{"_id":"68902323608d76b25208af5d","slug":"knees-are-getting-damaged-at-the-age-of-16-17-know-reason-2025-08-04","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"बुरी लत: 35 की उम्र में गठिया...16 से 17 की उम्र में घुटने खराब, आपके बच्चे भी तो नहीं कर रहे ये गलतियां","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
बुरी लत: 35 की उम्र में गठिया...16 से 17 की उम्र में घुटने खराब, आपके बच्चे भी तो नहीं कर रहे ये गलतियां
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 04 Aug 2025 01:21 PM IST
विज्ञापन
सार
आगरा आर्थोपेडिक सोसाइटी ने 16 से 30 साल के 823 मरीजों पर अध्ययन किया, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में सामने आया है कि इतनी छोटी उम्र में ही घुटने खराब हो रहे हैं। चिकित्सकों ने बताई मुख्य वजह...

गठिया
- फोटो : Freepik.com
विज्ञापन
विस्तार
खेलकूद से दूरी और मोबाइल-टीवी और लैपटॉप लेकर घंटों बैठे रहने से 16-17 की उम्र में ही घुटने खराब हो रहे हैं। मांसपेशियों के कमजोर होने से सूजन हो रही है। चलने पर दर्द होने लगता है। गर्दन की हड्डी भी बढ़ी मिल रही है। आगरा आर्थोपेडिक सोसाइटी ने 823 मरीजों के अध्ययन में यह पाया है।

Trending Videos
डॉक्टरों का मानना है कि ऐसे किशोरों को 35 की उम्र में ही गठिया होने का खतरा बढ़ जाता है। सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अतुल अग्रवाल ने बताया कि 16-30 साल के 823 लोगों पर अध्ययन किया। इनमें से 12 फीसदी के घुटनों, गर्दन, रीढ़ की हड्डी से जुड़ी परेशानी मिली।
विज्ञापन
विज्ञापन
थोड़ी दूर पैदल चलने पर सूजन, दर्द की दिक्कत बन रही है। लंबे समय तक बैठने से रक्त संचार नहीं होने से पैरों और जोड़ के आसपास सूजन भी मिली। गर्दन की हड्डी बढ़ने से दर्द और जकड़न की तकलीफ भी मिली।
इनकी दिनचर्या के बारे में पता किया तो ये मोबाइल-टीवी, लैपटॉप पर रोजाना 4-6 घंटे समय बिताते हैं। खेलकूद व शारीरिक गतिविधियां कम मिलीं। इनका वजन बढ़ा हुआ था, जिनमें से 3.8 फीसदी की उम्र तो 16 से 19 साल तक थी। इनमें संपन्न परिवारों के 88 फीसदी किशोर रहे। हालांकि फिजियोथेरेपी और व्यायाम से ये परेशानी ठीक हो जाती है।
इनकी दिनचर्या के बारे में पता किया तो ये मोबाइल-टीवी, लैपटॉप पर रोजाना 4-6 घंटे समय बिताते हैं। खेलकूद व शारीरिक गतिविधियां कम मिलीं। इनका वजन बढ़ा हुआ था, जिनमें से 3.8 फीसदी की उम्र तो 16 से 19 साल तक थी। इनमें संपन्न परिवारों के 88 फीसदी किशोर रहे। हालांकि फिजियोथेरेपी और व्यायाम से ये परेशानी ठीक हो जाती है।
मोटापा बढ़ने से घिस रहे हैं जोड़
आगरा आर्थाेपेडिक सोसाइटी के सचिव डॉ. अनुपम गुप्ता ने बताया कि शारीरिक गतिविधि नहीं होने से वजन तेजी से बढ़ने का सीधा असर जोड़ों पर पड़ रहा है। फास्ट-जंक फूड से मांसपेशियां-हड्डियां कमजोर हो रही हैं। ऐसे किशोरों के घुटने सामान्य के मुकाबले तीन गुना तेजी से घिस रहे हैं। भविष्य में इनको 35 की उम्र में ही गठिया होने का खतरा है। इन्हें जागरूक करने के लिए ही पूरे सप्ताह कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
आगरा आर्थाेपेडिक सोसाइटी के सचिव डॉ. अनुपम गुप्ता ने बताया कि शारीरिक गतिविधि नहीं होने से वजन तेजी से बढ़ने का सीधा असर जोड़ों पर पड़ रहा है। फास्ट-जंक फूड से मांसपेशियां-हड्डियां कमजोर हो रही हैं। ऐसे किशोरों के घुटने सामान्य के मुकाबले तीन गुना तेजी से घिस रहे हैं। भविष्य में इनको 35 की उम्र में ही गठिया होने का खतरा है। इन्हें जागरूक करने के लिए ही पूरे सप्ताह कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
केस-1: जयपुर हाउस के 16 साल के किशोर के पैरों में सूजन और दर्द रहने लगा। इसका वजन बढ़ा हुआ था। चिकित्सक को दिखाया तो फिजियोथेरेपी और नियमित व्यायाम से परेशानी में आराम मिलने लगा।
केस-2: कमला नगर के 17 साल के किशोर के जोड़ में दर्द से चाल में अंतर आने लगा। इसको मोटापा है, खेलकूद की गतिविधियों से भी दूर रहता है। थोड़ा पैदल चलने पर ही दर्द होने लगता है। फिजियोथेरेपी चल रही है।
केस-2: कमला नगर के 17 साल के किशोर के जोड़ में दर्द से चाल में अंतर आने लगा। इसको मोटापा है, खेलकूद की गतिविधियों से भी दूर रहता है। थोड़ा पैदल चलने पर ही दर्द होने लगता है। फिजियोथेरेपी चल रही है।
हड्डी रोगों से बचने के लिए ये करें
- 40 मिनट बैठने के बाद पांच मिनट चलें।
- कंप्यूटर-लैपटॉप को मेज पर रखकर प्रयोग करें।
- रोजाना 40-60 मिनट पैदल चलें, साइकिल चलाएं।
- एक ही मुद्रा देर तक न बैठें, आड़े-तिरछे ढंग से न बैठें।
- बच्चों और किशोरों को भागदौड़ वाले खेलकूद करवाएं।
- प्रोटीन, विटामिनयुक्त भोजन करें, फास्ट फूड से बचें।
- 40 मिनट बैठने के बाद पांच मिनट चलें।
- कंप्यूटर-लैपटॉप को मेज पर रखकर प्रयोग करें।
- रोजाना 40-60 मिनट पैदल चलें, साइकिल चलाएं।
- एक ही मुद्रा देर तक न बैठें, आड़े-तिरछे ढंग से न बैठें।
- बच्चों और किशोरों को भागदौड़ वाले खेलकूद करवाएं।
- प्रोटीन, विटामिनयुक्त भोजन करें, फास्ट फूड से बचें।