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राम मंदिर आंदोलन: आगरा में लगाईं गईं खूब बंदिशें, अयोध्या के लिए निकले 200 कार सेवक...नहीं थमे कदम
रूपाली यादव, अमर उजाला, आर्काइव, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Fri, 06 Dec 2024 10:24 AM IST
सार
राम मंदिर आंदोलन में आगरा से 200 कार सेवकों का जत्था अयोध्या के लिए रवाना हुआ था। हाई अलर्ट के बावजूद राम भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ था।
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अमर उजाला के 26 नवंबर, 1992 के अंक में प्रकाशित खबर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राम मंदिर आंदोलन में आगरा के लोगों ने भी अहम भूमिका निभाई थी। हर गली और चौराहे पर पुलिस का कड़ा पहरा लगा हुआ था। मंदिर निर्माण के प्रति कार सेवकों के उत्साह का अंदाजा लगाया जा सकता था कि प्रशासन की तमाम बंदिशों के बावजूद गुप्त नक्शे से अयोध्या पहुंचे थे।
अमर उजाला के 26 नवंबर, 1992 के अंक में प्रकाशित खबर के अनुसार, संजय प्लेस में अशोक सिंघल की जनसभा हुई। सभा के बाद आगरा से 200 कारसेवक और दस बलिदानी जत्थे अयोध्या के लिए रवाना हुए। अयोध्या जाने से पहले सभी ने मन:कामेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की थी। उस समय पुलिस कार सेवकों को देखकर गिरफ्तार कर रही थी। इसके बाद भी युवा और बुजुर्ग अपनी जान जोखिम में डालकर अयोध्या के लिए जयश्रीराम का नारा लगाते हुए निकल पड़े थे।
आगरा से गया था सबसे बड़ा दल
आगरा से जाने वाले कारसेवकों के सबसे बड़े जत्थे का नेतृत्व राजकुमार चाहर ने किया था। यह दल पांच हिस्सों में बांटा गया, जिसका नेतृत्व सुनील जैन, शरद कटियार, अशोक भारद्वाज, हिम्मत सिंह भागाैर व राजीव भारद्वाज ने किया। डॉक्टर सियाराम और शारदा यादव वाले दल में 30 महिलाएं भी शामिल थी।
अपनी जान की नहीं की परवाह
कार सेवा के लिए गए राम भक्तों ने अपनी जान की भी परवाह नहीं की थी। भाजपा के तत्कालीन जिला अध्यक्ष चौधरी उदयभान सिंह, उपाध्यक्ष शिव शंकर शर्मा, दुर्जन सिंह, शशिकांत पाराशर, अशोक अग्रवाल, केशो मेहरा, ओम प्रकाश महाजन, छिद्दी सिंह, राजकुमार चाहर आदि कार सेवा में शामिल थे। बरौली अहीर के कारसेवक रघुवीर सिंह जसावत के पैर पर गुंबद गिरने से चोट आई थी।
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अमर उजाला के 26 नवंबर, 1992 के अंक में प्रकाशित खबर के अनुसार, संजय प्लेस में अशोक सिंघल की जनसभा हुई। सभा के बाद आगरा से 200 कारसेवक और दस बलिदानी जत्थे अयोध्या के लिए रवाना हुए। अयोध्या जाने से पहले सभी ने मन:कामेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की थी। उस समय पुलिस कार सेवकों को देखकर गिरफ्तार कर रही थी। इसके बाद भी युवा और बुजुर्ग अपनी जान जोखिम में डालकर अयोध्या के लिए जयश्रीराम का नारा लगाते हुए निकल पड़े थे।
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आगरा से गया था सबसे बड़ा दल
आगरा से जाने वाले कारसेवकों के सबसे बड़े जत्थे का नेतृत्व राजकुमार चाहर ने किया था। यह दल पांच हिस्सों में बांटा गया, जिसका नेतृत्व सुनील जैन, शरद कटियार, अशोक भारद्वाज, हिम्मत सिंह भागाैर व राजीव भारद्वाज ने किया। डॉक्टर सियाराम और शारदा यादव वाले दल में 30 महिलाएं भी शामिल थी।
अपनी जान की नहीं की परवाह
कार सेवा के लिए गए राम भक्तों ने अपनी जान की भी परवाह नहीं की थी। भाजपा के तत्कालीन जिला अध्यक्ष चौधरी उदयभान सिंह, उपाध्यक्ष शिव शंकर शर्मा, दुर्जन सिंह, शशिकांत पाराशर, अशोक अग्रवाल, केशो मेहरा, ओम प्रकाश महाजन, छिद्दी सिंह, राजकुमार चाहर आदि कार सेवा में शामिल थे। बरौली अहीर के कारसेवक रघुवीर सिंह जसावत के पैर पर गुंबद गिरने से चोट आई थी।