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UP: शुरू में मुनाफा...फिर लगती थी मोटी चपत, ऐसे जाल में फंसाते थे साइबर ठग; सरगना ने बताए चाैंकाने वाले राज
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Sun, 28 Sep 2025 09:44 AM IST
सार
साइबर ठग स्टॉक में निवेश पर कम समय में अधिक रुपये कमाने का लालच देते थे। शुरू में मुनाफा करा देते थे, लेकिन बाद में बातचीत करना बंद कर देते। इसके बाद खाते से रकम पार हो जाती।
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गैंग के बारे में जानकारी देती पुलिस।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
आगरा में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने विदेश में बैठे दोस्तों के साथ मिलकर ठगी करने वाले गैंग के मुख्य आरोपी धर्मेंद्र उर्फ डिग्गी को गिरफ्तार किया है। यह पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार का रहने वाला है। पुलिस ने उसके कब्जे से 12 मोबाइल बरामद किए हैं। यह निवेश कराने, क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से ठगी करता था। इसे शनिवार को जेल भेजा गया।
आरोपी के खिलाफ पहले से नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर 46 से अधिक शिकायतें और 4 केस दर्ज हैं। यह दो बार जेल भी जा चुका है। इसने कुछ दिन पहले एयरफोर्स के अधिकारी को जाल में फंसाकर 1.96 करोड़ रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने उनके 1.78 करोड़ वापस करा दिए थे।
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आरोपी के खिलाफ पहले से नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर 46 से अधिक शिकायतें और 4 केस दर्ज हैं। यह दो बार जेल भी जा चुका है। इसने कुछ दिन पहले एयरफोर्स के अधिकारी को जाल में फंसाकर 1.96 करोड़ रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने उनके 1.78 करोड़ वापस करा दिए थे।
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एडीसीपी सिटी आदित्य सिंह ने बताया कि फरवरी 2024 में जॉर्ज जोसफ ने केस दर्ज कराया था। साइबर ठगों ने स्टॉक में निवेश पर कम समय में अधिक रुपये कमाने का लालच देकर उनसे 1.96 करोड़ रुपये ठगे थे। शुरू में मुनाफा कराया लेकिन बाद में करोड़ रुपये से भी अधिक निवेश करा लेने पर बातचीत करना बंद कर दिया था।
पुलिस ने जांच कर पूर्वी दिल्ली प्रीत विहार निवासी धर्मेंद्र कुमार उर्फ डिग्गी को गिरफ्तार किया। यह गैंग का मुख्य सरगना है। स्नातक पास होने के साथ यह हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी भाषा बोलता है।
पुलिस ने जांच कर पूर्वी दिल्ली प्रीत विहार निवासी धर्मेंद्र कुमार उर्फ डिग्गी को गिरफ्तार किया। यह गैंग का मुख्य सरगना है। स्नातक पास होने के साथ यह हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी भाषा बोलता है।
एपीके फाइल कराता था डाउनलोड
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसकी गैंग के अन्य साथी दुबई व अन्य देशों में बैठकर लोगों को आईपीओ स्टॉक एक्सचेंस, क्रिप्टो करेंसी आदि में निवेश के नाम पर जाल में फंसाते हैं। कम समय में अधिक रुपये कमाने का लालच दिया जाता है। इसके बाद उन्हें व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप से जोड़कर एपीके फाइल भेज देते हैं।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसकी गैंग के अन्य साथी दुबई व अन्य देशों में बैठकर लोगों को आईपीओ स्टॉक एक्सचेंस, क्रिप्टो करेंसी आदि में निवेश के नाम पर जाल में फंसाते हैं। कम समय में अधिक रुपये कमाने का लालच दिया जाता है। इसके बाद उन्हें व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप से जोड़कर एपीके फाइल भेज देते हैं।
एपीके फाइल मोबाइल में डाउनलोड होते ही निवेश करने वाले लोगों के मोबाइल और लैपटॉप का एक्सेस गैंग के सदस्य ले लेते हैं। आने वाले रुपयों को फर्जी पेमेंट गेटवे और यूएसडीटी के माध्यम से दुबई ट्रांसफर करा लेते थे। उनकी एक टीम खातों को अरेंज करती है। दुबई में बैठे अतिरेस, भूपेश व अन्य साथी खाता लेकर एपीके फाइल भेजकर रुपये ट्रांसफर करते हैं।
अब तक 80 लाख रुपये ले चुका कमीशन
धर्मेंद्र उर्फ डिग्गी अनजान लोगों को रुपयों का लालच देकर उनके नाम से बैंक में खाते खुलवाता है। टीम के सदस्यों को बैंक खातों की डिटेल देता है। बदले में कमीशन लेता है। आरोपी अब तक 80 लाख रुपये कमीशन ले चुका है। यह पांच देशों की यात्रा कर चुका है।
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धर्मेंद्र उर्फ डिग्गी अनजान लोगों को रुपयों का लालच देकर उनके नाम से बैंक में खाते खुलवाता है। टीम के सदस्यों को बैंक खातों की डिटेल देता है। बदले में कमीशन लेता है। आरोपी अब तक 80 लाख रुपये कमीशन ले चुका है। यह पांच देशों की यात्रा कर चुका है।
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