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UP: जिला अस्पताल में किए मंडलीय अपर निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर...मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच में खुलासा, केस दर्ज
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Fri, 27 Jun 2025 12:02 AM IST
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सार
जिला अस्पताल में मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के मामले की जांच आई थी। यह सर्टिफिकेट महिला के ट्रांसफर के संबंध में बनाया गया था। मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक ने बताया कि सर्टिफिकेट में हस्ताक्षर उनके नहीं थे।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
आगरा में जिला चिकित्सालय में फर्जी हस्ताक्षर कर मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने का मामला सामने आया है। मंडलीय अपर निदेशक ने अपने हस्ताक्षर को फर्जी बताते हुए रकाबगंज थाने में डॉ. धर्मवीर सिंह और इलेक्ट्रीशियन दिनेश शर्मा के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि 30 मई को मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डाॅ. राजेंद्र कुमार ने थाने में शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि 5 मई को जिला चिकित्सालय की सर्जरी ओपीडी के कक्ष संख्या 207 से राजकुमारी पत्नी अजय सिंह का एक मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया गया। इसे डाॅ. धर्मवीर सिंह ने बनाया था।

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डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि 30 मई को मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डाॅ. राजेंद्र कुमार ने थाने में शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि 5 मई को जिला चिकित्सालय की सर्जरी ओपीडी के कक्ष संख्या 207 से राजकुमारी पत्नी अजय सिंह का एक मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया गया। इसे डाॅ. धर्मवीर सिंह ने बनाया था।
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इस पर उनके फर्जी हस्ताक्षर कर प्रति हस्ताक्षरित किया गया। इसमें इलेक्ट्रीशियन दिनेश शर्मा भी शामिल थे। उन्होंने सर्टिफिकेट जारी कराया। उन्होंने तहरीर में लिखा कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सूचना दी जा रही है। मामले में पुलिस जांच कर रही है। सर्टिफिकेट जारी करवाने वाले काैन लोग हैं? फर्जीवाड़ा किस स्तर पर किया गया? यह सब पता किया जा रहा है।
विभागीय जांच भी हो रही
सीएमओ डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का मामला संज्ञान में आया है। मामले में विभागीय जांच भी कराई जा रही है।
ट्रांसफर केस में बनवाया था सर्टिफिकेट
मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डाॅ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के मामले की जांच आई थी। यह सर्टिफिकेट महिला के ट्रांसफर के संबंध में बनाया गया था। मगर, सर्टिफिकेट में हस्ताक्षर मेरे नहीं थे। इस पर डाॅ. धर्मवीर सिंह से पूछताछ की। वह आरोप लगाने लगे। इस पर थाने में शिकायत की है। पुलिस जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करे।
विभागीय जांच भी हो रही
सीएमओ डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का मामला संज्ञान में आया है। मामले में विभागीय जांच भी कराई जा रही है।
ट्रांसफर केस में बनवाया था सर्टिफिकेट
मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डाॅ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के मामले की जांच आई थी। यह सर्टिफिकेट महिला के ट्रांसफर के संबंध में बनाया गया था। मगर, सर्टिफिकेट में हस्ताक्षर मेरे नहीं थे। इस पर डाॅ. धर्मवीर सिंह से पूछताछ की। वह आरोप लगाने लगे। इस पर थाने में शिकायत की है। पुलिस जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करे।