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UP: पाकिस्तान के जासूस...कुली, नर्स तो कोई साधु बनकर करता मिला जासूसी, देख लें अमर उजाले के पुराने पन्ने
अमित कुलश्रेष्ठ, अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Sat, 24 May 2025 01:10 PM IST
सार
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा इन दिनों खूब चर्चा में हैं। आगरा भी पाकिस्तानी जासूसों की गतिविधियों के केंद्र में रहा है। कोई साधु बनकर रहा तो कोई नर्स के रूप में, तो कोई कुली के रूप में पकड़ा गया।
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अमर उजाले के पुराने पन्ने
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा इन दिनों पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में चर्चाओं में हैं। आजादी के बाद से ही आगरा एयरफोर्स स्टेशन पाकिस्तानी जासूसों की गतिविधियों के केंद्र में रहा है। एयरफोर्स और सैन्य प्रतिष्ठानों की जासूसी के लिए कोई साधु बनकर रहा तो कोई नर्स के रूप में, तो कोई कुली के रूप में पकड़ा गया। राशन अफसर और क्लर्क तक जासूसी करते हुए पकड़े।
अमर उजाला आर्काइव के पुराने पन्नों में दर्ज है कि आजादी के तुरंत बाद 1948 से ही पाकिस्तानी जासूसों की गतिविधियां शुरू हो गईं। हर युद्ध से पहले पाकिस्तानी जासूसों की पूरी फौज ही आगरा और प्रदेश के जिलों में भेजी गई थी, जिनकी गिरफ्तारी से ये खुलासे हुए।
आगरा में वर्ष 1952 में साधु के वेश में एयरफोर्स स्टेशन के पास से काबुल खां पकड़ा गया। उससे पहले 11 अगस्त, 1951 को पूर्वी पाकिस्तान के चटगांव का इब्राहिम नोट और नक्शों के साथ गिरफ्तार किया गया था। उससे हुई पूछताछ के बाद ताजमहल के पास ताजगंज में चटगांव के ही दो जासूस शेख अब्दुल, शेख कल्लू पकड़े गए। अछनेरा से 1951 में ही राजस्थान सरकार की सीआईडी ने इंसा अल्ला खां को गिरफ्तार किया जो स्थानीय नेता का पुत्र था। उसके साथ फिरोजाबाद से पाकिस्तानी जासूस सैयद उबेद, मसूद अहमद, बशीर अहमद पकड़े गए थे।
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अमर उजाला आर्काइव के पुराने पन्नों में दर्ज है कि आजादी के तुरंत बाद 1948 से ही पाकिस्तानी जासूसों की गतिविधियां शुरू हो गईं। हर युद्ध से पहले पाकिस्तानी जासूसों की पूरी फौज ही आगरा और प्रदेश के जिलों में भेजी गई थी, जिनकी गिरफ्तारी से ये खुलासे हुए।
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आगरा में वर्ष 1952 में साधु के वेश में एयरफोर्स स्टेशन के पास से काबुल खां पकड़ा गया। उससे पहले 11 अगस्त, 1951 को पूर्वी पाकिस्तान के चटगांव का इब्राहिम नोट और नक्शों के साथ गिरफ्तार किया गया था। उससे हुई पूछताछ के बाद ताजमहल के पास ताजगंज में चटगांव के ही दो जासूस शेख अब्दुल, शेख कल्लू पकड़े गए। अछनेरा से 1951 में ही राजस्थान सरकार की सीआईडी ने इंसा अल्ला खां को गिरफ्तार किया जो स्थानीय नेता का पुत्र था। उसके साथ फिरोजाबाद से पाकिस्तानी जासूस सैयद उबेद, मसूद अहमद, बशीर अहमद पकड़े गए थे।