गंभीर आरोप एसीपी, थाना प्रभारी यानी इंस्पेक्टर, मुंशी पर लगा रही है। उन्होंने आसपास के कई और थानों में तैनाती के दाैरान निरीक्षकों पर वसूली के बारे में कहा है। अगले दिन आरोप पत्र दाखिल होने की जानकारी पर पीड़िता दरोगा से मिली। उसने चार लोगों के नाम निकालने पर विरोध जताया। अगले दिन महिला दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया। ऑडियो रिकार्डिंग और पीड़िता की शिकायत पर दरोगा को लाइन हाजिर किया गया।
पुलिस के अनुसार विवेचक महिला दरोगा नीतू शर्मा द्वारा यह कहना कि उनके संज्ञान के बिना चार्जशीट दाखिल की गई, ये तथ्यात्मक रूप से असत्य है। अब तक की जांच में विवेचक की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। विवेचक व पीड़िता के वायरल ऑडियो व विवेचक द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच हेतु अपर पुलिस आयुक्त को जांच सौंपी गई है। जांच में विवेचक द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले समस्त साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पीड़िता अपनी पूर्व विवेचना से संतुष्ट नहीं थीं। विवेचना क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित करते हुए क्राइम ब्रान्च की महिला उपनिरीक्षक को सौंपी गई है।
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थाना ट्रांस यमुना के कालिंदी विहार क्षेत्र की महिला फिरोजाबाद के एक कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। उन्होंने 25 अक्तूबर को थाना एत्मादपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि 17 अक्तूबर को मायके से लौट रही थी। एत्मादपुर निवासी सगे भाई आशुतोष, हिमांशु ने साथी अनूप और रितेश के साथ कार में उसे जबरन बैठा लिया। दुष्कर्म की कोशिश की, कपड़े फाड़ दिए। अश्लील हरकत की। तभी पुलिस की गाड़ी आने पर आरोपी भाग गए। 30 सितंबर को भी आरोपियों ने रास्ते में अश्लील हरकत की थी। दूसरी घटना के आठ दिन बाद पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की। मामले में आशुतोष, हिमांशु, अनूप, रितेश, दो अन्य अक्षय और सुमित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। घटना की विवेचना एसआई नीतू कर रही थीं। केस में 16 दिसंबर आरोप पत्र लगाया गया था।
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एडीसीपी ऑफिस से पीड़िता से फीडबैक लिया गया। तब उसे पता चला कि चार आरोपियों के नाम निकल गए हैं। 17 दिसंबर को वह विवेचक से मिलने पहुंची। दरोगा से बातचीत के दौरान ऑडियो रिकाॅर्ड कर लिया। पीड़िता ने ऑडियो के साथ पुलिस आयुक्त दीपक कुमार से शिकायत की। मामले में दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया। मामले में दोबारा जांच कराई जा रही है। सोमवार को ऑडियो वायरल हुआ। दरोगा नीतू ने बताया कि 16 दिसंबर को रात 9:30 बजे तक वो थाने में रहीं। इसके बाद बच्चे की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें थाने से घर भेज दिया। रात में किसी समय बिना बताए आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया।
इंस्पेक्टर से मुंशी तक पर आरोप
वायरल ऑडियो में महिला दरोगा कई गंभीर आरोप एसीपी, थाना प्रभारी यानी इंस्पेक्टर, मुंशी पर लगा रही है। उन्होंने आसपास के कई और थानों में तैनाती के दाैरान निरीक्षकों पर वसूली के बारे में कहा है। अगले दिन आरोप पत्र दाखिल होने की जानकारी पर पीड़िता दरोगा से मिली। उसने चार लोगों के नाम निकालने पर विरोध जताया। अगले दिन महिला दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया। ऑडियो रिकार्डिंग और पीड़िता की शिकायत पर दरोगा को लाइन हाजिर किया गया।
पुलिस के अनुसार विवेचक महिला दरोगा नीतू शर्मा द्वारा यह कहना कि उनके संज्ञान के बिना चार्जशीट दाखिल की गई, ये तथ्यात्मक रूप से असत्य है। अब तक की जांच में विवेचक की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। विवेचक व पीड़िता के वायरल ऑडियो व विवेचक द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच हेतु अपर पुलिस आयुक्त को जांच सौंपी गई है। जांच में विवेचक द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले समस्त साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पीड़िता अपनी पूर्व विवेचना से संतुष्ट नहीं थीं। विवेचना क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित करते हुए क्राइम ब्रान्च की महिला उपनिरीक्षक को सौंपी गई है।
