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Aravalli Range: खनन से गायब हुए पहाड़, जमीन में गड्ढे...अरावली में अफसर पहुंचे तो मशीनें छोड़कर भाग गए मजदूर
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: आगरा ब्यूरो
Updated Tue, 30 Dec 2025 02:47 AM IST
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सार
अरावली की पहाड़ियों में हो रहे खनन की तफ्तीश करने अफसर पहुंचे तो देखकर दंग रह गए। खनन के चलते पहाड़ गायब हो चुके हैं। खनन कर रहे मजूदर अफसरों को देखकर भाग गए।
कुल्हाडा मे निरीक्षण करते अधिकारी
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विस्तार
अरावली की पहाड़ियों पर अवैध खनन की खबर प्रकाशित होने के बाद सोमवार को एडीएम वित्त शुभांगी शुक्ला खेरागढ़ के गांव कुल्हाड़ा में निरीक्षण के लिए अधिकारियों के साथ पहुंचीं। यहां उन्हें राजस्थान सीमा में कई क्रेशर संचालित मिले, वहीं एक किमी तक पैदल चलने के दौरान कई पहाड़ देखे, जो खनन से पूरी तरह से खत्म किए जा चुके हैं। अफसरों की टीम देखकर खनन में लगे मजदूर और कर्मचारी मशीनें छोड़कर भाग गए। यहां खदानों में खनन किया जा रहा था।
राजस्थान के रूपवास के गांव मैरथा और यूपी के खेरागढ़ के गांव कुल्हाड़ा की सीमा लगी हुई है। कुल्हाड़ा के पहाड़ में यूपी सीमा के चिन्हांन के लिए मुड्डियां लगी हैं, जो अधिकारियों को मौके पर मिलीं। जांच के दौरान अफसरों को खनन होता हुआ मिला और खनन के बाद गड्ढों में जलभराव भी मिला। प्रदेश की सीमा में भी पहाड़ पर खनन किए हुए पत्थर (बोल्डर) मिले। सीमा पर लगी मुड्डियों के पास राजस्थान की ओर के पहाड़ को खत्म कर जमीन में भी खनन के गहरे गड्ढे हो गए हैं। दीवारनुमा पहाड़ ही बचा है।
एडीएम ने कहा कि राजस्थान के अधिकारियों को भी पत्र लिखकर पहाड़ की वर्तमान स्थिति बताएंगे और अरावली की पहाड़ियों की सुरक्षा के लिए जरूरी कार्रवाई करने को कहेंगे। यूपी सीमा में उन्हें खनन या विस्फोट के चिन्ह नजर नहीं आए। एडीएम वित्त ने एसडीएम और सहायक पुलिस आयुक्त को पुलिस की निगरानी बढ़ाने और लेखपाल के जरिए निगरानी के निर्देश दिए हैं। हर माह ड्रोन से निगरानी और सर्वे पर जोर दिया ताकि खनन न हो सके। इस दौरान एसडीएम ऋषि राव, एसीपी प्रीता सिंह एवं खेरागढ़ थानाध्यक्ष भी साथ रहे।
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राजस्थान के रूपवास के गांव मैरथा और यूपी के खेरागढ़ के गांव कुल्हाड़ा की सीमा लगी हुई है। कुल्हाड़ा के पहाड़ में यूपी सीमा के चिन्हांन के लिए मुड्डियां लगी हैं, जो अधिकारियों को मौके पर मिलीं। जांच के दौरान अफसरों को खनन होता हुआ मिला और खनन के बाद गड्ढों में जलभराव भी मिला। प्रदेश की सीमा में भी पहाड़ पर खनन किए हुए पत्थर (बोल्डर) मिले। सीमा पर लगी मुड्डियों के पास राजस्थान की ओर के पहाड़ को खत्म कर जमीन में भी खनन के गहरे गड्ढे हो गए हैं। दीवारनुमा पहाड़ ही बचा है।
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एडीएम ने कहा कि राजस्थान के अधिकारियों को भी पत्र लिखकर पहाड़ की वर्तमान स्थिति बताएंगे और अरावली की पहाड़ियों की सुरक्षा के लिए जरूरी कार्रवाई करने को कहेंगे। यूपी सीमा में उन्हें खनन या विस्फोट के चिन्ह नजर नहीं आए। एडीएम वित्त ने एसडीएम और सहायक पुलिस आयुक्त को पुलिस की निगरानी बढ़ाने और लेखपाल के जरिए निगरानी के निर्देश दिए हैं। हर माह ड्रोन से निगरानी और सर्वे पर जोर दिया ताकि खनन न हो सके। इस दौरान एसडीएम ऋषि राव, एसीपी प्रीता सिंह एवं खेरागढ़ थानाध्यक्ष भी साथ रहे।
खतरे में पहाड़ और ग्वाल बाबा मंदिर
कुल्हाड़ा गांव में पहाड़ की चोटी पर ग्वाल बाबा का मंदिर है। सैकड़ों वर्षों से आसपास के गांव के लोग उत्तर प्रदेश की तरफ से आसानी से पहाड़ पर पहुंच कर प्रतिदिन पूजा अर्चना करते थे।वर्ष 2016 में खनन माफियाओं ने प्राचीन और बड़े मंदिर को तोड़ दिया। तब लगातार आंदोलन हुए थे। आक्रोश शांत करने के लिए दोनों राज्यों के अधिकारियों ने यूपी की ओर दस मीटर खिसका कर छोटा सा मंदिर बना दिया। पैमाइश में दोनों राज्यों के लेखपालों में जमकर विवाद हुआ था। दोबारा पैमाइश की मांग की गई थी। कुल्हाड़ा गांव के पप्पू तोमर के मुताबिक ग्वालबाबा मंदिर में 20 साल पहले तक सीधा रास्ता था, लेकिन खनन के कारण अब खाई है। राजस्थान की ओर से मंदिर जाना पड़ता है। मंदिर खनन के कारण खतरे में है।
विस्फोट से दरके मकान, छत तक गिरीं
कुल्हाड़ा गांव के लोगों ने बताया कि पहाड़ से पत्थर निकलने के लिए राजस्थान की तरफ खनन माफिया बारूद का इस्तेमाल कर बड़े विस्फोट करते हैं। इसकी धमक से कुल्हाड़ा में मकानों की दीवारें चटक गईं। बड़ी दरारें हो गईं हैं। कई मकानों की छत तक गिर चुकी है। रात भर क्रेशर मशीन चलती हैं। सैकड़ों ट्रक, ट्रैक्टरों से गिट्टी राजस्थान और यूपी के शहरों को सप्लाई हो रही है।
ये भी पढ़ें-Agra: नव वर्ष पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम...दो दिन भारी वाहनों को प्रवेश नहीं, जगह-जगह तैनात रहेगी पुलिस
कुल्हाड़ा गांव में पहाड़ की चोटी पर ग्वाल बाबा का मंदिर है। सैकड़ों वर्षों से आसपास के गांव के लोग उत्तर प्रदेश की तरफ से आसानी से पहाड़ पर पहुंच कर प्रतिदिन पूजा अर्चना करते थे।वर्ष 2016 में खनन माफियाओं ने प्राचीन और बड़े मंदिर को तोड़ दिया। तब लगातार आंदोलन हुए थे। आक्रोश शांत करने के लिए दोनों राज्यों के अधिकारियों ने यूपी की ओर दस मीटर खिसका कर छोटा सा मंदिर बना दिया। पैमाइश में दोनों राज्यों के लेखपालों में जमकर विवाद हुआ था। दोबारा पैमाइश की मांग की गई थी। कुल्हाड़ा गांव के पप्पू तोमर के मुताबिक ग्वालबाबा मंदिर में 20 साल पहले तक सीधा रास्ता था, लेकिन खनन के कारण अब खाई है। राजस्थान की ओर से मंदिर जाना पड़ता है। मंदिर खनन के कारण खतरे में है।
विस्फोट से दरके मकान, छत तक गिरीं
कुल्हाड़ा गांव के लोगों ने बताया कि पहाड़ से पत्थर निकलने के लिए राजस्थान की तरफ खनन माफिया बारूद का इस्तेमाल कर बड़े विस्फोट करते हैं। इसकी धमक से कुल्हाड़ा में मकानों की दीवारें चटक गईं। बड़ी दरारें हो गईं हैं। कई मकानों की छत तक गिर चुकी है। रात भर क्रेशर मशीन चलती हैं। सैकड़ों ट्रक, ट्रैक्टरों से गिट्टी राजस्थान और यूपी के शहरों को सप्लाई हो रही है।
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